Rahul Gandhi meets muslim scholars upcoming elections / मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात के बाद राहुल ने मोदी सरकार को फिर कोसा, मानी यूपीए की नाकामी
नई दिल्ली
वो कहावत हैं ना कि जब जान लगी फटने खैरात लगी बँटने 😀
इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए और आगामी चुनावों को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी विभिन्न तबकों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहे हैं। इसी सिलसिले में राहुल ने बुधवार को अपने सरकारी निवास पर लगभग एक दर्जन मुस्लिम लिबरल बुद्धिजीवियों, विचारकों एवं प्रोफेशनल्स से मुलाकात की।
ये मुलाक़ात लगभग दो घंटे चली. इस मुलाकात में राहुल गाँधी ने एक ओर जहां मुस्लिम बुद्धिजीवियों के विचार सुने, वहीं मोदी सरकार पर भी जमकर हमला बोला। राहुल ने वही घिसापिटा आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए लोगों के गुस्से को धार्मिक उन्माद में बदलने ककि कोशिश कर रही है।
Rahul Gandhi meets muslim scholars upcoming elections
इन लोगों से बात करते समय राहुल ने स्वीकार किया कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरा नही उतरी, जिसका खामियाजा उनको हार से चुकाना पड़ा। बैठक में राहुल गाँधी ने कहा, ‘हमसे भी गलतियां हुई हैं, हम देश की उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाए, इसी वजह से हम हारे।’
राहुल गाँधी से मुलाकात करने वाले मुस्लिम शख्सियतों में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिसर्विटी के पूर्व अध्यक्ष जेड के फैजान, शिक्षाविद् इलियास मलिक, सोशल एक्टिविस्ट फराह नकवी, योजना आयोग की पूर्व सदस्य सईदा हमीद, जेएनयू की प्रोफेसर जोया हसन, पूर्व ब्यूरोक्रेट एम ए फारुकी, इतिहासहाकर इरफान हबीब, बिजनेसमैन जुनैद रहमान, आमिर मोहम्मद, मौलाना मुफ्ती, सच्चर कमिटी के पूर्व सदस्य जफर महमूद व अबु सलराह शरीफ, जामिया मिलिया से जुड़ी रहीं रखशंदा जलील, राजा महमूदाबाद, सीनियर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और कांग्रेस के मॉइनॉरिटी विभाग के अध्यक्ष नदीम जावेद मुख्य थे।
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मीटिंग खत्म होने के बाद सलमान खुर्शीद ने मीडिया को बताया कि कई इतिहासकार, वकील और प्रोफेसरों ने राहुल गांधी से मुलाकात की। इस दौरान आम लोगों से जुड़ी नीतियों पर चर्चा हुई। इन लोगों ने राहुल को अपने प्रोफेशन और उससे जुड़े अनुभवों के बारे में बताया। सलमान का कहना था कि इस मीटिंग का सियासी रंग न दिया जाए। वहीं दूसरी ओर मीटिंग में शामिल इलियास मलिक का कहना था कि राहुल गांधी के साथ मॉइनॉरिटी के बारे में नहीं, बल्कि देश के बारे में और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा हुई। उनका कहना था कि तीन तलाक व शरीयत कोर्ट जैसे मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हुई।
सूत्रों के मुताबिक, ज्यादातर शामिल लोगों का कहना था कि देश के लगभग 96 फीसदी मुसलमानों के भी वहीं मुद्दे हैं, जो इस देश के आम लोगों के लिए मुद्दे हैं। मसलन महंगाई, शिक्षा, रोजगार आदि। केवल चार फीसदी मुसलमान ही तीन तलाक जैसे मुद्दों से प्रभावित होते हैं और बीजेपी उसी का फायदा उठाती रही है। कहा जा रहा है कि राहुल आने वाले समय में भी मुस्लिम समुदाय के दूसरे लोगों खासकर लिबरल सोच वाले लोगों से मुलाकात करते रहेंगे। इन लोगों ने भी राहुल से नियमित तौर पर संवाद बनाने की बात कही, जिस पर राहुल ने हामी भरी। बताया जाता है कि जल्द ही ऐसी ही मुलाकात के लिए जावेद अख्तर, शबाना आजमी व नसीरुद्दीन शाह जैसे कलाकारों को भी बुलाया जाएगा।
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