Vedna Kavita (वेदना कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान

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Vedna Kavita, वेदना सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है. दिन में प्रचंड रवि-किरणें मुझको शीतल कर जातीं। पर मधुर ज्योत्स्ना तेरी, हे शशि! है मुझे जलाती॥ संध्या की सुमधुर बेला, सब विहग नीड़ में आते। मेरी आँखों के जीवन, बरबस मुझसे छिन जाते॥ नीरव निशि की गोदी में, बेसुध जगती जब … Read more

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