Sachchi Khushi Real Happiness Hindi (सच्ची ख़ुशी क्या है)

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Sachchi Khushi Real Happiness Hindi

Sachchi Khushi Real Happiness Hindi / सच्ची ख़ुशी क्या है / What is real Happiness in Hindi

सच्ची ख़ुशी क्या है? सच्चा सुख क्या है? कुछ लोग सोचते हैं कि यदि मुझे ये मिल जाए या मुझे वो हासिल हो जाए तो मैं खुश हो जाउंगा. लेकिन ऐसे व्यक्ति कभी भी खुश नहीं रह सकते जो अपने वर्तमान से असंतुष्ट हैं और सदैव भविष्य में ही अपनी खुशियां तलाश करते रहते हैं. जरूरत है तो केवल एक सकारात्मक रवैया अपनाने की और आप हमेशा संतुष्टि का अनुभव कर सकते हैं. कहीं भविष्य में खुशियां ढूढंने के चक्कर में आप अपना वर्तमान उदास और दुखी मन से ना गुजार दें!

शायद आपको विश्वास नहीं होगा पर यह सच है कि जैसा रवैया आप दूसरों के लिए अपनाते हैं वो आप को भी कहीं ना कहीं प्रभावित करता है. जो चीज़ आपको अच्छी लगती है वो उन्हे भी अच्छी लगेगी, जो बात आपको बुरी लगती है वो उन्हे भी लगेगी. अपने व्यवहार में थोड़ा सा बदलाव आपको ढेरों खुशियां दे सकता है. क्योंकि आपका आंतरिक दृष्टिकोण ही आपके अंदर सच्चे मायने में खुशी की भावना का एहसास कराता है.

जो व्यक्ति हमेशा नकारात्मक सोच लेकर चलते हैं वो कभी भी सच्ची खुशी का आनंद नहीं उठा सकते हैं. क्योंकि वो चाहे कुछ भी हासिल कर लें उन्हे हमेशा और अधिक पाने की इच्छा रहेगी और वो असंतुष्ट ही रहेंगे. वो केवल उदासीनता को ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं. उन्हे इस बात का एहसास भी नहीं होता और वो अपने नकारात्मक नज़रिये के कारण मिलती हुई खुशी को भी नज़रअंदाज कर देते हैं. Sachchi Khushi Real Happiness Hindi

आप जैसा सोचते हैं और जैसा व्यवहार करते हैं वो घूम कर आपके पास ही वापस आता है. क्या खुशियों को आकर्षित किया जा सकता है? क्या दुख खिंचा चला आ सकता है? दोनो सवालों का जवाब हाँ ही है. दूसरों के साथ खुशिया बांटने से आप खुद के अंदर खुशी को महसूस कर सकते हैं. आप मानें या ना मानें, पर यदि आप दूसरों की बुरी लगने वाली बातो को नज़रअंदाज कर दें और सिर्फ यह सोचें कि मैं दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान हूँ, तो आप चाहे कुछ हो जाए सदैव खुश रहेंगे. केवल एक सकारात्मक सोच अपनाने की आवश्यकता है.

अपनी स्वार्थी इच्छाओं का त्याग कर दें और यह सोचना छोड़ दें कि आप ही सबकुछ हैं. और फिर देखें कि आपके इस ज़रा से बदलाव ने आपकी पूरी ज़िंदगी को ही बदल डाला है. खुशियां तो आपकी ओर आकर्षित हुए बिना रह ही नहीं सकती हैं, क्योंकि आपके भीतर महसूस होने वाली खुशी के लिए आपका मन ही जिम्मेदार है. तो आज से ही आनंद उठाना शुरू कर दें इस जादूई शक्ति का, बस आपको करना ये है कि अपने जीवन में एक सकारात्मक नज़रिया अपनाइए.

सुखी कैसे बनें?

बनावटी सुख के लिए जीवन की सच्ची खुशियों को नजरअंदाज कर देना निहायत ही मुर्खता है. अपनी असीमित इच्छाओं को पूरा करने के लिए चिंता करना फिजूल है। हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक डेन गिलबर्ट कहते हैं कि असीमित इच्छाओं के पीछे भागना बेकार है। सुख और दुख स्थायी नहीं होते हैं। मनचाही मुराद पूरी होने पर भी हम लंबे समय तक खुश रहेंगे, इस बात की कोई गारंटी नहीं है। इसलिए हमारे पास जो है, उसे लेकर खुश रहना ही बेहतर है।

दुख या सुख स्थायी नहीं

हमने अब तक जितने भी अध्ययन किए हैं, उनमें एक बात जो उभरकर सामने आई है, वह वाकई दिलचस्प है। मेरा मानना है कि हमारी जीत या हार का प्रभाव बहुत दिनों तक हमारी खुशियों पर नहीं रहता। बात चाहे चुनाव जीतने या हारने की हो, मनपसंद जीवनसाथी मिलने या नहीं मिलने की हो, नौकरी में तरक्की पाने या न पाने की हो या फिर परीक्षा में पास या फेल होने का मसला हो, इन चीजों को लेकर हम लंबे समय तक सुखी या दुखी नहीं रह सकते। मैं इसे इस तरह समझाता हूं। जब हमें किसी क्षेत्र में जीत हासिल होती है, तो हम तुरंत खुश हो जाते हैं, पर कुछ समय बाद हमारी अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं। हम और ज्यादा पाने की चाहत में चिंतित हो जाते हैं। मनचाही मुराद पूरी न होने पर हम तुरंत दुखी होते हैं, लेकिन कुछ समय बाद हम सहज हो जाते हैं और आगे के बारे सोचने लगते हैं। Sachchi Khushi Real Happiness Hindi

कई बार हम बनावटी सुख का आनंद लेने लगते हैं। सर थॉकस ब्राउन ने 1642 में कहा था, ‘मैं दुनिया का अकेला सुखी व्यक्ति हूं। मेरे अंदर ऐसी क्षमता है कि मैं गरीबी को अमीरी और दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकता हूं।’ दिलचस्प बयान है। आखिर इस व्यक्ति के दिमाग में ऐसा क्या था, जिसे लेकर वह खुद को इतना सुखी महसूस करता था। दरअसल हम इंसानों के अंदर एक मनोवैज्ञानिक प्रतिरोधक क्षमता (साइकोलॉजिकल इम्यून सिस्टम) होती है। यह एक तरह की संज्ञान प्रक्रिया है। या यूं कहें कि यह ऐसी संज्ञान प्रक्रिया है, जिसे लेकर हम ज्यादा सजग नहीं होते हैं। इस मनोवैज्ञानिक प्रतिरोधक क्षमता की मदद से हम अपनी सुविधा के अनुसार खुद को सुखी बना लेते हैं।

यूं भी रह सकते हैं खुश

कई बार लोग बेवजह बनावटी खुशी जाहिर करते हैं। मसलन गलती करने और सजा पाने के बाद यह कहना है कि हमें इसे लेकर कोई पछतावा नहीं। कई बार समझ में नहीं आता कि जनाब इतना सब होने के बाद भी कैसे खुश हैं। शायद यही है बनावटी खुशी। कई बार जब हमें मनचाही चीज नहीं मिलती, तो हम कहते हैं, अरे मुङो उसकी जरूरत ही नहीं थी। मसलन अगर मंगेतर सगाई की अंगूठी निकालकर फेंक दे, तो आप कह सकते हैं, जाने दो वह तो मेरे लायक ही नहीं थी या फिर इंटरव्यू में पास नहीं हो सके, तो आप खुद को दिलासा दे सकते हैं कि हमें कोई जरूरत नहीं थी उस नौकरी की।

स्वाभाविक और बनावटी सुख

सुख दो तरह का होता है: बनावटी और स्वाभाविक। दोनों तरह के सुख में एकदम स्पष्ट अंतर है। जब हमारी मनचाही मुराद पूरी हो जाती है, तो हमें स्वाभविक सुख का अहसास होता है। यानी जब हमें वह हासिल होता है, जिसकी हमने इच्छा की थी, तो हम वास्तविक रूप में खुश होते हैं। दूसरी तरफ जब अपनी मुराद पूरी न होने पर भी खुशी का इजहार करते हैं, तो वह बनावटी होता है। जाहिर है, मनचाही चीज नहीं मिलने पर हम सहज खुशी नहीं महसूस करते, लेकिन अक्सर हमें दूसरों के सामने यह दिखाना होता है कि हम खुश हैं। अक्सर लोग ‘बनावटी सुख’ को बेहतर नहीं मानते। क्यों? दरअसल लोगों को लगता है कि मनचाही चीज मिलने पर उन्हें वास्तविक सुख मिलता। अगर मनचाही चीज न भी मिले, तो आप खुश रह सकते हैं। लिहाजा बनावटी खुशी के साथ भी आप सुख का अहसास कर सकते हैं। Sachchi Khushi Real Happiness Hindi

ज्यादा विकल्प, ज्यादा भ्रम

हमारे पास जितने ज्यादा विकल्प होते हैं, हम खुशियों को लेकर उतना ही ज्यादा भ्रमित भी रहते हैं। हमने इसे लेकर शोध किए। हमने लोगों को कई चीजें दीं और उनमें से एक को चुनने को कहा। कई सारे विकल्प पाकर लोग भ्रमित हो गए। पहले तो उन्होंने एक मनचाही चीज चुन ली, लेकिन बाद में उन्हें लगा कि काश! हमने कुछ और चुना होता, तो ज्यादा अच्छा होता। यानी जब हमारे सामने बहुत ज्यादा विकल्प होते हैं, तो अक्सर हम यह तय नहीं कर पाते कि हम किसे पाकर सचमुच खुश होंगे।

जो बस में नहीं, उसके लिए दुख क्यों

जो चीजें आपके बस में नहीं हैं, उन्हें लेकर आपको दुखी नहीं होना चाहिए। जिसे आप नहीं बदल सकते, उसे स्वीकार करना ही बेहतर है। जब हम वाकई जिंदगी की उलझन में फंस जाते हैं, तो मनोवैज्ञानिक प्रतिरोधक क्षमता बहुत काम आती है। जैसे आप समझते हैं कि डेटिंग और शादी में बहुत अंतर है। अगर डेटिंग के दौरान आपको लड़की की कोई आदत पसंद न आए, तो आप रिश्ता तोड़ सकते हैं, लेकिन शादी हो जाए, तो निभाना ही होगा। ऐसे में हमें उसकी गलत आदतों को भी हंसकर टालना होगा।

इच्छाएं सीमित रखें

जब हमारी महात्वाकांक्षाएं सीमित होती हैं, तो हम आनंदपूर्वकजीवन जीते हैं, लेकिन जब हमारी इच्छाएं असीमित होती हैं, तो हम झूठ व धोखे का सहारा लेते हैं। हम अपनी इच्छाएं पूरी करने के लिए दूसरों को कष्ट देने लगते हैं। अक्सर हम अपनी असीमित इच्छाओं को पूरा करने के लिए अपने जीवन की सच्ची खुशियों को नजरअंदाज कर देते हैं। जब हमारी चिंताएं सीमित होती हैं, तो हम सोच-विचारकर सजग फैसले करते है, पर जब हमारी चिंताएं असीमित हों, तो हम कायरतापूर्ण व हड़बड़ी वाले फैसले करते हैं। हमारी इच्छाएं व चिंताएं अनंत हैं, इनके पीछे भागना फिजूल है। Sachchi Khushi Real Happiness Hindi

ख़ुशी प्राप्त करने के असरदार तरीके

खुशी मन की एक अवस्था है. आप के अंदर ही वो जादूई शक्ति मौजूद है कि आप जो चाहे हासिल कर सकते हैं! यह सब आपके हाथ में है. खुशी, संतुष्टि और आनंद सब आपके भीतर ही छुपा हुआ है, जरूरत है केवल उसे ढूंढ निकालने की. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन हैं और किस अवस्था में हैं, यदि आप चाहें तो सकारात्मक सोच से खुशी को अपने अंदर ही महसूस कर सकते हैं.

हां, एक विधि है जिसका उपयोग करके आप खुश रह सकते हैं आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं. काश कि यह स्कूलों में भी पढ़ाया जाता!

इसे समझने के लिए, पहले आपको दो अलग-अलग प्रकार की खुशियों को जानना होगा.

  • तात्कालिक सुख
  • दीर्घकालीन सुख

तात्कालिक सुख

तात्कालिक सुख वह ख़ुशी है जो कुछ कुछ विशेष कार्य करने पर आपको तुरंत मिलती है. यहाँ तात्कालिक खुशी के कुछ उदाहरण दिए गए हैं, जैसे:

  • चॉकलेट या पिज्जा मिल जाना
  • कुछ खरीदना जिसकी आप तीव्र इच्छा रखते हैं जैसे एक iPhone
  • आनंददायक गतिविधियाँ जैसे शराब का सेवन या सेक्स करना
  • काम से एक दिन की छुट्टी और इसके बजाय कहीं घूमना फिरना या कोई फिल्म या वेब सीरीज देखना

तात्कालिक खुशी के अंतहीन उदाहरण हैं, उपर वाले उदाहरण देखकर आप अनुमान लगा सकते हैं कि तात्कालिक ख़ुशी कैसी होती है. अगर इसे एक वाक्य में कहें तो “तात्कालिक खुशी एक ऐसी चीज है जिसे आप एक पल में प्राप्त कर सकते हैं. Sachchi Khushi Real Happiness Hindi

हालांकि तात्कालिक खुशी के साथ कुछ समस्याएं हैं:

समस्या 1: यह आते ही दूर चला जाता है.

  • पिज्जा या चॉकलेट पाने से आप कुछ घंटों के लिए अच्छा महसूस कर सकते हैं
  • अपनी इच्छा की वस्तुओं को खरीदना, जैसे कि iPhone आपको कुछ दिनों या हफ्तों के लिए अच्छा महसूस करा सकता है
  • मैंने अपनी जिंदगी में शराब नहीं पी है तो इस बारे में कोई अंदाज़ा नहीं है कि यह कैसा महसूस कराता है लेकिन मुझे यकीन है कि इसका असर भी बहुत लंबे समय तक नहीं रहता.
  • एक दिन की काम की छूटती खुशी महसूस करा सकती है लेकिन यह तब और बढ़ जाता है जब आपको अगले दिन काम करना होता है.

अब तात्कालिक खुशी की दूसरी समस्या पर चर्चा करते हैं:

समस्या 2: तात्कालिक खुशी को लगातार नवीनीकरण की आवश्यकता होती है

  • खुश रहने के लिए, आपको हर हफ्ते या हर महीने पिज्जा ऑर्डर करना होगा.
  • अपनी पसंद की चीजें खरीदने से खुश होने के लिए, आपको हमेशा नई महंगी चीजें खरीदने की जरूरत होगी.
  • आपको समय-समय पर शराब का सेवन करने और लगातार सेक्स करने की आवश्यकता होगी.
  • आपको खुश करने के लिए लगातार एक नई जगह घुमने या फिल्मे देखने की आवश्यकता होगी.

तात्कालिक खुशी एक अखबार या पत्रिका की सदस्यता की तरह है, क्योंकि इसका स्थायी प्रभाव नहीं होता है, इन चीजों को बार बार करने की आवश्यकता होती है ताकि इसका प्रभाव होता रहे.

अब दीर्घकालिक खुशियों के बारे में थोड़ी चर्चा करते हैं.

दीर्घकालीन सुख

दीर्घकालिक खुशियों में उन चीजों को शामिल किया जाता है जो आपको लम्बे समय तक अच्छा महसूस कराती हैं.

उदाहरण के तौर पर, यदि आप परीक्षा में अच्छा स्कोर करते हैं या किसी कठिन परीक्षा या इंटरव्यू को क्रैक करते हैं, तो इसका प्रभाव कुछ वर्षों तक रहेगा.

इसे भी पढ़ें: जिन्दगी के वो पाठ जो हम जीवन में देर से सीखते हैं

लेकिन दीर्घकालिक खुशियों के साथ एक समस्या यह है कि इन चीजों को करने में मजा नहीं आता. Sachchi Khushi Real Happiness Hindi

उदाहरण के लिए, आपको एक कठिन परीक्षा या इंटरव्यू को क्रैक करने से खुशी मिली होगी, लेकिन उस परीक्षा या साक्षात्कार के लिए अध्ययन की प्रक्रिया आपके लिए बहुत सुखद अनुभव नहीं हो सकती है.

आपको बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है, अध्ययन करते समय या तैयारी करते समय कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, और गतिविधि स्वयं ही इतनी सुखद नहीं हो सकती है.

दीर्घकालिक खुशी की विशेषताएं

यह आपको तुरंत खुश महसूस नहीं कराती है

ऐसी गतिविधियाँ जो आपको लम्बे समय तक खुश रख सकती हैं, जरुरी नहीं कि वो आनंददाई हों जैसे जिम जाना, किसी परीक्षा या साक्षात्कार के लिए अध्ययन करना या अपने व्यवसाय के लिए काम करना आदि

खुशी महसूस करने में बहुत समय और प्रयास लगता है

आपको अपनी प्रगति पर ध्यान देने के लिए महीनों तक अध्ययन करना पड़ सकता है, जिससे अंतत: आप अपने बारे में अच्छा महसूस करेंगे. हालांकि तात्कालिक खुशी के विपरीत इसका तत्काल प्रभाव नहीं होता है.

यह तात्कालिक खुशी से बहुत अधिक समय तक रहती है

यदि आप एक वर्ष तक कसरत करते हैं और स्वस्थ भोजन करते हैं, तो यह आपको आगामी वर्षों के लिए खुश रखेगा.

यदि आप उस कठिन नौकरी के साक्षात्कार के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, तो यह आपके जीवन को पूरी तरह से बदल सकता है, आप अधिक पैसा कमा सकते हैं जो बदले में आपको आने वाले वर्षों के लिए खुश रखेगा.

उस परीक्षा के लिए कठिन अध्ययन करने से आपको एक बेहतर कॉलेज में अध्ययन करने में मदद मिल सकती है, जिसका अर्थ है कि आप बेहतर लोगों के आस-पास होंगे और बेहतर दोस्त बनाएंगे, जिसके परिणामस्वरूप आपके कॉलेज के वर्ष सुखद होंगे. Sachchi Khushi Real Happiness Hindi

यह बहुत प्रभावी है

अगर आप कसरत करते हैं, कुछ मांसपेशियों का विकास करते हैं, अपने शरीर के बारे में अच्छा महसूस करते हैं तो यह न केवल आपको खुश करेगा बल्कि आपको और भी अधिक स्वस्थ खाने के लिए प्रेरित करेगा.

एक व्यक्ति के रूप में अधिक स्वस्थ होने के नाते, आप काम पर अधिक ध्यान दे सकेंगे और बदले में एक पदोन्नति पा सकते हैं जो फिर से खुशी की ओर ले जाता है.

अधिकांश लोग दुखी क्यों हैं?

ज्यादातर लोग दुखी हैं क्योंकि वे दीर्घकालिक खुशी स्थान पर तात्कालिक खुशी का चयन करते हैं।

असुविधा से बचना और आनंद लेना मानव स्वभाव है और यही कारण है कि तात्कालिक खुशी एक लोकप्रिय विकल्प है

वास्तविक जीवन में इसे कैसे लागू करें?

यदि आप वर्तमान में जीवन में दुखी हैं तो इसका मतलब है कि आपका मन तात्कालिक सुख पर निर्भर है. आप मोबाइल फोन पर फ़ालतू का समय बिताते हैं, सोशल मीडिया, खरीदारी और उन चीजों की इच्छा रख के खुद को खुश महसूस करा रहे हैं जो आप की जरूरत नहीं हैं.

आपका लक्ष्य उन गतिविधियों को छोड़ना होना चाहिए, जिनके परिणामस्वरूप तात्कालिक खुशी मिलती है और इसके बजाय आपको दीर्घकालिक खुशी के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

यहां कुछ गतिविधियां दी गई हैं, जिन्हें अपनाकर आप खुद को लंबे समय तक खुश रख सकते हैं:

  • नियमित रूप से वर्कआउट (कसरत) करें और स्वस्थ भोजन करें.
  • यदि आप एक छात्र हैं, तो बेहतर और ध्यानपूर्वक अध्ययन करें.
  • यदि आप एक पेशेवर हैं, नौकरी में हैं तो सुनिश्चित करें कि आप नित्य एक नया कौशल सीखते हैं
  • ये केवल उदाहरण हैं. आप अपनी पसंद का कुछ भी चुन सकते हैं जो आपको लंबी अवधि में खुश रख सकता है

कल्पना करें कि तात्कालिक खुशी एक बुरा सौदा है, आपको खुशी के स्रोत के रूप में दीर्घकालिक खुशी को प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए. यह स्पष्ट रूप ज्यादा समय लेगा, लेकिन लंबे समय तक की ख़ुशी के आगे ये कुछ भी नहीं है.

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