Kyo in taro ko uljhate Kavita (क्यों इन तारों को उलझाते? कविता)- महादेवी वर्मा

Kyo in taro ko uljhate Kavita, क्यों इन तारों को उलझाते?, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. क्यों इन तारों को उलझाते? अनजाने ही प्राणों में क्यों आ आ कर फिर जाते? पल में रागों को झंकृत कर, फिर विराग का अस्फुट स्वर भर, मेरी लघु जीवन वीणा पर क्या यह अस्फुट गाते? … Read more

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