Vyakul chah Kavita (व्याकुल चाह कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान

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Vyakul chah Kavita, व्याकुल चाह सुभद्रा कुमारी चौहान (Subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है. सोया था संयोग उसे किस लिए जगाने आए हो? क्या मेरे अधीर यौवन की प्यास बुझाने आए हो?? रहने दो, रहने दो, फिर से जाग उठेगा वह अनुराग। बूँद-बूँद से बुझ न सकेगी, जगी हुई जीवन की आग॥ Vyakul chah … Read more

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