Priytam se Kavita, ‘प्रियतम से’ सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित एक छोटी सी, प्यारी सी कविता है जो उन्होंने अपने प्रियतम के लिए लिखी हैं.
बहुत दिनों तक हुई परीक्षा
अब रूखा व्यवहार न हो।
अजी, बोल तो लिया करो तुम
चाहे मुझ पर प्यार न हो॥
जरा जरा सी बातों पर
मत रूठो मेरे अभिमानी।
लो प्रसन्न हो जाओ
गलती मैंने अपनी सब मानी॥
Priytam se Kavita
मैं भूलों की भरी पिटारी
और दया के तुम आगार।
सदा दिखाई दो तुम हँसते
चाहे मुझ से करो न प्यार॥
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