Humaun Tomb in Hindi (हुमायूँ का मकबरा)

Humaun Tomb in Hindi

मुगल सम्राट हुमायूँ का मकबरा दिल्ली के प्रसिद्ध पुराने किले के पास स्थित है। मुगल सम्राट हुमायूँ की मृत्यु सन् 1556 में हुई। इस मकबरे का निर्माण हुमायूँ की विधवा हमीदा बानो बेगम (हाजी बेगम) ने हुमायूँ की याद में मृत्यु के 9 वर्ष बाद करवाया था। सन् 1565 में इस मकबरे का निर्माण शुरू हुआ जो सन् 1572 में पूरा हुआ। इस मकबरे का निर्माण में 15 लाख रूपये खर्च हुए। इस परिसर में मुख्य इमारत मुगल सम्राट हुमायूँ का मकबरा है। मुगल वंश के अनेक शासक यहाँ दफन हैं।

Humaun Tomb in Hindi

हुमायूँ का मकबरा: शाही कब्रों का गढ़

इस मकबरे की परिसर में हुमायूँ की कब्र के अलावा उसकी बेगम हमीदा बानो तथा बाद के सम्राट शाहजहां के ज्येष्ठ पुत्र दारा शिकोह और कई उत्तराधिकारी जैसे मुगल सम्राट जहांदर शाह, फर्रूख्शियार, रफी उल-दर्जत, रफी उद-दौलत एवं आलमगीर द्वितीय आदि की कब्रें स्थित हैं।

अंतिम मुगल शासक, बहादुर शाह जफर ने अपने तीन शहजादों के साथ प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857 ई.) के दौरान इस मकबरे में शरण ली थी। बाद में उन्हें ब्रिटिश सेना के अधिकारी हाॅडसन ने यहीं से गिरफ्तार किया और फिर उन्हें मृत्युपर्यन्त रंगून में कैद कर दिया गया।

हुमायूँ के मकबरे का स्थापत्य कला 

This image has an empty alt attribute; its file name is humayu-tomb3.jpgहुमायूँ के मकबरे के परिसर के अन्दर अन्य इमारतें जैसे बू हलीमा की कब्र और बगीचा, ईसा खान की कब्र और मस्जिद, नीला गुम्बद, अफसरवाला मकबरा और मस्जिद, चिल्ला निजामुद्दीन औलिया और अरब सराय शामिल हैं।

This image has an empty alt attribute; its file name is humayu-tomb2.jpgहुमायूँ का मकबरा भारत में मुगल स्थापत्य कला का प्रथम और सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। भारतीय उपमहाद्वीप का यह प्रथम बगीचा मकबरा है। हुमायूँ के मकबरे का UNESCO ने सन् 1993 में World Heritage Site घोषित किया है।

हुमायूँ के मकबरे का इतिहास 

जब 1556 में सीढ़ियों से गिरकर हुमायूँ की मृत्यु हुई तो उसे पुराने किले में दफ़न कर दिया गया। उसकी मृत्यु के बाद हेमू ने दिल्ली पर आक्रमण कर दिया। हेमू से अपने बादशाह की अस्थियों को बचाने के लिए उसकी सेना ने उसको पुराने किले से निकाल कर पंजाब के कलानौर में फिर से दफ़न किया। हुमायूँ की विधवा बेगा बेगम मक्का हज करने चली गयीं और वहीँ पर उसने हुमायूँ के लिए एक शानदार मकबरा बनाने की शपथ ली। बेगा बेगम फारस के एक आर्किटेक्ट मीराक मिर्ज़ा गियास को मकबरा बनाने के लिए बुलवाया।

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हुमायूँ की विधवा बेगा बेगम ने  ना केवल हुमायूँ का मकबरा बनवाया बल्कि वो निर्माण कार्य पर भी लगातार जाती रहती थी.

Humaun Tomb in Hindi

टाइप: शाही मकबरा
निर्माण प्रारंभ:सन 1565
निर्माण समाप्त: सन 1572
लागत: 15 लाख रूपये
संचालित: Archeological Survey of India (ASI)
स्थित है: दिल्ली, भारत

इसका निर्माण क्यों हुआ: हुमायूँ का मकबरा भारत के दूसरे मुग़ल बादशाह हुमायूँ का मकबरा है जिसे उसकी पहली पत्नी हाजी बेगम ने बनवाया था। इसकी ऊँचाई 47 मीटर और चौड़ाई 91 मीटर है। यह बलुआ लाल पत्थरों से बना है।

वास्तुकला शैली: मुगल

आर्किटेक्ट: मिराक मिर्ज़ा गियास  जो फारस का था।

देखने का समय: सूर्योदय से सूर्यास्त तक, सप्ताह से सभी दिन, सबसे अच्छा समय सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक। 

प्रवेश शुल्क: 10 रुपया भारतीय नागरिकों और SAARC तथा BIMSTEC देश के नागरिकों के लिए। 250 रुपया विदेशियों के लिए. 15 साल तक के बच्चों का प्रवेश निःशुल्क है।

कैसे पहुंचें: नजदीकी रेलवे स्टेशन निजामुद्दीन है। पहले नजदीकी मेट्रो स्टेशन जोर बाग और रेस कोर्स था  (येलो लाइन मेट्रो) लेकिन अब निजामुद्दीन में भी मेट्रो की सुविधा हो गयी है। AC और Non-AC बसें राजीव चौक, ISBT, से निजामुद्दीन के लिए मिल जाती हैं।  इसके अलावा ऑटो से भी जा सकते हैं

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