Skandgupt Life Hindi / स्कन्दगुप्त का संक्षिप्त जीवन परिचय / The Biography of Last Great Gupta’s Emperor Skandgupt
स्कंदगुप्त भारत में तीसरी से पांचवी सदी तक राज्य करने वाले गुप्त वंश के आठवें औरअंतिम महान राजा थे. स्कंदगुप्त की राजधानी पाटलिपुत्र थी. स्कंदगुप्त के पिता का नाम कुमारगुप्त था जो चंद्रगुप्त विक्रमादित्य का पुत्र था. चंद्रगुप्त विक्रमादित्य की मृत्यु के बाद कुमारगुप्त राजा बना जिसके जीवन के अंतिम काल में पुष्यमित्रों ने आक्रमण कर दिया था पुष्यमित्रों को परास्त करके स्कंदगुप्त ने अद्भुत, अपूर्व प्रतिभा और वीरता का परिचय दिया था और यही कारण था कि कुमारगुप्त ने अपने प्रथम पुरुगुप्त की स्थान पर स्कंद गुप्त को राजगद्दी सौंपी Skandgupt Life Hindi
पुष्यमित्रों पर विजय
कुमारगुप्त के शासनकाल के अंतिम चरण में गुप्त साम्राज्य पर पुष्यमित्रों द्वारा आक्रमण किया गया था. पुष्यमित्रों के विरुद्ध युद्ध में गुप्त सेना का नेतृत्व स्कन्दगुप्त ने ही किया था. स्कन्दगुप्त की यह विजय अत्यन्त महत्वपूर्ण थी.
हूणों पर विजय
हूणों का गुप्त साम्राज्य पर आक्रमण स्कन्दगुप्त के शासनकाल की एक महत्वपूर्ण घटना थी. हूण बर्बर योद्धा थे, जो मध्य एशिया के खानाबदोश लोग थे . स्कन्दगुप्त को सिंहासन पर बैठने के तुरंत बाद हूणों ने आक्रमण कर दिया. स्कन्दगुप्त ने अत्याचारी हूणों को पराजित कर न केवल गुप्त साम्राज्य की रक्षा की अपितु आर्य सभ्यता एवं संस्कृति को भी नष्ट होने से बचाया.
स्कन्दगुप्त का संक्षिप्त जीवन परिचय
- स्कन्दगुप्त का कार्यकाल (४५५ई०–४६७ई०) तक रहा.
- स्कन्दगुप्त के पिता का नाम ‘कुमारगुप्त’ था.
- चन्द्रगुप्त द्वितीय के बाद ‘कुमारगुप्त प्रथम’ राजा बना.
- पुष्यमित्रों के आक्रमण के दौरान गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम की मृत्यु हो गयी. अतः पिता की मृत्यु के बाद उनका पुत्र स्कन्दगुप्त सिंहासन पर बैठा तथा स्कन्दगुप्त ही गुप्त वंश का अंतिम प्रतापी शासक था.
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- स्कन्दगुप्त ने भी ‘देवराज’,‘विक्रमादित्य’,‘क्रमादित्य’ आदि उपाधियां धारण की थीं.
- स्कन्दगुप्त ने मौर्यां द्वारा निर्मित सुदर्शन झील का जीर्णोद्धार करवाया था.
- स्कन्दगुप्त की मृत्यु ४६७ ई० में हुई थी.
- स्कन्दगुप्त की मृत्यु के बाद का कोई भी गुप्तशासक हूणों को रोकने में सफल नहीं हो सका, अतः गुप्त साम्राज्य विखण्डित हो गया.
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