Vijayi Mayur Kavita (विजयी मयूर कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान
Vijayi Mayur Kavita, विजयी मयूर सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है. तू गरजा, गरज भयंकर थी, कुछ नहीं सुनाई देता था। घनघोर घटाएं काली थीं, पथ नहीं दिखाई देता था॥ तूने पुकार की जोरों की, वह चमका, गुस्से में आया। तेरी आहों के बदले में, उसने पत्थर-दल बरसाया॥ तेरा पुकारना नहीं … Read more