Second Wave Coronavirus
अभी पूरा विश्व चीन के वुहान शहर से शुरू हुए COVID-19 (कोरोना वायरस) से उबरा भी नहीं था कि वैज्ञानिकों ने अप्रैल माह के अंत तक चीन में फिर से कोरोना महामारी की चपेट में आने की चेतावनी दे डाली है.
हालाँकि चीन में कोरोना वायरस का असर कम होता दिखाई दे रहा है. चीन अपने शहरों से लॉकडाउन भी हटाता जा रहा है. जब स्थिति सही हो रही हो तो लॉकडाउन हटाने का फैसला भी सही है ताकि लोग घर से बाहर निकल सकें, जीवन सामान्य हो सके और इकॉनमी में सुधार हो सके. चीन में करीब 60 दिन बाद कोरोना की वजह से लगा हुआ लॉकडाउन हटता दिखाई दे रहा है लेकिन अब वैज्ञानिकों के सामने एक बड़ी चुनौती है कोरोना वायरस के दोबारा होने वाले हमले की.
साइंस मैगजीन नेचर का दावा
साइंस मैगजीन नेचर के अनुसार हांगकांग यूनिवर्सिटी के महामारी विशेषज्ञ बेल काउलिंग कहते हैं कि यह समय लॉकडाउन से मुक्ति और थोड़ा आराम करने का है लेकिन यह बात पक्की है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर फिर आएगी. इसकी पूरी आशंका है कि यह लहर अप्रैल अंत तक एक बार फिर चीन को घेरेगी.
बेन काउलिंग के अनुसार कोरोना वायरस हुबेई प्रांत के वुहान से निकलकर पूरे चीन और फिर यूरोपीय देश और अमेरिका तक फैल गया. पूरी दुनिया में परिवहन पर प्रतिबंध लग गया. सीमाएं सील हो गईं. कोरोना के यूरोप के इलाज का तरीका देख कर लग रहा है कि उन्हें करीब 2 साल तक कोरोना मरीजों को बाकी लोगों से अलग रखना पड़ेगा. तभी जाकर ये देश अपने लोगों को बचा सकेंगे. उन्होंने बताया कि अब चीन को अपने सभी प्रांतों में फिर से टेस्टिंग करनी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि अब भी कितने लोग कोरोना वायरस की जद में हैं. कितने लोग इससे ठीक हो चुके हैं. कितनों में हल्के-फुल्के लक्षण हैं वापस बीमार पड़ने के. ये तैयारी दूसरी लहर से बचाएगी. Second Wave Coronavirus
कोरोना वायरस का दोबारा खतरा क्यों है?
हांगकांग यूनिवर्सिटी के ही शोधकर्ता गैब्रिएल लीउंग के अनुसार चीन में अब यातायात सामान्य हुए हैं. लोग कई दिनों के बाद एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं. ऐसे में वो लोग जो कोरोना वायरस से हल्के स्तर पर बीमार होंगे, उनकी वजह से यह बीमारी दोबारा हमला कर सकती है. गैब्रिएल लीउंग कहते हैं कि आप हुबेई प्रांत को ही ले लीजिए. यहां पर करीब 6 करोड़ लोग अब तक सामान्य स्थिति में नहीं पहुंच पाए हैं. लोग धीरे-धीरे अपने घरों और काम पर वापस जा रहे हैं. फैक्ट्रियां खुलना शुरू हुई है. वुहान में 8 अप्रैल को लॉकडाउन हटेगा तो सबसे पहले तत्काल जरूरत पड़ेगी सभी लोगों की जांच की. ऐसा इसलिए है कि अगर तुरंत जांच नहीं कराई तो दो हफ्ते बाद यानी अप्रैल के अंत तक कोरोना वायरस से हल्के या कमजोर स्तर पर बीमार लोग गंभीर रूप से दूसरी लहर लाने में सक्षम हो जाएंगे.
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कोरोना वायरस के लिए प्रतिरोधक क्षमता का विकास
सबसे अच्छी खबर ये है कि चीन के हुबेई, बीजिंग, गुआंगडोंग, हेनान, हुनान और झेजियांग प्रांत लॉ़कडाउन की वजह से कोरोना केसेस कम होकर करीब जीरो हो गए हैं.
गैब्रिएल लिउंग के अनुसार चीन में जितने लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे उनमें से 50 से 70 फीसदी लोग अब कोरोना वायरस से इम्यून हो चुके हैं. यानी उनके शरीर में कोरोना वायरस के लिए प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो चुका है. लेकिन सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि चीन में जितने मामले आए, उसके आधे केस वुहान शहर में थे. लेकिन यहां सिर्फ 10 फीसदी लोग ही कोरोना वायरस से इम्यून हो पाए हैं. इसका मतलब ये है कि अब भी हजारों लोगो ऐसे हैं जिन्हें कोरोना का संक्रमण दोबारा हो सकता है.
कोरोना की वैक्सीन आने में अभी समय लगेगा
बेन काउलिंग ने बताया कि कोरोना के दोबारा हमले में सबसे कारगर इलाज वैक्सीन हो सकता है लेकिन वैक्सीन आने में करीब एक साल और लग जाएगा. तब तक कोरोना वायरस की खतरनाक हमलों का सामना करना पड़ सकता है. Second Wave Coronavirus
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैम्प्टन के रिसर्चर एंड्रयू टाटेम ने कहा कि हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर और ताइवान में पिछले एक हफ्ते में कोरोना संक्रमण के मामले भी बढ़े हैं. क्योंकि चीन जैसे ही अपने अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाएं शुरू करेगा. इस वायरस के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा.
सबसे अच्छी बात ये है कि पिछले कुछ दिनों से चीन में स्थानीय स्तर पर कोरोना के संक्रमण के मामले आने लगभग बंद हो गए हैं. अब सिर्फ वही मामले दिख रहे हैं जो कहीं बाहर से आए हैं.
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