Turai in Hindi / तोरई खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान
भारत में तोरई का इस्तेमाल सब्जी के रूप में खूब किया जाता है. गर्मी के दिनों में लोग इस सब्जी को बहुत ज्यादा पसन्द करते हैं और मार्किट में यह बहुतायत से उपलब्ध भी रहती है इसलिए इससे अनजान होने की आशंका न के बराबर है। अंग्रेजी में इसे प्रायः Zucchini, Ridged Gourd, Angled Loofah इत्यादि नामों से जाना जाता है. भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे- तुरिया, तोरी, घिसोडा, बुरकई, रामतोरई, तोरई आदि।
तोरई क्या है? (What is Turai in Hindi)?
यूँ तो तोरई का इस्तेमाल मुख्य रूप से सब्जी के रूप में ही किया जाता है लेकिन आयुर्वेद के मुताबिक यह काफी महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी है, जो कि त्वचा संबंधी बीमारियों, सूजन, जुकाम, साइनस की समस्या, अर्थराइटिस का दर्द, मसल्स पेन आदि में काफी राहत प्रदान करती है। हालाँकि सब्जी वाली तोरई और औषधि के रूप में प्रयोग की जाने वाली तोरई अलग किस्म की होती है लेकिन इससे मिलने वाले फायदे काफी हद तक एक जैसे होते हैं।
तोरई/तोरी का वैज्ञानिक नाम लूफा एकटेंगुला (Luffa Acutangula) है, जो कि कुकुरबिटेसी (Cucurbitaceae) परिवार से आता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, माइक्रो और मैक्रोन्यूट्रिएंट्स काफी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। जिस वजह इसका सेवन करना काफी स्वास्थ्यवर्धक साबित होता है। जो लोग हरी सब्जियां खाना पसंद करते हैं वो तोरई (Turai) से अच्छी तरह परिचित होंगे और इसकी सब्जी भी जरूर खाई होगी। हालाँकि कुछ लोगों को और ज्यादातर बच्चों को तोरई की सब्जी पसंद नहीं आती लेकिन जो इसका फायदे जानते हैं वे तोरई का सेवन बहुत अधिक मात्रा में करते हैं।
तोरई के औषधीय गुण (Medicinal Values of Sponge Gourd in Hindi)
आमतौर पर लोग तोरई का इस्तेमाल सब्जी के रूप में करते हैं और यह नहीं जानते हैं कि तोरई का प्रयोग एक औषधि के रूप में भी किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार तोरई कई सारी बीमारियों में दवा के रूप में इस्तेमाल की जा सकती है.
- तोरई पचने में आसान होती है, पेट के लिए थोड़ी गरम लेकिन अच्छी होती है।
- तोरई कफ और पित्त को शांत करने वाली, वात को बढ़ाने वाली होती है।
- तोरई वीर्य को बढ़ाती है, घाव को ठीक करती है, पेट को साफ करती है, भूख बढ़ाती है और हृदय के लिए अच्छी होती है।
- तोरई कुष्ठ, पीलिया, तिल्ली (प्लीहा) रोग, सूजन, गैस, कृमि, गोनोरिया, सिर के रोग, घाव, पेट के रोग, बवासीर में भी उपयोगी होती है।
- तोरई का प्रयोग कृत्रिम विष का असर कम करने, दमा, सूखी खाँसी, बुखार को ठीक करने में भी किया जाता है।
तोरई खाने के लाभ (Turai khane ke fayde) (Benefits of Sponge Gourd in Hindi)
आयुर्वेद में तोरई को ठंडा बताया गया है। गर्मी के मौसम में खाने से शरीर के अंदर ठंडक पहुँचता है। तोरई में विटामिन, फाइबर, प्रोटीन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होता है। तोरई को गुजरात में “घिसोड़ा” और मराठी में “दोडकी” और शिरोल में “कोशातकी” कहते है। साथ ही साथ विदेशो में तोरई को स्पंजगार्ड, रिजगार्ड, एंगल लूफा आदि नामो से पुकाते है।
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तोरई की कई नस्लें होती हैं. इसकी एक नस्ल अपनी कड़ी धारियों से पहचानी जाती है। तोरई की ही एक छोटी नस्ल सतपुतिया (छोटी तरोई या तोरई ) कहलाती है। तोरई में प्राकृतिक रूप से बना हुआ लूफा स्पंज निकलता है। तोरई रगड़ने से डेड स्किन निकल जाती है। तोरई को स्पंज की तरह स्किन पर यूज़ किया जा सकता है। तोरई पित्त और कफ दोष को दूर करती है। तोरई खाना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता सिद्ध हुआ है।
तोरई घुटने के दर्द में फायदा करता है
तोरई में विटामिन “सी”, और अन्य मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं। तोरई, पालक, मेथी, टिण्डा, परवल आदि हरी सब्जियों की तरह ही घुटने के जोड़ो के दर्द वाले रोगियों के लिए लाभदायक होती है। तोरई में कॉपर पाया जाता है जो रुमेटी गठिया के दर्द और लक्षणों को कम करने में सहायता करता है। रोज़ाना तोरई खाने से गाउट को रोकने में मदद मिलता है। तोरई खाने से ऑस्टियोआर्थराइटिस, अस्थमा और रुमेटीइड गठिया जैसी बीमारियों में लाभ मिलता है। तोरई के गुदे को घुटने पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।
बालों के लिए फायदेमंद है तोरई
तोरई खाने से हमारा बाल कोमल और मजबूत बनता है। तोरई में उपस्थित विटामिन सी ड्राई और दो मुंहें बालों को ख़त्म करता है। तोरई के उपयोग से हमारे बाल लम्बे और घने बन जाते है।
कैंसर से लड़ने में मदद करता है तोरई
तोरई में उपस्थित विटामिन सी, फोलेट और बीटा-कैरोटीन आदि कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है। रोजाना खाने में तोरई का इस्तेमाल करने कैंसर होने की संभावना कम होती है। तोरई को खाने से समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाता है।
गर्भावस्था में फायदेमंद है तोरई
तोरई के अंदर विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है। इसलिए ड्रॉक्टर गर्भावस्था के समय तोरई खाने की सलाह देते हैं। तोरई के अंदर फोलिक एसिड की उपस्थिति से बच्चे की रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। तोरई शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है। तोरई खाने से मानव की मनोदशा और ऊर्जा स्तर को बनाए रखने में मदद मिलता है। गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से या हफ्ते में कम से कम 3 बार तोरई की सब्जी जरुर खानी चाहिए. इससे उनको डिलीवरी के समय किसी भी प्रकार की समस्या पैदा नहीं होती है।
तोरई खाने के अन्य फायदे (Some other Benefits of Tori in Hindi)
- तोरई का जूस पीलिया रोग के उपचार में सहायता करता है।
- तोरई रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है।
- तोरई की बेल को गाय के मक्खन में घिसकर ३ से ४ बार दाद, खाज या चक्कतों पर लगाने से चकत्ता ठीक हो जाता है।
- तोरई की सब्जी खाने से कब्ज और बवासीर की समयस्या जल्दी से ठीक हो जाती है।
- कड़वा तोरई के रस में दही का खट्टा पानी मिलाकर पीने से योनि के रोग में लाभ मिलता है।
- कड़वा तोरई के रस से कुल्ला करने से गले का दर्द और सूजन ख़त्म हो जाता है।
- तोरई खाने से मुँहासे, एक्जिमा, सोरायसिस और अन्य त्वचा संबंधी रोग ख़त्म हो जाता है।
तोरई खाने के नुकसान (Turai khane ke Nuksan) (Side Effects of Sponge Gourd in Hindi)
- जिन लोगों को तोरई से एलर्जी होती है उन्हें इसे नहीं खाना चाहिए।
- ब्लड प्रेशर वाले लोगो को तोरई नहीं खाना चाहिए।
- बहुत ज्यादा मात्रा में तोरई खाने से पैर फटने लगता है।
नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको तोरई से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है। लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।
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