Parwal in Hindi (परवल: जानकारी, खाने के फायदे और नुकसान)

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Parwal in Hindi

Parwal in Hindi / परवल खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

परवल गर्मी के मौसम में पाई जाने वाली एक सब्जी है जो लता रूपी पौधे में लगती है. गर्मी के मौसम में सब्ज‍ियों के विकल्प कम हो जाते हैं लेकिन कुछ सब्ज‍ियां ऐसी हैं जो इस मौसम में आसानी से मिल जाती हैं. परवल गर्मियों का एक बेहतरीन विकल्प है. परवल की सबसे बड़ी खूबी ये है कि ये लंबे समय तक ताजा रहता है. परवल में विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन बी2 और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा ये कैल्शि‍यम का भी अच्छा स्रोत है.

गर्मियों में आने वाली हरी सब्जि‍यों में मशहूर परवल, भोजन में कई लोगों की खास पसंद होता है। वहीं कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो इसे बिल्कुल पसंद नहीं करते। लेकिन स्वाद के आधार पर आप इसे पसंद करें या नापसंद, जब आप इसके स्वस्थ्यवर्धक गुणों के बारे में जानेंगे तो हैरान रह जायेंगे कि यह सब्जी आपकी सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है

हम आपको बता दें, कि परवल को पौष्टिक सब्ज‍ियों में से एक माना जाता है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आपकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।

अन्य भाषाओं में परवल के नाम (Name of Pointed Gourd in Different Languages)

परवल का वानस्पतिक नाम Trichosanthes dioica Roxb. (ट्रिकोसैन्थीज डायोइका) Syn-Anguina dioica (Roxb.) Kuntz है। परवल Cucurbitaceae (कुकुरबिटेसी) कुल की सब्जी है। परवल को अंग्रेज़ी में Pointed gourd (पॉइन्टड गुअर्ड) कहते हैं. अन्य दूसरे भाषाओं में परवल को निम्नलिखित नामों से जाना जाता है-

  • संस्कृत में – राजीफल, पटोल, कर्कशच्छद
  • हिंदी में –  परवर, परवल, परबल, परोर, परोरा
  • उर्दू में –  परवल (Parawal)
  • उड़िया में –  पटल (Patal)
  • कन्नड़ में –  काडू पुदालाई (Kadu pudalai), पडवल (Padwal), काही पडवल (Kahi padavala)
  • गुजराती में –  पटोल (Patol), पडर (Padar)
  • तमिल में –  पुड़लै (Pudlei), कोम्बुपटला (Kombuputula), कोम्बु-पुडलाई (Kombu-pudlai), पुटलई (Putalai)
  • तेलगु में  – पोटल (Potal), आडर (Aadar), अडावी-पटोला (Adavi-patola), कम्बुपोटला (Kambupotala)
  • बंगाली में –  पटोला (Patola), पाल्टा (Palta), पटोल (Patol)
  • नेपाली में –  परवल (Parval), परवर (Parvara)
  • पंजाबी में –  पलवल (Palwal)
  • मराठी में –  पलवल (Palwal), परवर (Parwar)
  • मलयालम में –  पटोलम् (Patolam)
  • फारसी में – पलोल (Palol)

परवल के औषधीय गुण (Medicinal Values of Parwal in Hindi)

परवल में निम्नलिखित औषधीय गुण पाए जाते हैं:

  • परवल त्वचा से जुड़ी समस्याओं में खासतौर पर फायदेमंद होता है. परवल में मौजूद बीज कब्ज और पाचन से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद होते हैं. डायबिटीज के मरीजों को खासतौर पर परवल खाने की सलाह दी जाती है.
  • परवल में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में मददगार होते हैं. ये चेहरे की झांइयों और बारीक रेखाओं को दूर करने में भी मददगार है.
  • परवल इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है. यह बुखार, सर्दी-खांसी, स्कि‍न इंफेक्शन और चोट को जल्दी भरने में मदद करता है.
  • अगर आपके बच्चे को भूख नहीं लगने की शिकायत है तो उसे परवल की सब्जी खिलाएं. परवल के इस्तेमाल से पेट के कीड़े मर जाते हैं.
  • परवल में भरपूर मात्रा में डाइटरी फाइबर्स पाए जाते हैं. जो पाचन तंत्र को सही रखने में मददगार होते हैं.
  • परवल का लेप पेन-किलर की तरह काम करता है.

परवल खाने के लाभ (Parwal khane ke fayde) (Benefits of Parwal in Hindi)

कब्ज नाशक

परवल के बीजो में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं वो कब्जनाशक होते है और चूँकि यह पाचन क्रिया पर सकारात्मक प्रभाव डालता है इस वजह से पेट और कब्ज से जुडी शिकायत होने पर आपको इसका सेवन करना चाहिए। परवल पचने में बहुत आसान होता है। इसमें मौजूद फाइबर लीवर और पेट के स्‍वास्‍थ्‍य के लिये अच्‍छा होता है।

कई विटामिनो से भरपूर होता है परवल

परवल में विटामिन-ए, विटामिन-बी1, विटामिन बी2 और विटामिन-सी के अलावा कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो कैलोरी की मात्रा कम कर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है।

कोलेस्‍ट्रॉल और ब्‍लड शुगर को घटाता है परवल

परवल के बीज कोलेस्‍ट्रॉल और ब्‍लड शुगर के लेवल को प्राकृतिक रूप से ही कम करते हैं।

वजन कम करने के लिए बेहतर

परवल आपकी भूख को शांत करता है क्योंकि इसको खाने से पेट भरा-भरा महसूस होता है जिसकी वजह से व्यक्ति कम कैलोरी ही ले पाता है. अगर आप अच्छी सेहत और अपना वजन कम करना चाहते हैं तो यह एक बेहतर सब्जी है।

कब्ज, बुखार तथा त्वचा के रोग में लाभदायक

परवल के छिलकों में मैग्नीशियम, पोटैशियम, फास्फोरस भी भरपूर मात्रा में होता है। आयुर्वेद के अनुसार परवल में त्वचा के रोग, बुखार और कब्ज की समस्याओं को खत्म करने वाले औषधीय गुण होते हैं।

मोटापा कम करता है परवल

परवल में बहुत कम कैलोरी होती है और यह पेट को लंबे समय तक भरा रखता है। जिससे वेट कम होता है।

फ्लू दूर भगाता है परवल

आयुर्वेद में परवल ठंड, जुखाम और बुखार को काबू में रखता है।

खून की सफाई

आयुर्वेद के अनुसार परवल की सब्जी आपके खून की सफाई का काम करती है क्योंकि यह कफनाशक होती है।

त्वचा के लिए

अगर शरीर पर फोड़े -फुंसियां हो जाएं तो कम मसालों से तैयार की गई परवल की सब्जी को पंद्रह दिनों तक लगातार खाने से काफी आराम मिलता है।

परवल जवानी बरक़रार रखता है

परवल एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होता है, जो बढ़ती उम्र के निशानों जैसे झाइयों, झुर्रियों और बारीक रेखाओं को कम कर त्वचा में कसाव लाने में मदद करते हैं। तनाव से निपटने में भी यह सहायक है।

पीलिया में लाभदायक

भूख न लगने की स्थिति में परवल खाना काफी लाभदायक होता है। परवल के सेवन से पेट के कीड़े भी मर जाते हैं और यह पीलिया के उपचार में भी सहायक है।

दर्द कम करता है परवल

परवल के बीजों या उसकी पत्त‍ियों का इस्तेमाल सिरदर्द या शरीर के किसी भाग में होने वाले दर्द के उपचार में किया जाता है। इन्हें पीसकर लेप लगाने से दर्द में आराम मिलता है।

सिरदर्द में परवल के फायदे  (Benefits of Parwal to Get Rid of Headache in Hindi)

दिन भर कंप्यूटर पर काम करने के बाद शाम को सिर दर्द हो जाता है। परवल के जड़ को पीसकर सिर पर लेप करने से सभी प्रकार के सिर दर्द से राहत मिलती है।

आंखों के रोग में परवल के फायदे (Benefits of Parwal in Eye Disease in Hindi)

अगर आँखों से संबंधी बीमारियों से परेशान रहते हैं तो परवल शाक को घी में पकाकर सेवन करने से आँखों की बीमारियों से होने वाले कष्ट से आराम मिलता है।

मुंह के रोग में परवल के सेवन से लाभ  (Parwal Benefits in Oral Disease in Hindi)

परवल, नीम, जामुन, आम और मालती के पत्तों का काढ़ा बनाकर गरारा करने से मुंह के छाले आदि मुंह संबंधित समस्याओं में लाभ मिलता है।

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इसके अलावा परवल के पत्तों के काढ़ा को गाढ़ा कर लें। इसमें गैरिक (गेरू) चूर्ण और मधु मिलाकर मुंह के भीतर लेप करने से मुंह से जुड़े रोग से राहत मिलती है।

डायबिटीज में परवल के औषधीय गुण से लाभ (Benefits of Parwal to Control Diabetes in Hindi)

आजकल असंतुलित खान-पान के कारण मधुमेह होना आम बात हो गया है। पटोल के पत्तों तथा फल का शाक बनाकर सेवन करने से डायबिटीज, और सूजन में लाभ मिलता है।

दस्त में परवल के औषधीय गुण से लाभ (Parwal Uses to Stop Diarrhea in Hindi)

परवल, जौ और धनिया को समान मात्रा में लेकर 10-20 मिली काढ़ा बना लें। इसे ठंडा कर चीनी तथा मधु मिलाकर पीने से उल्टी और दस्त में लाभ होता है।

इसके अलावा दस्त ज्यादा होने पर यदि गुदा में जलन हो तो समान मात्रा में परवल पत्ता तथा मुलेठी काढ़ा से गुदा को धोना अच्छा होता है।

 एसिडिटी में परवल की सब्जी के फायदे (Parwal Benefits in Hyperacidity in Hindi)

खान-पान में असंतुलन हुआ कि नहीं हाइपर एसिडिटी की समस्या हो जाती है। परवल त्रिफला तथा नीम को समान मात्रा में लेकर काढ़ा (10-20 मिली) बना लें। इसमें मधु मिलाकर पीने से दर्द, बुखार, उल्टी, एसिडिटी से राहत मिलती है।

पीलिया से परवल के औषधीय गुण से फायदा (Parval Benefits to Get Relief from Jaundice in Hindi)

परवल कुटकी, सफेद चंदन, मुलेठी, गुडूची तथा पाठा से काढ़ा बनायें। 10-20 मिली काढ़े का सेवन करने से  कामला या पीलिया रोग में लाभ होता है।

फोड़ों में परवल की सब्जी के फायदे (Benefits of Parwal to Treat Boil in Hindi)

परवल का पत्ता, त्रिफला, नीम का छाल, चिरायता, खदिर तथा असन इन द्रव्यों से बने काढ़े (10-20 मिली) में, 1 माशा शुद्ध गुग्गुल मिलाकर पिएं। इससे सभी तरह के उपदंश या फोड़ो के दर्द में लाभ मिलता है।

कुष्ठ रोग में परवल के इस्तेमाल से लाभ (Use of Parval to Treat Leprosy in Hindi)

नीम तथा परवल की पत्तियों का काढ़ा बनाकर प्रयोग करने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है।

परवल के पत्ते, खदिर, नीम की छाल, त्रिफला तथा वेत्र (वेत्त या वेतस) का काढ़ा बनाकर कड़वे पदार्थों के साथ सेवन करने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है।  

विसर्प (हर्पिस) रोग से दिलाये राहत परवल (Pointed Gourd Benefits for Herpes in Hindi)

हर्पिस के दर्द और जलन से राहत दिलाने में परवल के काढ़े का सेवन बहुत लाभप्रद होता है। परवल के पत्ते, मूंग की दाल तथा आमल के रस से बने काढ़े (10-20 मिली) में घी मिलाकर पीने से विसर्प या हर्पिस रोग (Herpes) में लाभ मिलता है।

चेचक (स्मॉल पॉक्स) में परवल के फायदे (Benefits of Pointed Gourd for Small Pox in Hindi)

स्मॉल पॉक्स होने पर जलन और दर्द से मरीज बहुत परेशान रहता है. स्मॉल पॉक्स की शुरुआती अवस्था में परवल के जड़ एवं पत्ते के काढ़े (10-20 मिली) में मुलेठी जड़ का रस (5 मिली) मिलाकर पीना चाहिए। इससे शरीर को आराम मिलता है।

अडूसा, नागरमोथा, चिरायता, त्रिफला, इंद्रजौ, जवासा, परवल पत्ता तथा नीम छाल का काढ़ा बनायें। 10-20 मिली काढ़े में मधु मिला कर पीने से कफ वाले चेचक (स्मॉल पॉक्स) में लाभ होता है।

नशा उतारने (इनटॉक्सिकेशन) के लिए परवल का सेवन (Benefits of Pointed Gourd for Intoxication in Hindi)

परवल के जूस को खट्टा करके जौ से बने हुए व्यंजन के साथ सेवन करने से नशा उतारने में मदद मिलती है। 

बुखार में फायदेमंद परवल का सेवन (Pointed Gourd Benefits in Fighting with Fever in Hindi)

साल में हर बार मौसम बदलने पर बुखार से सब परेशान होने लगते हैं। इससे राहत दिलाने में परवल की पत्ती का इस तरह से सेवन बहुत काम आता है-

  • परवल की पत्ती तथा परवल के फल की सब्जी में समान मात्रा में धनिया डाल लें। इसका काढ़ा पीने से बुखार उतर जाता है।
  • परवल के पत्ते का काढ़ा बनाकर सेवन करने बुखार में लाभ होता है।
  • नीम तथा परवल से बने जूस का सेवन करने से बलगम वाली खांसी और बुखार में लाभ होता है।
  • परवल के पत्ते व फल का सेवन सभी प्रकार के बुखार में उपयोगकारी होता है।
  • परवल पत्ता तथा यव काढ़े (10-20 मिली काढ़ा) में मधु मिलाकर पीने से पित्त के कारण बुखार, जलन, प्यास आदि से राहत मिलती है।
  • परवल के पत्ते, नीम की छाल, त्रिफला, मुलेठी तथा बला का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में पीने से पित्त-कफ वाले बुखार से राहत मिलती है।
  • परवल पत्ता, यव, धनिया, मूँग, आँवला तथा रक्त-चंदन से बने काढ़े को (10-20 मिली मात्रा में) पीने से पित्तज तथा कफ पित्तज दोष के कारण होने वाले बुखार में आराम मिलता है। यहां तक बुखार में जो तृष्णा, उल्टी तथा दाह जैसे लक्षण महसूस होते हैं उससे भी राहत मिलती है।
  • परवल, लालचन्दन, मूर्वा, कुटकी, पाठा तथा गुडूची से बने काढ़े को पीने से पित्त और कफ के कारण जो, उल्टी, जलन, खुजली तथा विष रोग होते हैं उससे मुक्ति मिलती है।
  • परवल, इन्द्रजौ, देवदारु, त्रिफला, नागरमोथा, मुनक्का, मुलेठी, गुडूची तथा अडूसा इन द्रव्यों से बने 10-20 मिली काढ़े में 6 माशा मधु मिलाकर पीने से संततज्वर, सततज्वर, द्वितीयक ज्वर, तृतीयक ज्वर, एकाहिकज्वर तथा नवज्वर में लाभ होता है।

कफ दोष के कारण होने वाले बुखार से दिलाये राहत परवल (Pointed Gourd Benefits in Fighting with Cough Related Fever in Hindi)

ठंडा लगकर जब बुखार आने लगता है तो परवल के काढ़े का सेवन फायदेमंद होता है। परवल, त्रिफला, कुटकी, सोंठ, वासा तथा गुडूची का काढ़ा बना लें।  10-20 मिली काढ़े में शहद मिलाकर सेवन करने से कफज बुखार में लाभ होता है।

इंफ्लुएंजा में परवल के फायदे  (Benefits of Pointed Gourd for Influenza in Hindi)

मौसम के बदलाव के साथ अक्सर लोगों को इंफ्लुएंजा हो जाता है। परवल का सेवन इस तरह से करने पर इंफ्लुएंजा के परेशानी से कुछ हद तक राहत मिलती है।

  • परवल, त्रिफला, निम्बत्वक्, मुनक्का, अमलतास तथा वासा से बने (10-20 मिली) काढ़े में 1 ग्राम मिश्री या 1 ग्राम शर्करा मिलाकर पीने से ऐकाहिक ज्वर में लाभ होता है।
  • परवल, कुटकी, मुलेठी, हरीतकी तथा नागरमोथा का काढ़ा बनाकर 10-30 मिली मात्रा में पीने से विषम ज्वर में लाभ होता है।
  • परवल, नीम छाल, छोटी कटेरी, कुटज, गुडूची तथा नागरमोथा इन औषधियों से बने काढ़े में मधु मिलाकर पीने से कमजोरी के कारण जो बुखार आता है  उसमें लाभ होता है।

रक्तपित्त (हेमोरेज) में लाभकारी परवल (Parwal Benefits to Get Relief from Hemorrhage in Hindi)

हेमोरेज से जो परेशान रहते हैं उनके लिए परवल (parwal ki sabji) बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। 5 मिली परवल के पत्ते का रस में शहद मिलाकर पीने से रक्तपित्त में लाभ होता है।

परवल, ह्रीबेर की जड़ तथा समान मात्रा में लालचंदन चूर्ण (1-2 ग्राम) को शर्करायुक्त चावल के धोवन के साथ पीने से अथवा परवल के पत्तों का हिम, रस, पेस्ट या काढ़ा बनाकर पीने से रक्तपित्त में लाभ होता है।

कब्ज से राहत दिलाये परवल (Benefit of Parwal to Get Relief from Constipation in Hindi)

परवल कब्ज में लाभदायक होता है, क्योंकि इसमें पाचक और रेचन दोनों ही गुण पाए जाते हैं। यह गुण आपके पाचन-तंत्र को मजबूत रखते हुए कब्ज की परेशानी को कम करने में मदद करता है।

वजन कम करने में सहायक परवल की सब्जी (Benefits of Pointed Gourd for Weight loss in Hindi)

हर कोई वजन कम करना चाहता है, परवल का सेवन इस तरह से करने पर वजन कम होने में सहायता मिलती है। पाचनशक्ति की खराबी के कारण भी वजन में बढ़ोतरी होती है। शरीर में अत्यधिक चर्बी जमा होने लगते है। परवल के दीपन-पाचन के गुण के कारण ये पाचन को बेहतर करने में मदद करता है। रेचन गुण के कारण शरीर के भीतर की गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे वजन कम करने में सहायता मिलती है। परवल का पत्ता तथा चित्रक के (20 मिली) काढ़े में 500 मिग्रा सौंफ तथा 65 मिग्रा हींग मिलाकर चूर्ण बनायें। इस चूर्ण के सेवन से पेट की चर्बी कम होती है।

पाचन-तंत्र विकार सुधारने में लाभकारी परवल की सब्जी (Pointed Gourd Benefits for Digestive System in Hindi)

परवल की सब्ज़ी पाचन-तंत्र को सुधारने में भी लाभदायक होती है, क्योंकि इसमें दीपन-पाचन गुण पाया जाता है। इसके कारण यह अग्नि को दीप्त कर पाचन-तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।

कोलेस्‍ट्रॉल और ब्‍लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक परवल के बीज (Benefit of Parwal to Control Cholesterol and Blood Sugar in Hindi)

कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज दोनों ही ऐसी समस्याएँ है जो कि पाचन के ख़राब होने के कारण या आम बनने के कारण होती हैं। परवल में दीपन-पाचन गुण होने के कारण ये पाचन को स्वस्थ रखने में मदद करती है। रेचन गुण होने के कारण शरीर से आम को पचाकर बाहर निकालने में भी सहयोग देती है।  

शराब की आदत छुड़ाने में लाभकारी परवल (Parwal is Beneficial in Quitting Alcohol in Hindi)

शराब की आदत छोड़ने पर जो लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे कि भूख न लगना, पाचन खराब होना या गैस आदि का बनना। इन सबसे राहत पाने में परवल बहुत सहयोगी होता है। दीपन-पाचन और उष्ण गुण होने के कारण परवल इन सभी समस्याओं का समाधान करता है।

खून साफ करने में परवल खाने के फायदे (Parwal is Beneficial to Get Relief from Blood Purification in Hindi)

परवल की पत्तियों में पित्तशामक, व्रणशोधक गुण होने के कारण यह खून को साफ़ करने में मदद करती है।

परवल कहां पाया और उगाया जाता है? (Where is Parwal Vegetable is Found or Grown?)

यह उत्तर-भारत के मैदानी प्रदेशों में तथा आसाम, पूर्व बंगाल एवं गुजरात में पाया जाता है।

नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको परवल से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है। लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।

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