Tum mujhe puchhte ho Kavita (तुम मुझे पूछते हो कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान

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Tum mujhe puchhte ho Kavita, तुम मुझे पूछते हो सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है. यह मुरझाया हुआ फूल है, इसका हृदय दुखाना मत। स्वयं बिखरनेवाली इसकी, पँखड़ियाँ बिखराना मत॥ गुज़रो अगर पास से इसके इसे चोट पहुँचाना मत। जीवन की अंतिम घड़ियों में, देखो, इसे रुलाना मत॥ अगर हो सके … Read more

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