Ganga ki vidai Kavita (गंगा की विदाई कविता)- माखनलाल चतुर्वेदी
Ganga ki vidai Kavita, गंगा की विदाई, माखनलाल चतुर्वेदी (Makhanlal Chaturvedi) द्वारा लिखित कविता है. शिखर शिखारियों मे मत रोको, उसको दौड़ लखो मत टोको, लौटे ? यह न सधेगा रुकना दौड़, प्रगट होना, फ़िर छुपना, अगम नगाधिराज, जाने दो, बिटिया अब ससुराल चली | तुम ऊंचे उठते हो रह रह यह नीचे को दौड़ … Read more