Agra Tajmahal: आगरा का ताजमहल (मोहब्बत की एक अद्भुत निशानी)

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Agra ka Tajmahal

Agra Tajmahal

आगरा का नाम सुनते ही जेहन में जो सबसे पहला ख्याल आता है वो है आगरा का ताजमहल Agra Tajmahal. आगरा के ताजमहल और वहाँ के इतिहास से सम्बंधित निम्लिखित प्रश्नों के उत्तर हम इस पोस्ट में जानेंगे।

ताजमहल कहाँ है?
ताजमहल को किसने बनवाया?
ताजमहल को उसने क्यों बनवाया?
ताजमहल का इतिहास क्या है?
ताजमहल की विशिष्ट विशेषताएं क्या है?
ताजमहल दुनिया का अजूबा क्यों है?

यह सारी बातें आज हम इस पोस्ट में जानेंगे। तो आइए दोस्तों शुरू करते हैं ताजमहल के इतिहास के पन्ने पलटना।

ताजमहल आगरा की धरती का वो नायाब हीरा है जिसे हम गर्व के साथ इस दुनिया के सामने रखते हैं। यह एक ऐसी इमारत है जिसे देखने के लिए विश्व के कोने-कोने से लोग आते हैं।

आगरा भारत देश के जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा जिला है। आगरा मुगलों का पसंदीदा शहर था यही वजह थी कि उन्होंने दिल्ली से ज्यादा आगरा को तवज्जो दी। मुगलों ने आगरा को अपनी राजधानी बनाया।

आगरा शहर की स्थापना इब्राहिम लोदी ने 1504 में किया था। लेकिन जिस समय लोदी वंश का शासक लोधी ने शहर को बसाया था, उस समय किसी ने भी यह कल्पना नहीं की थी कि एक समय यह शहर विश्व भर में अपने खूबसूरत ताजमहल के लिए जाना जाएगा। जिसे आज दुनिया के सात अजूबों में शुमार किया जाता है।

ताजमहल आगरा में स्थित है। इसे भारत की शान और प्रेम का एक अद्भुत प्रतीक चिन्ह माना गया है। ताजमहल सफेद संगमरमर से बना है। इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था। दरअसल मुमताज महल मुगल बादशाह शाहजहां की तीसरी पत्नी थी जिसे वह बहुत प्यार करता था। मुमताज महल की अपने 14वें बच्चे के प्रसव के समय मृत्यु हो गई जिससे शाहजहां बहुत विचलित हुआ। उसने मुमताज महल की याद में ताजमहल बनवाने का निश्चय किया।

स्थापत्य कला का एक अद्भुत नमूना है ताज महल

ताजमहल (Agra Tajmahal) बनाने के लिए भारत ही नहीं विश्व से एक से बढ़कर एक दक्ष कारीगर बुलाए गए। बगदाद से कारीगर बुलाया गया जो पत्थरों पर घुमावदार अक्षरों को तराश कर लिख सकता था। इसी तरह बुखारा शहर जो मध्य एशिया में है वहां से कारीगर बुलाया गया जो संगमरमर पर फूलों को तराश सकता था। विशाल गुंबदों को बनाने के लिए तुर्की के इस्तांबुल में रहने वाले कारीगर को बुलाया गया तथा मीनारों के निर्माण करने के लिए दक्ष कारीगरों को बुलाया गया। इस प्रकार ताजमहल के निर्माण से कुल 6 महीने पहले ही कुशल कारीगरों में से तराश कर 37 दक्ष कारीगर इकट्ठे कर लिए गए थे जिनकी देखरेख में 25000 से ज्यादा मजदूरों ने काम करके ताजमहल का निर्माण किया।

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ताजमहल के निर्माण मे लगने वाला संगमरमर राजस्थान के मकराना से तथा अन्य कई प्रकार की कीमती पत्थर और रत्न विश्व के कई हिस्सों से इकट्ठा करके ताज महल का निर्माण कराया गया।

ताजमहल को मुग़ल वास्तु कला का अद्भुत नमूना माना जाता है। इसकी वास्तु शैली फारसी, तुर्की, भारतीय, इस्लामी इन सभी का मिश्रण है। सन 1983 में ताजमहल को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया और इसके साथ ही इसे विश्व धरोहर के सबसे ज्यादा प्रशंसा पाने वाले उत्तम मानवीय कृतियों में से एक बताया गया।

उस्ताद अहमद लाहौरी को इसका प्रधान रूपांकनकर्ता (Chief Architect) माना जाता है।

ऐसा कहा जाता है कि ताजमहल के निर्माण कार्य के बाद शाहजहां ने इसके कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे ताकि वो लोग इसके जैसी दूसरी इमारत ना बना सके।

ताजमहल कहां स्थित है?

ताजमहल, भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा जिले में स्थित है जो भारत की राजधानी दिल्ली से 200 किलोमीटर की दूरी पर है।

ताजमहल को किसने बनवाया?

ताजमहल (Agra Tajmahal) को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी तीसरी बेगम मुमताज महल जो फारस की थी उसकी याद में बनवाया था। दरअसल अपना 14वां बच्चा जनते वक्त मुमताज महल मर गई थी, जिससे शाहजहां को काफी सदमा पहुंचा था।

मुमताज महल कौन थी?

मुमताज महल फारस देश की राजकुमारी थी जिसका जन्म 1 सितंबर 1593 में हुआ था। मुगल बादशाह शाहजहां ने उससे निकाह किया। हालांकि यह शाहजहां की तीसरी पत्नी थी लेकिन सबसे चहेती थी। मुमताज महल 1631 में अपना 14वां बच्चा जनते वक्त मात्र 37 साल की उम्र में चल बसी। इसकी 14वीं संतान का नाम गौहर बेगम था।

ताज महल (Agra Tajmahal) के निर्माण का इतिहास

  • ताजमहल का निर्माण पांचवा मुगल बादशाह शाहजहां ने करवाया था।
  • शाहजहां ने भारत पर 1628 से 1658 तक शासन किया।
  • शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में ताजमहल का निर्माण कराया था।
  • ताजमहल सफेद संगमरमर से बना है जो राजस्थान के मकराना नामक जगह से लाए गए थे।
  • ताजमहल का मुख्य रूपांकनकर्ता  उस्ताद अहमद लाहौरी था। इसे बनाने के लिए विश्व के कोने-कोने से दक्ष कलाकारों को लाया गया था।
  • वस्तुतः ताज महल मुमताज महल का मक़बरा है। मुमताज महल की मृत्यु के बाद शाहजहां बहुत उदास हो गया था तब उसने अपने प्रेम को जिंदा रखने के लिए, अपनी पत्नी की याद में ताजमहल बनवाने का निर्णय किया।
  • ताजमहल के निर्माण कार्य की आधिकारिक घोषणा 1631 में हुई तथा 1632 में ताजमहल का निर्माण कार्य शुरू किया गया।
  • ताजमहल के निर्माण में लगभग 11 साल लगे और इसका निर्माण 1643 में लगभग पूरा हो गया था लेकिन इस के सारे पहलुओं पर काम करते करते इसे बनाने में लगभग 10 साल और लग गए। इसतरह इसका  निर्माण कार्य 1653 ईसवी में बंद हुआ।
  • ताजमहल के निर्माण की लागत 1653 में लगभग ₹320 लाख की थी जिसकी आज की कीमत करीब ₹50 अरब रूपये से भी ज्यादा है।
  • ताजमहल के निर्माण कार्य में लगभग 25000 से ज्यादा मजदूरों ने और लागत सामग्री को इधर उधर करने के लिए 1500 से ज्यादा हाथियों ने काम किया।

ताजमहल की संरचना और प्रारूप

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ताजमहल (Agra Tajmahal) की संरचना में फारसी, तुर्की, भारतीय, तथा इस्लामी इन सारी वास्तुकलाओं का मिश्रण देखने को मिलता है।

हुमायूं का मक़बरा, एत्माद्दौला का मकबरा, शाहजहां द्वारा बनाई गई दिल्ली की जामा मस्जिद को ताजमहल के निर्माण का आधार माना जाता है।

ताजमहल पहली ऐसी मुगल इमारत थी जिसके निर्माण के लिए सफेद संगमरमर का चुनाव किया गया। इसके पहले की सारी इमारतों में लाल पत्थर का इस्तेमाल किया जाता था।

इन सफेद संगमरमर पर कई तरह की नक्काशी की गई है।

ताजमहल के विभिन्न हिस्से

ताजमहल में मुख्य रूप से मुमताज महल का मकबरा है। इसके मुख्य कक्ष में शाहजहां और मुमताज महल की नकली कब्रें मौजूद हैं जिसको बहुत अच्छे ढंग से सजाया गया है। इनकी असली कब्रें निचले तल पर स्थित है। इस मकबरे को बनाने के लिए ताजमहल के ऊपर गुंबद, गुंबद की छतरी तथा मीनार का निर्माण कराया गया है।

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ताजमहल का  गुंबद सफेद संगमरमर का बना हुआ है। यह उल्टे कलश के जैसा दिखता है। इस गुंबद को सहारा देने के लिए इसके चारों तरफ छोटे छोटे गुंबद के आकार की छतरियां बनाई गई है जिनके आधार से मुमताज महल के मकबरे पर रोशनी पड़ती है।

पहले ताजमहल के शिखर पर स्थित कलश सोने का बना हुआ था परंतु अब उसे कांसे से बनाया गया है। इस कलश पर चंद्रमा की आकृति है जो कलश की नोंक के साथ मिलकर त्रिशूल का आकार बनाती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह त्रिशूल भगवान शिव के चिन्ह को दर्शाता है इसलिए कुछ लोग ताजमहल को भगवान शिव का प्राचीन मंदिर “तेजोमहालय” मानते हैं जिसे बाद में मुगलों द्वारा अतिक्रमण करके मकबरे का रूप दिया गया। इस मान्यता का मुख्य आधार पी. एन. ओक की लिखी एक पुस्तक है। पी. एन. ओक एक प्रसिद्द इतिहासकार थे जिन्होंने ताजमहल पर काफी शोध किये थे।

ताज महल विश्व की धरोहर है। इसे पूरे विश्व का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है। यहां हर साल लगभग 7 से 8 लाख  पर्यटक आते हैं जो भारत सरकार की पर्यटन से होने वाली आय का मुख्य स्रोत है। अपनी अद्वितीय सुन्दरता के कारण ही ताज महल को विश्व के सात अजूबों में से एक माना जाता है।

अम्ल वर्षा के कारण ताजमहल को नुकसान

आजकल अम्लवर्षा के कारण ताजमहल का क्षरण हो रहा है और इसका रंग सफेद से धीरे धीरे काला पड़ता जा रहा है जो कि बहुत ही चिंताजनक स्थिति है। आगरा में कई कारखाने और पावर प्लांट हैं जो कई तरीके के रासायनिक पदार्थ निकालते हैं। यह वर्षा के साथ मिलकर अम्ल वर्षा कराते हैं जिससे इस विश्व प्रसिद्द इमारत को बहुत हानि पहुंच रही है।

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