Saffron Kesar in Hindi (केसर: जानकारी, खाने के फायदे और नुकसान)

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Saffron Kesar in Hindi

Saffron Kesar in Hindi / केसर खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

आयुर्वेद में केसर का बहुत ही अधिक महत्व बताया गया है। आयुर्वेद के अनुसार, केसर का सेवन करना छोटे बच्चों से लेकर वयस्कों तक के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। केसर हमारे शरीर को ना सिर्फ कई तरह के फायदे पहुँचाता है, बल्कि यह कई बीमारियों को होने से भी रोकता है।

केसर क्या है? (What is Kesar or Saffron in Hindi?)

केसर (Kesar or Saffron in English) का पौधा छोटे आकार का होता है। केसर का उपयोग विभिन्न औषधियों, और खाद्य पदार्थों में किया जाता है। केसर एक लोकप्रिय मसाला है, जिसे क्रोकस सैटाइवस नाम के फूल से निकाला जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम क्रोकस सैटाइवस है. केसर का इस्तेमाल मुख्य रूप से एक मसाले और कलर एजेंट के रूप में किया जाता है। यह दिखने में छोटे-छोटे लाल धागों जैसा होता है।

केसर (Saffron Kesar in Hindi) का पौधा कई सालों तक जीवित रहता है। इसकी जड़ के नीचे प्याज के समान गांठदार शल्क या कन्द होता है। इसके पत्ते घास के समान लम्बे, एवं पतले होते हैं। केसर के फूल (saffron flower) नीले, बैंगनी, लाल-नारंगी रंग के होते हैं। फूल के स्त्रीकेसर के सूखे हुए आगे वाले भाग (stigma) को केसर (saffron) कहते हैं।

केसर के प्रकार (Types of Saffron in Hindi)

आयुर्वेद में केसर के तीन प्रकार बताए गए हैं। सभी के गुण भिन्न-भिन्न होते हैं:

  1. कश्मीरी केसर: कश्मीरी केसर (kashmiri saffron) लाल रंग का होता है। यह केसर सूक्ष्म तन्तुओं से युक्त होता है। यह कमल जैसे गन्ध वाला होता है। केसर की तीनों श्रेणियों में यह सबसे उत्तम श्रेणी का माना जाता है।
  2. बलख बुखारा केसर: यह बलख-बुखारा देश का केसर है। यह सूक्ष्म तन्तुयुक्त, और गाढ़े पीले रंग का होता है। इसका गन्ध मधु जैसा होता है। यह केसर कश्मीरी केसर के कम गुण वाला माना गया है।
  3. पारसी केसर: यह ईरान देश का केसर है। यह स्थूल तन्तुयुक्त, हल्का पीले रंग का, और मधु जैसे गन्ध वाला होता है। इस केसर को भी कश्मीरी केसर से कम गुण वाला बताया गया है।

अन्य भाषाओं में केसर के नाम (Name of Kesar in Different Languages)

केसर (Saffron Kesar in Hindi) का वानस्पतिक नाम क्रोकस सैटाइवस (Crocus sativus Linn.), Syn-Crocus officinalis (Linn.)Honck है। अलग-अलग भाषाओँ में केसर को निम्नलिखित नामों से जाना जाता है:

  • हिंदी में- केशर, केसर, जफरान
  • उर्दू में- जापैंरान (Jafran)
  • अंग्रेजी में-  क्रोकस (Crocus), सैप्रैंन क्रोकस (Saffron crocus),  सैपैंरन (Saffron)
  • संस्कृत में-  कुंकुम, केशर, घुसृण, रक्त, काश्मीरज, बाह्लीक
  • कन्नड़ में-  कुंकुमकेसरी (Kunkumakesari)
  • कश्मीरी में-  कोंग (Kong)
  • गुजराती में- केशर (Keshar)
  • तमिल में-  कुंगुमपु(Kungumapu)
  • तेलगु में-  कुन्कुमापुवु (Kunkumapuvu)
  • बंगाली में-  जापैंरान (Jafran)
  • पंजाबी में- केशल (Keshal)
  • मराठी में-  केसर (Kesar)
  • मलयालम में-  केसरम (Kesaram)
  • नेपाली में-  केशर(Keshar)
  • अरबी में- जापैंरान (Jafran), जहापैंरान (Zahafaran), कुर्कुम (Kurkum)
  • फारसी में-  करकीमास (Karkimasa), लरकीमासा (Larkimasa), जापैंरान (Jafraan)

केसर में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व (Saffron Nutritional Value in Hindi)

केसर (Saffron Kesar in Hindi) में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के कारण ही यह सेहत के लिए काफी लाभदायक होती है। यहां हम आपको केसर में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में बता रहे हैं:

पोषक तत्व    मात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी   11.9 ग्राम
कैलोरी 310 kcal
प्रोटीन 11.43 ग्राम
फैट   5.85 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट     65.37 ग्राम
फाइबर 3.9 ग्राम
कैल्शियम     111 मिलीग्राम
आयरन11.1 मिलीग्राम
मैग्नीशियम    264 मिलीग्राम
फास्फोरस      252 मिलीग्राम
पोटेशियम     1724 मिलीग्राम
सोडियम148 मिलीग्राम
जिंक  1.09 मिलीग्राम
कॉपर  0.328 मिलीग्राम
मैंगनीज28.408 मिलीग्राम
सेलेनियम     5.6 माइक्रोग्राम
विटामिन-सी    80.8 मिलीग्राम
थियामिन      0.115 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन   0.267 मिलीग्राम
नियासिन      1.46 मिलीग्राम
विटामिन-बी 6      1.01 मिलीग्राम
फोलेट 93 माइक्रोग्राम
बीटा कैरोटिन   27 माइक्रोग्राम
विटामिन-ए IU    530 IU
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड1.586 ग्राम
फैटी एसिड टोटल मोनोअनसैचुरेटेड0.429 ग्राम
फैटी एसिड टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड2.067 ग्राम

केसर के औषधीय गुण (Medicinal Values of Saffron in Hindi)

केसर (Saffron in Hindi) का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा पद्धति एवं आयुर्वेद में कई प्रकार से किया जाता रहा है। इससे जुड़े शोध के अनुसार, केसर में एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला), एंटीअल्जाइमर, एंटीकॉनवल्सेन्ट (मिर्गी के दौरे को रोकने वाला) और एंटीऑक्सीडेंट (फ्री रेडिकल्स को दूर करने वाला) जैसे गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा, केसर का उपयोग बलगम निकालने, भूख बढ़ाने, मेंसुरेशन फ्लो को बढ़ाने, अच्छे हाजमे और मसूड़ों की समस्या को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है।

केसर कई तरह के खास पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिसमें फाइबर, मैंगनीज, विटामिन-सी, पोटेशियम, आयरन, प्रोटीन, और विटामिन-ए जैसे जरूरी तत्व शामिल हैं। केसर में पाए जाने वाले गुण और पोषक तत्व इसे सेहत के लिए फायदेमंद बनाते हैं।

कैंसर से बचाव में सेफ्रॉन के फायदे

केसर (Saffron Kesar in Hindi) का उपयोग कैंसर से बचाव में किया जा सकता है। इससे जुड़े वैज्ञानिक शोध के अनुसार केसर में मौजूद क्रॉकेटिन (crocetin), कोलोरेक्टल कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोक सकता है। इसके अलावा, केसर  प्रोस्टेट कैंसर और स्किन कैंसर के जोखिम को भी कम करने में मददगार हो सकता है. वहीं, एक अन्य शोध के अनुसार, केसर का अर्क मानव ट्यूमर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने का काम कर सकता है। हालांकि, इस बात को ध्यान में जरूर रखें कि केसर का उपयोग कैंसर से बचाव में कुछ हद तक सहायक हो सकता है, लेकिन यह इसका उपचार नहीं है। कैंसर के उपचार के लिए डॉक्टरी चिकित्सा बहुत जरूरी है।

अनिद्रा में केसर खाने के फायदे

केसर के गुण में अनिद्रा की समस्या से छुटकारा भी शामिल है। दरअसल, इससे जुड़े एक वैज्ञानिक अध्ययन में जिक्र मिलता है कि केसर का उपयोग अवसाद (Depression) की स्थिति में सकारात्मक प्रभाव छोड़ सकता है, जिससे एक अच्छी नींद लेने में मदद मिल सकती है। वहीं, एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार केसर में मौजूद क्रॉकेटिन नींद को बढ़ावा देने का काम कर सकता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि केसर का उपयोग अनिदा की समस्या में फायदेमंद साबित हो सकता है।

मस्तिष्क स्वास्थ्य में सेफ्रॉन के फायदे

केसर के फूल और उसकी खेती

मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए भी केसर खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, एक दिन में 30 मिलीग्राम केसर का सेवन करने से अल्जाइमर के रोगियों की स्थिति को सुधारा जा सकता है। वहीं, केसर में मौजूद दो खास तत्व क्रॉकेटिन और एथेनॉल से प्राप्त अर्क (extract) में एंटीडिप्रेसेंट गुण देखे गए हैं, जो अवसाद और चिंता को कम करने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा, केसर सिजोफ्रेनिया (मानसिक विकार) के रोगियों पर भी सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है।

वहीं, एक अध्ययन से पता चलता है कि सेरेब्रल इस्किमिया पर भी केसर का अर्क एक सुरक्षात्मक भूमिका दिखा सकता है। यह वह स्थिति होती है, जिसमें धमनी में रुकावट हो जाती है और मस्तिष्क तक ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं पहुंच पाता है, जिससे मस्तिष्क के टिश्यु को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा, एक अन्य शोध बताता है कि केसर स्मरण शक्ति को बढ़ाने का काम भी कर सकता है।

 पाचन को बढ़ावा देने के लिए सेफ्रॉन के फायदे

अच्छे पाचन के लिए भी केसर (Saffron Kesar in Hindi) फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, केसर में यूपेप्टिक (Eupeptic) यानी पाचन को अच्छा बनाने वाला औषधीय गुण पाया जाता है। वहीं, एक अन्य शोध में पता चलता है कि केसर का उपयोग पेट को मजबूत करने के साथ ही भूख और गैस्ट्रिक एसिड को कम करने और पाचन में सुधार करने में लाभदायक हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान केसर खाने के फायदे

गर्भावस्था के दौरान भी केसर का सेवन फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, चीनी पारंपरिक चिकित्सा के अनुसार, केसर का उपयोग प्रसव के दौरान कठिनाई और प्रसवोत्तर रक्तस्राव के दौरान किया जा सकता है। इस बात का जिक्र इससे जुड़े एक शोध में मिलता है। वहीं, यह भी माना जाता है कि केसर पहली तिमाही में भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा, शोध में यह भी जिक्र मिलता है कि पहली तिमाही के बाद लगभग 0.5-2 ग्राम प्रतिदिन ली जाने वाली खुराक प्रसव में मददगार हो सकती है। शोध में आगे यह भी जिक्र मिलता है कि केसर का सेवन करने से गर्भवती महिलाओं में नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ सकती है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और सटीक शोध की आवश्यकता है। वहीं, गर्भावस्था में इसका सेवन करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।

आंखों के लिए केसर के लाभ

केसर के फायदे (Saffron Kesar in Hindi) में आंखों की रोशनी में सुधार होना भी शामिल है। केसर एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है, जो एएमडी (बढ़ती उम्र से जुड़ा नेत्र रोग) पर प्रभावी असर दिखा सकता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण रेटिना स्ट्रेस से छुटकारा दिलाने का काम भी कर सकते हैं।  इसके अलावा, एक और शोध में पाया गया है कि केसर में पाया जाने वाला कंपाउंड क्रोसेटिन प्रोलिफेरेटिव विटेरियोनेटिनोपैथी (Proliferative vitreoretinopathy) यानी पीवीआर की समस्या में फायदेमंद हो सकता है। पीवीआर रेटिना में होनी वाली एक गंभीर समस्या है।

इसके अलावा, केसर के क्रॉकेटिन में पाया जाने वाला एंटी-ट्यूमरजेनिक गुण रेटिनोब्लास्टोमा (आंख का ट्यूमर) की रोकथाम और उपचार में योगदान कर सकता है। इसके अलावा, शोध में पाया गया कि केसर का उपयोग लैक्रिमेशन (लगातार आंसू बहना), खराब दृष्टि, दिन में अंधापन और मोतियाबिंद के लिए भी किया जा सकता है।

गठिया में सेफ्रॉन के फायदे

गठिया की समस्या में जोड़ों में सूजन और दर्द हो सकता है। इस समस्या से केसर (Saffron Kesar in Hindi) का उपयोग छुटकारा दिलाने में मददगार हो सकता है। शोध में पाया गया कि केसर में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो गठिया के दौरान होने वाली सूजन और दर्द को दूर करने में मददगार हो सकते हैं।

अस्थमा का इलाज

अस्थमा के कारण फेफड़ों की कोशिकाओं में सूजन की समस्या हो सकती है। केसर के उपयोग से इस समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। चूहों पर हुए शोध में पाया गया कि केसर के अर्क में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो फेफड़े की सूजन को कम कर अस्थमा में लाभदायक हो सकता है।

हृदय स्वास्थ्य के लिए केसर के लाभ

स्वस्थ हृदय के लिए केसर का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। शोध में पाया गया कि केसर में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो धमनियों और रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, इसका एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हृदय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। शोध में आगे जानकारी दी गई कि केसर की चाय में मोजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय संबंधित रोगों के जोखिम को कम कर सकते हैं। केसर थियामिन और राइबोफ्लेविन जैसे पोषक तत्वों में भी समृद्ध होता है, जो स्वस्थ हृदय को के साथ ही हृदय संबंधी विभिन्न समस्याओं को रोकने में मदद कर सकते हैं। केसर में मौजूद क्रोसेटिन नामक कंपाउंड रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे दिल के दौरे की आशंका को कम हो सकती है।

दर्द और सूजन की समस्या में सेफ्रॉन के फायदे

यह तो हम बता चुके हैं कि केसर का उपयोग गठिया और अस्थमा के दौरान होने वाली सूजन को कम करने के लिए किया जा सकता है। केसर की यह सूजन को कम करने की क्षमता उसमें मौजूद क्रोसेटिन और क्रॉकेटिन के कारण होती है। शोध में पाया गया कि इन दोनों कंपाउंड में एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो इसे सूजन को दूर करने के लिए फायदेमंद बनाते हैं। वहीं, एक अध्ययन में इसके दर्दनिवारक यानी एनाल्जेसिक प्रभाव के बारे में भी पता चलता है। इसके अलावा, केसर इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव भी प्रदर्शित कर सकता है, जिससे इन समस्याओं से निपटने में अंदरूनी रूप से ताकत मिल सकती है।

मासिक धर्म में केसर के लाभ

मासिक धर्म के लक्षणों से राहत देने में केसर (Saffron Kesar in Hindi) की भूमिका देखी जा सकती है। दरअसल, केसर युक्त एक ईरानी हर्बल दवा प्राइमेरी डिसमेनोरिया (माहवारी के दौरान पेट में होने वाली ऐंठन) से राहत देने में कारगर पाई गई है। इसके अलावा, केसर का उपयोग प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम, जैसे कि मूड स्विंग, टेंडर ब्रेस्ट, फूड क्रेविंग, थकान, चिड़चिड़ापन और अवसाद को कम करने में भी फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, मासिक धर्म के लक्षणों और केसर के संबंध पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

स्वस्थ लीवर के लिए

एक अध्ययन के अनुसार लिवर मेटास्टेसिस से पीड़ित रोगियों पर केसर अपना सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है। लीवर मेटास्टेसिस एक कैंसर ग्रस्त ट्यूमर है। यह शरीर में किसी भी स्थान से शुरू होकर लीवर में फैल जाता है। इसे सेकेंडरी लिवर कैंसर भी कहा जाता है। इसके अलावा, एक अन्य शोध में पाया गया कि केसर विभिन्न क्रियाओं के द्वारा हेपाटोटॉक्सिटी (लिवर विषाक्तता) के जोखिम को कम कर सकता है। इनमें एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम को नियंत्रित करना और लिवर डैमेज में सुधार करना जैसी क्रियाएं शामिल हैं।

प्रतिरक्षा और ऊर्जा के लिए केसर के लाभ

केसर (Saffron Kesar in Hindi) में मौजूद कैरोटीनॉयड सकारात्मक रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार कर सकता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि केसर कैरोटीनॉयड से समृद्ध होता है और कैरोटीनॉयड प्रतिरक्षा को प्रभावित कर सकता है। प्रतिदिन 100 मिलीग्राम केसर बिना किसी हानिकारक प्रभाव के अस्थाई इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गतिविधि के लिए सहायक हो सकता है। वहीं, इसका सेवन शरीर में उर्जा के लिए भी किया जा सकता है, क्योंकि इसमें कैलोरी अच्छी मात्रा में पाई जाती है.

घाव भरने के लिए केसर के गुण

केसर का उपयोग घाव भरने के लिए भी किया जा सकता है। इससे जुड़े शोध में पाया गया कि केसर में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट जलने वाले घावों को तेजी से भरने में मददगार हो सकते हैं। हालांकि, इस विषय पर अधिक शोध की आवश्यकता है।

कामोत्तेजक के रूप में केसर खाने के फायदे

केसर इंसानों के यौन जीवन में सुधार कर सकता है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार केसर पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है। शोध में बताया गया है कि केसर का अर्क और इसमें मौजूद क्रॉकेटिन कामोत्तेजक के रूप में प्रभावी हो सकते हैं।

इसके अलावा, केसर में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट गुण पुरुषों में शुक्राणुओं की गुणवत्ता और गतिशिलता पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। वहीं, केसर में मौजूद क्रॉकेटिन निकोटीन के उपयोग से पुरुष प्रजनन प्रणाली को होने वाले नुकसान को उलट सकता है।

केसर के फायदे स्किन के लिए

अध्ययनों से पता चलता है कि केसर के फायदे स्किन के लिए भी हो सकते हैं। केसर का उपयोग प्राकृतिक औषधि के रूप में सूर्य की हानिकारक यूवी किरणों के प्रभाव को दूर करने के लिए किया जा सकता है। इसमें केवेरफोल और क्यूरेसेटीन जैसे फ्लेवोनोइड यौगिक होते हैं, जो यूवी विकिरणों को रोकने में योगदान दे सकते हैं। इसके अलावा, शोध में पाया गया कि केसर के फोटोप्रोटेक्टिव गुण इसके अन्य फेनोलिक यौगिकों जैसे टैनिक, गैलिक, कैफिक और फेरुलिक एसिड के कारण भी हो पाए जाते हैं, जिस कारण इसका उपयोग विभिन्न सनस्क्रीन और स्किन लोशन में किया जाता है।

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एक अन्य शोध की मानें, तो केसर का उपयोग त्वचा के लिए मॉइस्चराइजिंग, त्वचा को मुलायम करने, खुजली को दूर करने, त्वचा की चमक, पिगमेंट को कम करने व आंखों के नीचे काले घेरे, मुंहासे, फुंसी और अन्य त्वचा की समस्याओं के उपचार में किया जा सकता है।

बालों के लिए

केसर (Saffron Kesar in Hindi) बालों के लिए फायदेमंद हो सकता है। इससे जुड़े एक शोध के अनुसार, यह बालों को बढ़ाने में मदद कर सकता है। शोध में पाया गया कि केसर बालों के झड़ने से रोकने में मदद कर एलोपीसिया जैसी बालों से जुड़ी समस्या में फायदेमंद हो सकता है।

केसर कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Kesar Found or Grown?)

केशर का पौधा (saffron tree) 20-30 सेमी ऊंचा, और आकार में छोटा होता है। भारत में जम्मू एवं कश्मीर में केसर (saffron) की खेती की जाती है। 

केसर का उपयोग (How to Use Saffron in Hindi?)

केसर को निम्नलिखित तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है-

  • रात में सोने से पहले केसरयुक्त दूध पीने के फायदे हो सकते हैं। एक गिलास दूध में केसर के कुछ धागों या केसर पाउडर को मिलाकर पी सकते हैं।
  • दूध से बने पकवान जैसे खीर, मिठाई आदी में केसर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • केसर पाउडर का इस्तेमाल चिकन जैसी नॉन वेज डिश बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
  • केसर का इस्तेमाल चावल के व्यंजन (पुलाव या बिरयानी) बनाने में कर सकते हैं।
  • केसर का उपयोग मावा और मिष्ठान बनाने के लिए भर किया जा सकता है।

केसर कितनी मात्रा में उपयोग किया जाना चाहिए?

  • एक गिलास दूध में चुटकी भर केसर पाउडर या तीन-चार केसर के धागों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • अल्जाइमर की स्थिति में एक दिन में दो बार 15 एमजी केसर की खुराक ली जा सकती है। हालांकि, इस दौरान इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।

केसर का चयन कैसे करें?

  • केसर (Saffron Kesar in Hindi) खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि वे गहरे लाल रंग के हों। लाल रंग, बेहतर केसर की गुणवत्ता है।
  • इनका सिरा नारंगी होना चाहिए और इनमें कोई रंग भिन्नता नहीं होनी चाहिए। ध्यान रहे कि इनमें पीले रंग का कोई निशान नहीं होना चाहिए।
  • केसर में एक अच्छी और ताजी सुगंध होनी चाहिए। इसकी सुगंध मीठी होनी चाहिए न की खराब।
  • केसर को धागे और पाउडर दोनों रूपों में उपलब्ध होता है। अगर संभव हो, तो धागे को पसंद करना उचित रहेगा, क्योंकि पीसे हुए केसर की शेल्फ लाइफ केसर के रेशों की तुलना में कम होती है।
  • केसर (Saffron Kesar in Hindi) एक बहुत ही महंगा मसाला है। अगर यह कम कीमत पर उपलब्ध है, तो यह खराब गुणवत्ता का हो सकता है या नकली भी हो सकता है।

केसर को स्टोर कैसे करें?

  • केसर को एयरटाइट कंटेनर में स्टोर किया जाना चाहिए। अच्छा होगा कि केसर से भरा जार ठंडी, अंधेरी और सूखी जगह पर रखा जाए। केसर को सामान्य तापमान और 40% से कम आर्द्रता वाली जगह पर स्टोर करना चाहिए.
  • अन्य जड़ी-बूटियों और मसालों की तरह, केसर भी प्रकाश के प्रति संवेदनशील होता है, इसलिए पारदर्शी कंटेनर में रखते समय इसे पहले फॉइल में लपेट लें। केसर के धागे आपस में चिपके न, इसलिए जार में रखने से पहले रेशों को अलग-अलग कर लें। इस तरह आराम से एक-एक धागे को बाहर निकाला जा सकता है।
  • अगर केसर को ठीक से स्टोर किया जाए, तो यह कई वर्षों तक रह सकता है। स्टोर किए गए केसर को दो साल के भीतर उपयोग करने की सलाह दी जाती है। हालाँकि उम्र बढ़ने के साथ-साथ इसका स्वाद और बढ़ जाता है।

केसर खाने के लाभ (Kesar khane ke fayde) (Benefits of Saffron in Hindi)

आपने कई बार यह देखा होगा कि जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो उसे केसर वाला दूध पीने को दिया जाता है। इसी तरह कई रोगों जैसे कमजोरी, सर्दी-जुकाम होने पर, या अन्य बीमारियों में केसर के सेवन करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि केसर स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं कि केसर खाने के क्या क्या लाभ होते हैं:  

डैंड्रफ (रूसी) से छुटकारा दिलाये केसर (Benefits of Patanjali Kesar or Saffron in Dandruff Treatment in Hindi)

कई लोग रूसी या डैंड्रफ से परेशान रहते हैं, और रूसी से छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं। इसके बाद भी कई बार रूसी की परेशानी खत्म नहीं होती। ऐसे में केसर का प्रयोग करना लाभदायक होता है। डैंड्रफ को हटाने के लिए मरिच, और केशर को समान मात्रा में मिलाकर, तेल में पका लें। इस तेल से सिर पर मालिश करें। इससे रूसी की समस्या से निजात मिल सकती है।

शरीर में ठंड लगने पर केसर का उपयोग (Patanjali Kesar Benefits in Cold Problem in Hindi)

केशर (saffron), अगरु, कस्तूरी, इलायची, देवदारु आदि को अलग-अलग, या एक साथ बारीक पीस लें। इसका लेप करने से ठंड कम लगती है।

बच्चों की सर्दी में केसर का इस्तेमाल (Uses of Saffron to Treat Cold Disease in Children in Hindi)

छोटे बच्चे प्रायः भिन्न-भिन्न कारणों से बीमार पड़ जाते हैं। इसी तरह छोटे बच्चों को सर्दी की भी शिकायत होती रहती है। ऐसे में केशर को गर्म दूध के साथ पीसकर छाती पर लेप करें। इससे सर्दी ठीक हो जाती है।

केसर के इस्तेमाल से जल्द भरता है घाव (Saffron Uses for Healing Wound in Hindi)

घाव को भरने में भी केसर बहुत मदद करता है। घाव हो गया है, और जल्दी ठीक नहीं हो रहा है, तो केशर के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं। इससे घाव जल्दी भर जाता है।

आंतों के रोग में फायदेमंद केसर का सेवन (Benefits of Patanjali Kesar to Treat Intestine Disease in Hindi)

आंत जब स्वस्थ रहता है, तो पाचनतंत्र सही तरह से काम करता है। इसलिए आंतों के रोग में 10-15 मिली केशर का काढ़ा बनाकर सेवन करना चाहिए. इससे आंतों से संबंधित परेशानी से राहत मिलती है।

माहवारी विकार में केसर का सेवन (Patanjali Kesar Benefits for Menstrual Disorder in Hindi)

महिलाओं को मासिक धर्म से संबंधित विकार होते ही रहते हैं, लेकिन केसर (Saffron Kesar in Hindi) का सेवन करने से मासिक धर्म संबंधी परेशानियों से आराम मिलता है। इसके लिए केशर, तथा अकरकरा को पीस लें। इसकी 125 मिग्रा की गोली बना लें। इसे खाने से मासिक धर्म विकारों में लाभ होता है।

मूत्र रोग (पेशाब से संबंधित बीमारी) में केसर से फायदा (Benefits of Saffron in Treating Urinary Disease in Hindi)

  • पेशाब के रुक-रुक कर आने, और पेशाब संबंधित अन्य रोग में केसर के प्रयोग से लाभ होता है। इसके लिए 10-15 मिली केशर के काढ़ा में थोड़ी मात्रा में नमक मिला लें। इसे पानी के साथ सेवन करने से पेशाब संबंधित विकार में लाभ होता है।
  • मूत्र से संबंधित बीमारियों को ठीक करने के लिए केशर को रात भर पानी में भिगो दें। सुबह उसका चूर्ण बना लें, और इस चूर्ण को शहद के साथ पानी में मिलाकर पीने से मूत्र विकार में फायदा होता है।

रक्तस्राव (नाक-कान आदि अंगों से खून बहने की परेशानी) में फायदेमंद केसर का प्रयोग (Patanjali Kesar (Saffron) Benefits to Stop Bleeding in Hindi)

कुछ लोगों को रक्तस्राव (नाक-कान आदि से खून बहने की परेशानी) जैसी परेशानी हो जाती है। इसी तरह मुंह, गुदा, योनि आदि इंद्रियों से भी रक्तस्राव होने लेती हैं। ऐसे में केसर का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। केसर को बकरी के दूध में मिलाकर पिलाने से रक्तस्राव में लाभ होता है।  

केसर का प्रयोग कर जोड़ों के दर्द में फायदा (Benefits of Patanjali Kesar for Arthritis in Hindi)

जोड़ों के दर्द के कारण लोगों का जीवन ही दुखमय हो जाता है। लोगों का चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में केसर से फायदा मिल सकता है। केशर के पत्तों को पीसकर जोड़ों पर लगाएं। इससे जोड़ों का दर्द ठीक हो जाता है.

हैजा में केसर का इस्तेमाल फायदेमंद (Benefits of Patanjali Kesar in Cholera  Treatment in Hindi)

केसर का इस्तेमाल हैजा जैसी गंभीर बीमारी में भी किया जा सकता है। इसके लिए 5 मिली नींबू रस में थोड़ी-सी केशर मिलाकर चांटें। इससे हैजा में लाभ होता है।

लिवर विकार में केसर के इस्तेमाल से लाभ (Kesar Benefits for Liver Problem in Hindi)

लोगों को लिवर से जुड़ी कई तरह की परेशानियां होने की संभावना रहती है। ऐसे में केशर के चूर्ण में 10 मिली करेले का रस मिला लें। इसे पिलाने से लिवर से संबंधित विकार ठीक हो सकते हैं।

केसर के प्रयोग से सिर दर्द से आराम (Benefits of Kesar in Relief from Headache in Hindi)

जो लोग सिर दर्द से परेशान रहते हैं, वे घी में केशर के चूर्ण, और चीनी को डालकर पकाएं। इस घी को 1-2 बूंद नाक में डालें। इससे अधकपाड़ी, और अन्य प्रकार के सिर दर्द में आराम मिलता है। इससे वात और खून से संबंधित विकार, और आंखों की बीमारी में भी लाभ (saffron benefits) मिलता है।

केसर के इस्तेमाल से पेट दर्द से आराम (Patanjali Kesar Benefits to Treat Abdominal Pain in Hindi)

पेट दर्द कई कारणों से होती है। पेट के दर्द से परेशान व्यक्ति 500 मिग्रा दालचीनी चूर्ण में 65 मिग्रा केशर मिला लें। इसकी 65 मिग्रा की गोली बना लें। इस गोली को 1-1 की मात्रा में सुबह और शाम खाएं। इससे पेट दर्द से आराम मिलता है।

मानसिक रोग में करें केसर का उपयोग (Uses of Saffron for Mental Disorder in Hindi)

मानसिक रोगियों के लिए भी केसर बहुत फायदेमंद होता है। ब्राह्मी के 15-30 मिली काढ़ा में केशर डालकर, पीने से मानसिक रोगों में लाभ होता है।

हृदय रोग में लाभकारी केसर का उपयोग (Benefits of Patanjali Kesar for Heart Disease in Hindi)

ह्रदय रोग बहुत ही गंभीर रोग माना जाता है। दुनिया भर में हजारों लोग ह्रदय संबंधी विकार से ग्रस्त हैं, और इनसे उनके जीवन को जोखिम पहुंचने की संभावना भी रहती है। केसर इन लोगों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। हृदय को स्वस्थ बनाने वाली दूसरी औषधियों के साथ केशर को मिलाकर दें। इससे हृदय रोग में लाभ होता है।

केसर खाने के नुकसान (Kesar khane ke Nuksan) (Side Effects of Saffron in Hindi)

  • केसर एक बहुत ही गुणकारी खाद्य पदार्थ है, जिसके नुकसान कम ही देखे गए हैं। हालांकि, इसका अत्यधिक सेवन निम्नलिखित समस्याओं का कारण बन सकता है:
  • केसर कैल्शियम से समृद्ध होता है और केल्शियम की अत्यधिक मात्रा कब्ज का कारण बन सकता है.
  • केसर में पोटेशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिसकी अत्यधिक मात्रा हाइपरकलेमिया (शरीर में पोटेशियम अधिक हो जाना) का कारण बन सकता है। जिससे सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, जी मिचलाना और उल्टी हो सकती है.
  • गर्भावस्था के पहली तिमाही के दौरान केसर का सेवन गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है, जो गर्भपात का कारण बन सकता है।

नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको केसर से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है। लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।   

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