Tum manini radhe Kavita (तुम मानिनि राधे कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान
Tum manini radhe Kavita, तुम मानिनि राधे सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है. थी मेरा आदर्श बालपन से तुम मानिनि राधे! तुम-सी बन जाने को मैंने व्रत नियमादिक साधे॥ अपने को माना करती थी मैं बृषभानु-किशोरी। भाव-गगन के कृष्ण-चन्द्र की थी मैं चतुर चकोरी॥ था छोटा-सा गाँव हमारा छोटी-छोटी गलियाँ। गोकुल … Read more