Chinta Kavita (चिंता कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान
Chinta Kavita, चिंता सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है. लगे आने, हृदय धन से कहा मैंने कि मत आओ। कहीं हो प्रेम में पागल न पथ में ही मचल जाओ॥ Chinta Kavita कठिन है मार्ग, मुझको मंजिलें वे पार करनीं हैं। उमंगों की तरंगें बढ़ पड़ें शायद फिसल जाओ॥ तुम्हें कुछ … Read more