Yauvan ka Pagalpan Kavita (यौवन का पागलपन)- माखनलाल चतुर्वेदी

Yauvan ka Pagalpan Kavita, यौवन का पागलपन, माखनलाल चतुर्वेदी (Makhanlal Chaturvedi) द्वारा लिखित कविता है. हम कहते हैं बुरा न मानो, यौवन मधुर सुनहली छाया। सपना है, जादू है, छल है ऐसा पानी पर बनती-मिटती रेखा-सा, मिट-मिटकर दुनियाँ देखे रोज़ तमाशा। यह गुदगुदी, यही बीमारी, मन हुलसावे, छीजे काया। हम कहते हैं बुरा न मानो, … Read more

error: Content is protected !!
Join Telegram Join WhatsApp