Ve madhudin jinki smritiyon ke Kavita (वे मधुदिन जिनकी स्मृतियों की)

Ve madhudin jinki smritiyon ke Kavita, वे मधुदिन जिनकी स्मृतियों की, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. वे मधु दिन जिनकी स्मृतियों की धुँधली रेखायें खोईं, चमक उठेंगे इन्द्रधनुष से मेरे विस्मृति के घन में! झंझा की पहली नीरवता- सी नीरव मेरी साधें, भर देंगी उन्माद प्रलय का मानस की लघु कम्पन में! … Read more

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