Ye anaj ki pule (ये अनाज की पूलें तेरे काँधें झूलें कविता)- माखनलाल चतुर्वेदी

Ye anaj ki pule, ये अनाज की पूलें तेरे काँधें झूलें, माखनलाल चतुर्वेदी (Makhanlal Chaturvedi) द्वारा लिखित कविता है. ये अनाज की पूलें तेरे काँधें झूलें तेरा चौड़ा छाता रे जन-गण के भ्राता शिशिर, ग्रीष्म, वर्षा से लड़ते भू-स्वामी, निर्माता ! कीच, धूल, गन्दगी बदन पर लेकर ओ मेहनतकश! गाता फिरे विश्व में भारत तेरा … Read more

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