Yatayat Sadak Suraksha / यातायात तथा सड़क सुरक्षा के नियम
यातायात क्या है? (What is transportation in Hindi?)
यातायात का शाब्दिक अर्थ है एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना। यातायात व्यक्ति या वस्तु का एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर जाने या आने का क्रम है। मनुष्य या अन्य जीव अपनी जीविका, मनोरंजन, या सुरक्षा आदि कारणों से लगातार स्थान बदलते रहते हैं, इसी को यातायात या परिवहन कहा जाता है। Yatayat Sadak Suraksha
यातायात के साधन
जिन साधनों के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक मनुष्यों, वस्तुओं एवं कच्चा माल आदि का आवागमन होता है, उन्हें यातायात के साधन कहते हैं
पुराने समय में यातायात के साधनों की कमी थी, परिवहन, लोगों एवं सामान के आवागमन के साधन सीमित है, अत: अधिक दूरी की यात्रा करने में बहुत ज्यादा समय लगता था। उस समय हमारे देश में सामान्यतः गधे, घोड़े , खच्चर, बैल एवं ऊंट का प्रयोग यातायात के साधन के रूप में किया जाता था। दक्षिण अफ्रीका के एंडीज पर्वत में लामा का प्रयोग उसी तरह किया जाता है, जिस तरह तिब्बत में याक का प्रयोग किया जाता है। Yatayat Sadak Suraksha
वर्तमान समय में यातायात के चार मुख्य साधन है-
सड़क परिवहन
सड़क परिवहन यातायात का एक प्रमुख साधन है। भारत में 52।32 लाख किलोमीटर से बड़ा सड़क नेटवर्क है। जिसके कारण इसे विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क होने का गौरव प्राप्त है।
- भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग NH-44 है, जो श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ता है।
- भारत का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग NH- 47A है।
- भारत का सबसे प्राचीन सड़क मार्ग शेरशाह सूरी मार्ग है, जिसको ग्रांड ट्रंक रोड भी कहा जाता है। यह NH-1 और NH-2 को मिलाकर बनती है। यह कोलकाता से अमृतसर के बीच है।
- विश्व की सबसे ऊंची सड़क मनाली लेह राजमार्ग है।
- लद्दाख के ज्यादातर लोग ट्रॉली का उपयोग करते हैं।
- भारत का सबसे लंबा सड़क पुल महात्मा गांधी सेतु पटना में स्थित है।
- भारत में अनेक राष्ट्रीय तथा राज्य राजमार्ग है। इसके अलावा पिछले कुछ सालों से भारत में लगातार एक्सप्रेस वे का निर्माण भी किया जा रहा है।
Yatayat Sadak Suraksha
भारत में सड़कों की सक्षमता के आधार पर इन्हें निम्नलिखित 6 वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है-
स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग
यह दिल्ली-कोलकाता, चेन्नई-मुंबई, व दिल्ली को जोड़ने वाली ६ लेन वाली महानगर राजमार्ग सड़क परियोजना है। यह राजमार्ग परियोजना भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आती है। पूर्व पश्चिम और उत्तर- दक्षिण गलियारा भी इसी का एक विशेष भाग है। पूर्व पश्चिम गलियारा पोरबंदर से सिलचर को तथा उत्तर दक्षिण गलियारा श्रीनगर से कन्याकुमारी को जोड़ता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग
राष्ट्रीय राजमार्ग देश के दूरस्थ भागों को जोड़ते हैं। ये देश के प्राथमिक सड़क तंत्र हैं जिनका निर्माण और रखरखाव केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ( सेंट्रल पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट) CPWD के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
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राज्य राजमार्ग
राज्यों की राजधानियों को जिला मुख्यालयों से जोड़ने वाली सड़कों को राज्य राजमार्ग कहते हैं। राज्य तथा केंद्र शासित क्षेत्रों में इनकी व्यवस्था तथा निर्माण का दायित्व रांची के सार्वजनिक निर्माण विभाग पीडब्ल्यूडी पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट का होता है।
जिला मार्ग
जिला मार्ग वे सड़कें हैं जो जिले के विभिन्न प्रशासनिक केंद्रों को जिला मुख्यालय से जोड़ती है। इन सड़कों की व्यवस्था का उत्तरदायित्व जिला परिषद का होता है।
अन्य सड़कें
इस वर्ग के अंतर्गत हुए सड़कें आती हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों तथा गांवों को शहरों से जोड़ती है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना के तहत इन सड़कों के विकास हेतु विशेष प्रोत्साहन मिलता रहा है।
सीमांत सड़कें
सीमांत क्षेत्रों तथा अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास दुर्गम क्षेत्रों में सड़क निर्माण का कार्य, सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जाता है। इन सड़कों को सीमांत सड़कें कहते हैं। इसकी शुरुआत वर्ष 1960 में की गई थी। Yatayat Sadak Suraksha
रेलमार्ग
- भारतीय रेल की शुरुआत 1853 ईस्वी में मुंबई और ठाणे के बीच में हुई थी।
- विश्व का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफॉर्म भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर में ( लंबाई- 1।3 किलोमीटर) है।
- भारत का सबसे लंबा रेल मार्ग डिब्रूगढ़ (असम) से कन्याकुमारी( तमिलनाडु) के बीच स्थित है। इसकी कुल लंबाई 4286 किलोमीटर है जिसपे विवेक एक्सप्रेस नाम की ट्रेन चलती है।
रेलवे जोन
भारतीय रेल को 17 रेलवे जोन में बांटा गया है, ताकि प्रशासनिक काम सुचारूपूर्ण ढंग से किये जा सके। यह 17 रेलवे जोन निम्नलिखित है-
जोन मुख्यालय
- मध्य रेलवे मुंबई सेंट्रल
- पूर्वी रेलवे कोलकाता
- उत्तरी रेलवे नई दिल्ली
- उत्तरी पूर्वी रेलवे गोरखपुर
- उत्तरी पूर्वी सीमांत प्रांत रेलवे गुवाहाटी
- दक्षिणी रेलवे चेन्नई
- दक्षिणी मध्य रेलवे सिकंदराबाद
- दक्षिणी पूर्वी रेलवे कोलकाता
- पश्चिमी रेलवे मुंबई चर्चगेट
- पूर्वी मध्य रेलवे हाजीपुर
- उत्तरी पश्चिमी रेलवे जयपुर
- पूर्वी तटवर्ती रेलवे भुवनेश्वर
- उत्तरी मध्य रेलवे इलाहाबाद
- दक्षिणी पश्चिमी रेलवे हुबली
- पश्चिमी मध्य रेलवे जबलपुर
- दक्षिण पूर्वी मध्य रेलवे बिलासपुर
- कोलकाता मेट्रो कोलकाता
- कोंकण रेलवे मुंबई से मंगलूर के बीच चलती है जिसकी कुल लंबाई 760 किलोमीटर है इस मार्ग पर 179 बड़े पुल और सुरंगे हैं।
- जम्मू बारामुला रेल मार्ग की लंबाई 342 किलोमीटर है जिसके प्रमुख स्टेशन उधमपुर, कटरा, कोसी कोड, श्रीनगर एवं बारामुला हैं
- माउंटेन रेलवे भारतीय पर्वतीय क्षेत्रों में संचालित होती है, इनको टॉय ट्रेन भी कहा जाता है। जैसे- दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरी माउंटेन रेलवे, कालका शिमला रेलवे, कांगड़ा घाटी रेलवे।
मेट्रो रेल प्रणाली
मेट्रो रेल की शुरुआत कोलकाता में वर्ष 1984 में हुई थी। दिल्ली में इसकी शुरुआत 25 दिसंबर 2002 को हुआ। इस समय मेट्रो जयपुर लखनऊ चेन्नई आदि शहरों में भी परिचालन में है।
वर्ष 2017 में भारत (मुंबई-अहमदाबाद) में बुलेट ट्रेन का शिलान्यास हुआ था।
जल परिवहन
जल यातायात परिवहन का सबसे सस्ता साधन है तथा भारी एवं स्थूल सामग्री के परिवहन के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। जल परिवहन प्रणाली ईंधन दक्ष तथा पारिस्थितिकी अनुकूल परिवहन प्रणाली है।
जल परिवहन दो प्रकार का होता है-
- आंतरिक जलमार्ग
- समुद्री जलमार्ग
आंतरिक जलमार्ग
नदियों एवं छोटी जल धाराओं के मार्ग से परिवहन को आंतरिक जलमार्ग कहते हैं। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक लंबे आंतरिक जलमार्ग विद्यमान है। वर्ष 1986 भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन किया गया था इसका मुख्यालय नोएडा में स्थित है। इस समय भारत में 14500 किलोमीटर लंबा जलमार्ग नौकायन हेतु उपलब्ध है, जो देश के परिवहन में लगभग 1 परसेंट का योगदान देता है। इसके अंतर्गत नदिया नहरे संकरी खाड़ियां आदि आती है। वर्तमान में 3700 किलोमीटर प्रमुख नदी जलमार्ग चपटे तल वाले व्यापारिक जलपोतों द्वारा नौकायन योग्य है, जिसमें से मात्र 2000 किलोमीटर का वास्तविक उपयोग होता है। इसी प्रकार 4500 किलोमीटर नौकायन योग्य नहरों में से मात्र 900 किलोमीटर जलमार्ग यंत्रीकृत जलयानों द्वारा नौकायन योग्य है।
भारत के प्रमुख राष्ट्रीय जलमार्ग हैं-
- इलाहाबाद से हल्दिया ( गंगा नदी)
- सदिया से घुबरी ( ब्रह्मपुत्र नदी)
- कोल्लम से कोट्टापुरम (केरल)
- तालचर से पारादीप ( ब्राह्मणी नदी)
- काकीनाडा से पुडुचेरी
समुद्री जलमार्ग
भारत के पास द्वीपों सहित लगभग 7517 किलोमीटर लंबा व्यापक समुद्र तट है। यहां पर 12 प्रमुख 185 गौण पत्तन इन मार्गों को संरचनात्मक आधार प्रदान करते हैं। भारत में भार के अनुसार लगभग 95% कथा मूल्य के अनुसार लगभग 70% विदेशी व्यापार महासागरीय जल मार्ग द्वारा होता है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के साथ-साथ इन मार्गों का उपयोग देश की मुख्य भूमि तथा द्वीपों के बीच परिवहन के लिए भी होता है।
भारत के अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मार्ग–
- मुंबई बंदरगाह से पाकिस्तान, अरब देश, यूरोप, अफ्रीका के लिए
- चेन्नई बंदरगाह से श्रीलंका ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के लिए
- कोलकाता बंदरगाह से म्यानमार, मलाया, इंडोनेशिया तथा ऑस्ट्रेलिया के लिए
भारत के प्रमुख बंदरगाह
बंदरगाहों का प्रयोग दो देशों के बीच व्यापार के लिए किया जाता है। ये मार्ग अंतर्राष्ट्रीय पत्तनों द्वारा एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। भारत के कुछ प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाहों के नाम निम्नलिखित है-
- कांडला गुजरात
- मार्मागोवा गोवा
- कोच्चि केरल
- विशाखापट्टनम आंध्र प्रदेश
- हल्दिया कोलकाता
- पारादीप उड़ीसा
- न्हावाशेवा मुंबई
- न्यूमंगलौर कर्नाटक
- तूतीकोरिन तमिलनाडु
- भारत की सबसे लंबी नहर इंदिरा गांधी नहर है
- केरल के लोग वहां के लैगून में परिवहन के लिए वलम तथा फेरी नामक छोटी नाव का प्रयोग करते हैं।
वायुमार्ग
- 20वीं सदी के आरंभ में विकसित वायुमार्ग, यातायात परिवहन का सबसे तीव्र माध्यम है। ईंधन की लागत अधिक होने के कारण यह सर्वाधिक महंगा साधन भी है।
- इसकी सेवा दुर्गम क्षेत्रों में भी ली जाती है।
- भारत में वर्ष 1911 में वायु परिवहन का प्रारंभ किया गया, जो इलाहाबाद से नैनी के बीच में डाक सेवा के रूप में हुआ था।
- भारत में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण वर्ष 1953 में हुआ।
- शुरुआती समय में एयर इंडिया अंतर्राष्ट्रीय तथा इंडियन एयरलाइंस घरेलू एवं पड़ोसी देशों को हवाई सेवा उपलब्ध कराता था, लेकिन बाद में इन दोनों के विलय को संयुक्त रूप से एयर इंडिया कहा जाता है, जो घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्रकार की हवाई सेवाएं उपलब्ध कराता है।
- कुछ निजी कंपनियां वायु परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराती हैं जैसे- जेट एयरवेज, इंडिगो, विस्तारा, एवं एयर एशिया आदि।
- पवन हंस हेलीकॉप्टर लिमिटेड तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग को अगम्य में तथा दुर्लभ क्षेत्रों में जैसे- उत्तरी पूर्वी राज्यों तथा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, एवं उत्तराखंड के आंतरिक क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध कराता है।
- वर्ष 2012 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रस्ताव पर 5 घरेलू हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा दिया गया है।
वर्तमान में भारत में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या 25 है, इसमें से निम्नलिखित प्रमुख है-
- सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दमदम कोलकाता
- मीनाम्बकम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा चेन्नई
- राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा हैदराबाद
- इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नई दिल्ली
- छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मुंबई
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