Koyal Kavita (कोयल कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान
Koyal Kavita, कोयल सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है. देखो कोयल काली है पर मीठी है इसकी बोली इसने ही तो कूक कूक कर आमों में मिश्री घोली कोयल कोयल सच बतलाना क्या संदेसा लायी हो बहुत दिनों के बाद आज फिर इस डाली पर आई हो Koyal Kavita क्या गाती … Read more