Matru mandir me Kavita (मातृ-मन्दिर में कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान
Matru mandir me Kavita, ‘मातृ-मन्दिर में’ सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है. वीणा बज-सी उठी, खुल गए नेत्र और कुछ आया ध्यान। मुड़ने की थी देर, दिख पड़ा उत्सव का प्यारा सामान ।। जिनको तुतला-तुतला करके शुरू किया था पहली बार। जिस प्यारी भाषा में हमको प्राप्त हुआ है माँ का … Read more