Jaliyawala bag me basant Kavita (जलियाँवाला बाग में बसंत कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान
Jaliyawala bag me basant Kavita, जलियाँवाला बाग में बसंत, सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है. यहाँ कोकिला नहीं, काग हैं, शोर मचाते, काले काले कीट, भ्रमर का भ्रम उपजाते। कलियाँ भी अधखिली, मिली हैं कंटक-कुल से,वे पौधे, व पुष्प शुष्क हैं अथवा झुलसे। Jaliyawala bag me basant Kavita परिमल-हीन पराग दाग … Read more