Upsarg Pratyay Prefix Suffix Hindi (उपसर्ग और प्रत्यय)

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upsarg aur pratyay

Upsarg Pratyay Prefix Suffix Hindi, (Prefix and Suffix in Hindi)

Important Topics: समास, अलंकार, मुहावरे, विलोम शब्द, पर्यायवाची शब्द, तद्भव-तत्सम, कारक-विभक्ति, लिंग, वचन, काल

उपसर्ग का अर्थ और परिभाषा (Upsarg Meaning & definition in Hindi)

उपसर्ग उस अक्षर या अक्षर समूह को कहते हैं जो किसी शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं.
जैसे – कर्म के पहले ‘सु’ उपसर्ग लगने से कर्म शब्द सुकर्म बन जाता है|
‘उपसर्ग ‘दो शब्दों (उप+सर्ग) के योग से निर्मित हुआ है|‘उप’ का अर्थ ‘समीप’ ,’निकट’ या
‘पास’ में होता है,जबकि ‘सर्ग’ का अर्थ है-‘सृष्टि करना’| 
Upsarg Pratyay Prefix Suffix Hindi
उपसर्ग को ‘आदि प्रत्यय’ भी कहा जाता है| इसका प्रयोग शब्द के आदि (पहले) में किया जाता है;
जैसे: 
‘प्र’+’हार’=प्रहार
उपसर्ग का अर्थ है – पास में बैठकर दूसरा नया अर्थ वाला शब्द बनाना
हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाले उपसर्ग मुख्यत: तीन भागों में  विभक्त है तथा इनकी संख्या इस तरह है-
(1)- संस्कृत के उपसर्ग : 22 (तत्सम)
(2)- हिंदी के उपसर्ग : 10 (तद्भव )
(3)- आगत उपसर्ग : 12 (उर्दू अरबी-फारसी और अंग्रेजी भाषा से लिए गए) उपसर्ग
संस्कृत या तत्सम उपसर्ग 
उपसर्ग अर्थ शब्द रूप 
अति अधिक, परे
  • अत्याचार (अति+आ+चार)
  • अत्युक्ति (अति+उक्ति),
  • अत्याधुनिक (अति+आधुनिक)
  • अतिव्याप्ति (अति+व+आप्ति),
  • अतीत (अति+इत)
  • अतीव (अति+इव)
  • अतिक्षिप्र
  • अतिरिक्त
  • अतिसार
  • अतिवृष्टि
  • अत्यन्त
  • अतिक्रमण
  • अतिमानव
अधि ऊपर, अधिक, स्थान में श्रेष्ठ
  • अधीन (अधि+इन)
  • अधिक्षण (अधि+ईक्षण)
  • अध्यक्ष (अधि+अक्ष)
  • अधिष्ठान (अधि+स्थान)
  • अधिराज
  • अधिनायक
  • अधिवक्ता आदि
अनु सदृश, के समान

छोटा, प्रत्येक, पीछे

  • अनुच्छेद(अनु+छेद)
  • अनुज (अनु+ज),
  • अनुभव (अनु+भव)
  • अनुराग (अनु+राग)
  • अनुमति (अनु+मती)
  • अन्वेषण (अनु+एषण)
अप बुरा,विपरीत

(अपवाद)

  • अपवर्तन
  • अपशब्द
  • अपहरण
  • अपराध
  • अपेक्षा

अपंग(अप+अंग) अपंग अपवाद है क्योंकि इसमें दीर्घ स्वर संधि ‘आ’ नहीं बना है

अपि भी
  • अपिधान (ढक्कन)
  • अपिहित (ढका हुआ)
  • अपितु
अभि सामने, पास, विशेष, ओर
  • अभ्यागत (अभि+आ+गत)
  • अभिषेक (अभि+षेक)
  • अभिज्ञ (अभि+ज्ञ)
  • अभीष्ट (अभि+इष्ट)
  • अभ्यर्थी (अभि+अर्थी)
  • अभ्युदय (अभि+उद+अय)
  • अभिन्यास (अभि+नि+आस)
  • अभिकरण
  • अभिप्राय
  • अभिभावक
  • अभिवादन
  • अभिनय
  • अभिशाप
अव बुरा, हीन, नीचा
  • अवज्ञा (अव+ज्ञा)
  • अवछिन्न (अव+छिन्न)
  • अवधि
  • अवरोह
  • अवलोकन
  • अवसाद
तक, से, इधर,  समेत, उल्टा
  • आच्छादन (आ+छादन)
  • आसन्न(आ+सन्न)
  • आज्ञा
  • आनन्द
  • आदेश
  • आतंक
  • आयोग
  • आश्रम
  • आपत्ति
  • आराधना
  • आचरण
उद्/उत् ऊपर, श्रेष्ठ
  • उन्नति (उद्+नति)
  • उत्कृष्ट (उद्+कृष्ट)
  • उत्कर्ष (उद्+कर्ष)
  • उत्थान (उद्+स्थान)
  • उदय
  • उज्ज्वल
  • उल्लास
  • उत्पन्न
  • उद्यम
  • उदंड
उप पास, छोटा, सहायक
  • उपन्यास (उप+नि+आस)
  • उपाधि (उप+आधि)
  • उपमा (उप+मा)
  • उपनिवेश (उप+नि+सद्)
  • उपभेद
  • उपाध्यक्ष (उप+अधि+अक्ष)
दुर् कठिन,बुरा

विपरीत

  • दुराज (दुर्+राज)
  • दुर्योधन (दुर्+योधन)
  • दुरभिसंधि (दुर्+अभि+सम्+धि)
  • दुरन्त (दुर्+अंत)
  • दुर्व्यवहार (दुर्+वि+अव+हार)
  • दुरूह (दुर्+ऊह)
  • दुराशा (दुर्+आशा)
  • दुर्जन
  • दुर्गम
1.(a) दुश् कठिन
  • दुश्शासन (दुश्+शासन)
  • दुश्शील (दुश्+शील)
  • दुश्चरित्र (दुश्+चरित्र)
(b) दुष् बुरा
  • दुष्कर्म (दुष्+कर्म)
  • दुष्प्रयोग (दुष्+प्रयोग)
  • दुष्परिणाम (दुष्+परि+नाम)
  • दुष्प्रहार
  • दुष्कर
(c) दुस् विपरीत
  • दुस्साहस (दुस्+साहस)
  • दुस्तर (दुस्+तर)
  • दुस्साध्य (दुस्+साध्य)
  • दुस्स्वप्न
नि बड़ा, विशेष

निषेधात्मक

  • निषेध (नि+सेध), नियम (नि+यम), निरोध (नि+रोध)
  • निष्ठा (नि+स्था), निकाय (संगठन),न्याय (नि+आय)
  • निहित, निखिल, निधि (नि+धि)
निर् बड़ा,विशेष

अभाव

  • निर्विरोध (निर्+वि+रोध)
  • निरापद (निर्+आ+पद)
  • निरुपम (निर्+उप+म)
  • निरादर (निर्+आ+दर)
  • निराश्रय (निर्+आ+श्रय)
  • निराकरण
1. (a)निश् निषेधात्मक
  • जो (च,छ,श) से पहले आये

जैसे-निश्चित (निश्+चित),

  • निश्वास (निश्+श्वास), निश्चय (निश्+चय)
(b) निष् अभाव
  • जो (क,प,फ) से पहले आये

जैसे- निष्काम (निष्+काम),

  • निष्पत्ति (निष्+पत्ति)
  • निष्फल (निष्+फल)
(c) निस् बड़ा, विशेष
  • जो (त,स)से पहलेआयेजैसे-निस्संकोच(निस्+सम+कोच)
  • निस्संदेह(निस्+सम+देह)
  • निस्स्वार्थ

नोट: अघोष तालव्य व्यंजन (च, छ, श) से पहले निश् और (क, प, फ) से पहले निष् तथा दंत्य अघोष व्यंजनों (त, स) से पहले निस् का प्रयोग होता है

परा दूर, उल्टा
  • पराजय (परा+जय)
  • परास्त (परा+अस्त)
  • परावर्तन
  • पराक्रमी
  • परामर्श
परि चारों ओर, पास
  • परिमाण (परि+मान)
  • परिणय (परि+नय)
  • पर्यावरण (परि+आ+वरण)
  • पर्यटन (परि+अटन)
  • परिश्रम
  • परिपूर्ण
  • परिवर्तन
  • परिधि
  • परिशिष्ट
  • परीक्षा
  • पर्याप्त
प्र आगे, अधिक, विशिष्ट
  • प्रज्ज्वल(प्र+उद्+ज्वल)
  • प्रेषक(प्र+ईषक)
  • प्रणयन(प्र+नयन)
  • प्राचार्य(प्र+आ+चार्य)
  • प्रयास (प्र+यास)
  • प्रस्तावना (प्र+स्तावना)
  • प्रखर (प्र+खर)
  • प्रबल
  • प्रसव
  • प्रयोग
  • प्रवीण
  • प्रक्रम
प्रति विपरीत, प्रत्येक ओर
  • प्रत्याघात (प्रति+आ+घात)
  • प्रतिघात (प्रति+घात)
  • प्रतीक्षा (प्रति+इच्छा)
  • प्रतिक्षण
  • प्रतिज्ञा
  • प्रत्येक (प्रति+एक)
  • प्रतिमा (प्रति+मा)
  • प्रतिभा (प्रति+भा=चमक)
  • प्रतिष्ठा(प्रति+स्था)
वि विशेष, भिन्न, अभाव
  • व्याकुल (वि+आ+कुल)
  • व्याकरण (वि+आ+करण)
  • व्यय (वि+अय)
  • व्यवसाय (वि+अव+साय)
  • विकीर्ण (वि+कीर्ण)
  • विख्यात
  • विध्वंस
सम् अच्छी तरह, शुद्ध

पूर्णतः साथ

  • संचार (सम्+चार)
  • संतोष (सम्+तोष)
  • समर्पण (सम्+अर्पण)
  • समीक्षा(सम्+ईक्षा)
  • संस्कृति (सम्+कृति)
  • संप्रेषण (सम्+प्र+ईषण)
  • समग्र
सु अच्छा, सरल, विशद
  • सुस्वागतम (सु+स्वा+आगतम)
  • सुनिश्चत (सु+निस्+चय)
  • सुषुप्त(सु+सुप्त)
  • स्वयं(सु+अयं)
  • सुदृढ
  • स्वच्छ
  • सुमार्ग

Upsarg Pratyay Prefix Suffix Hindi

प्रत्यय का अर्थ और परिभाषा (Pratyay Meaning & Definition in Hindi)

‘प्रत्यय’ शब्द का निर्माण दो शब्दों से मिलकर हुआ हैं, पहला ‘प्रति’ और दूसरा ‘अय’ अथार्त् प्रति+अय=प्रत्यय

जहाँ ‘प्रति’ का अर्थ ‘साथ में, पर बाद में’ तथा ‘अय’ का अर्थ ‘चलनेवाला, लगनेवाला’ होता है. इस प्रकार प्रत्यय शब्द का शाब्दिक अर्थ ‘शब्दों के साथ में या बाद में चलनेवाला या लगनेवाला शब्द ‘प्रत्यय’ कहलाता है |

दूसरे शब्दों में –

प्रत्यय उस ‘अक्षर’ या ‘अक्षर-समूह’ को कहते हैं, जो किसी शब्द के बाद (अंत) में जुटकर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं.

जैसे-‘मीठा’ शब्द में ‘ई’ प्रत्यय लगाकर ‘मिठाई’ बन जाता है |

मुख्य रूप से प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं –

1) कृत् प्रत्यय
2) तद्धित प्रत्यय

1) कृत् प्रत्यय – जो प्रत्यय, क्रिया अथवा धातु के बाद लगाये जाते हैं, कृत् प्रत्यय कहलाते हैं. कृत्-प्रत्यय के मेल से बने शब्दों को ‘कृदंत’ कहते हैं.
2).तद्धित प्रत्यय – जो प्रत्यय, संज्ञा,सर्वनाम तथा विशेषण शब्दों के अंत में लगाये जाते हैं, तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं. तद्धित प्रत्यय के मेल से बने शब्दों को ‘तद्धितांत’ कहते हैं.

Upsarg Pratyay Prefix Suffix Hindi

कृत् प्रत्यय के भेद (प्रकार)-

कृत् प्रत्यय के भेद निम्नलिखित हैं-

i) कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय
ii) कर्मवाचक कृत् प्रत्यय
iii) करणवाचक कृत् प्रत्यय
iv) भाववाचक कृत् प्रत्यय
v) क्रियावाचक कृत् प्रत्यय
vi) विशेषणवाचक कृत् प्रत्यय

1.कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय –

वे कृत् प्रत्यय, जो धातु के अंत में लगकर क्रिया करने वाले शब्द का बोध कराते हैं, ‘कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय’ कहलाते हैं |

कर्तृवाचक ‘कृदंत’ बनाने के नियम-

(a) क्रिया के सामान्य रूप से अंतिम अक्षर ‘ना’ को ‘ने’ करके उसके बाद, ‘वाला’ प्रत्यय का योग हो जाता हैं |
(b) उसी रूप में ‘ना’ को ‘न’ किया जाता हैं, तथा उसके बाद ‘हार’ या ‘सार’ प्रत्यय का योग हो जाता हैं.
(c) जिस धातु के बाद अक्कड़ ,आऊ, आक, आका, आड़ी, आलू, इयल, इया, ऊ, एरा, ऐत, ऐया, ओड़ा, कवैया, आदि प्रत्यय आता हैं; वहाँ उस धातु में प्रत्यय का योग हो जाता हैं.

जैसे-

प्रत्यय धातु कृदंत
वाला
  • पढ़ना (ने+वाला)
  • लिखना (ने+वाला)
  • पढ़नेवाला
  • लिखनेवाला
हार होना (न+हार) होनहार
सार मिलना (न+सार) मिलनसार
अक्कड़
  • भूल
  • पी
  • भुलक्कड़
  • पियक्कड़
आऊ
  • टिक
  • मिल
  • टिकाऊ
  • मिलाऊ
आक
  • चाल
  • तैर
  • चालाक
  • तैराक
आड़ी
  • खिल
  • अन
  • खिलाड़ी
  • अनाड़ी

आकू

  • पढ़
  • लड़
  • पढ़ाकू
  • लड़ाकू

  • बोल
  • खुश
  • बोली
  • खुशी

एरा

  • लूट
  • साँप
  • लुटेरा
  • सपेरा
हर
  • पी
  • खण्ड
  • पीहर
  • खण्डहर
ऐया
  • गा (ना)
  • खे (ना)
  • गवैया
  • खिवैया
ता
  • श्रो
  • वक्
  • श्रोता
  • वक्ता

2.कर्मवाचक कृत् प्रत्यय –

वे प्रत्यय जो कर्म का अर्थ प्रकट करनेवाले, शब्दों का बोध कराते हैं, ‘कर्मवाचक कृत् प्रत्यय’ कहलाते हैं.
जैसे-

प्रत्यय धातु कृदंत
औना
  • खिल
  • घिन
  • बौना
  • खिलौना
  • घिनौना
ना
  • पाहुँ
  • जा
  • पाहुँना
  • जाना
नी
  • जन
  • ओढ़
  • जननी
  • ओढ़नी

3.करणवाचक कृत् प्रत्यय –

वे कृत् प्रत्यय, जो क्रिया के करण (साधन) का निर्माण करने में प्रयुक्त हो, ‘करणवाचक कृत् प्रत्यय’ कहलाते हैं.

जैसे-

प्रत्यय धातु कृदंत
  • अन
  • चंद
  • मंथ
  • चंदन
  • मंथन
  • मेल
  • केल
  • मेला
  • केला
  • नगर
  • रेत
  • नगरी
  • रेती
  • बिका
  • झाड़
  • बिकाऊ
  • झाड़ू
  • नी
  • मल
  • लेख
  • मलनी
  • लेखनी

4.भाववाचक कृत् प्रत्यय –

धातुओं से भाव वाचक संज्ञाओं का निर्माण करने वाले प्रत्यय , ‘भाववाचक कृत् प्रत्यय’ कहलाते हैं |

जैसे-

प्रत्यय धातु कृदंत
  • चल (ना)
  • बोल (ना)
  • चाल
  • बोल
  • अक
  • बैठ
  • फाट
  • बैठक
  • फाटक
  • अत
  • चाह
  • हस
  • पढ़
  • चाहत
  • हसत
  • पढ़त
  • अन
  • घुट
  • उलझ
  • घुटन
  • उलझन
  • आऊ
  • मिल
  • टिक
  • बिक
  • मिलाऊ
  • टिकाऊ
  • बिकाऊ
  • अंत
  • लिख
  • रट
  • लिखंत
  • रटंत
  • आई
  • पीट
  • बुन
  • पिटाई
  • बुनाई
  • मटक
  • जोड़
  • मटका
  • जोड़ा
  • आप
  • विल
  • मिल
  • विलाप
  • मिलाप
  • आन
  • नाद
  • मिल
  • नादान
  • मिलान
  • आव/आवा
  • छिड़क
  • पछता (व)
  • छिड़काव
  • पछतावा
  • आवट
  • थक
  • रुक
  • सजा
  • थकावट
  • रुकावट
  • सजावट
  • आहट
  • झन-झन
  • घबरा (ना)
  • झनझनाहट
  • घबराहट
  • बोल
  • चमक
  • बोली
  • चमकी
  • औती
  • कट
  • फिर
  • कटौती
  • फिरौती
  • ती
  • घट
  • ढल
  • घटती
  • ढलती
  • नी
  • घिर
  • बिल
  • घिरनी
  • बिलनी

5. क्रियावाचक कृत् प्रत्यय –

प्रत्यय से निर्मित वे शब्द जो क्रिया के होने का भाव प्रकट करते हो, ‘क्रियाबोधक कृत् प्रत्यय’ कहलाते हैं

जैसे-

ढल – ढलता हुआ
गिर – गिरता हुआ
पढ़ – पढ़ता हुआ

नोट- इन्हीं ढल, गिर, पढ़, आदि शब्दों से ‘प्रेरणार्थक शब्द’ बनाये जाते हैं, जैसे- ढलता हुआ, गिरता हुआ, पढ़ता हुआ आदि |
यथा- हम कह सकते हैं कि- ढलता हुआ सूरज, गिरता हुआ आम आदि ‘कृदंत’ बनते हैं

Upsarg Pratyay Prefix Suffix Hindi

6.विशेषणवाचक कृत् प्रत्यय –

वे प्रत्यय जिनके क्रिया पदों से ‘विशेषण’ शब्द की रचना होती है, ‘विशेषण वाचक कृत् प्रत्यय’ कहलाते हैं

जैसे-

प्रत्यय धातु कृदंत
  • अनीय
  • पूज
  • अभिनंदन
  • पूजनीय
  • अभिनंदनीय
  • इत
  • लिख
  • चिंता
  • लिखित
  • चिंतित
  • ज्ञ
  • विशेष
  • नीति
  • विशेषज्ञ
  • नीतिज्ञ
  • तव्य
  • गन
  • कर
  • गन्तव्य
  • कर्तव्य

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