Papita Papaya in Hindi / पपीता खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान
पपीता को एक फल के रूप में जाना जाता है जिसका रंग हरा, तथा पकने पर पीला हो जाता है। पपीते का वानस्पतिक नाम केरीका पपाया है। इसे हम कच्चा या पक्का दोनों रूपों में इस्तेमाल कर सकते हैं। पके हुए फल को नाश्ते में ले सकते हैं लेकिन कच्चे फल को अचार व सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। कई जगहों पर पपीते की चटनी बनाई जाती है जो बहुत ही स्वादिष्ट और लोकप्रिय होती है। Papita Papaya in Hindi
पपीते का सामान्य परिचय (Introduction of Papaya in Hindi)
पपीता विश्व के उष्णकटिबंधीय और उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों का एक मुख्य फल माना जाता है। पपीता का मूल स्थान अमेरिका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र है। पपीता को पहली बार मैक्सिको में उगाया गया था, बाद में यह पुर्तगालियों द्वारा भारत में लाया गया। पुराने समय से ही पपीते की तुलना खरबूजे से की जाती रही है लेकिन यह फल खरबूजा की तुलना में कम मीठा होता है। हालांकि पके हुए पपीते में अच्छी खासी मिठास देखने को मिलती है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह फल हर घर के आसपास देखने को मिलता है। पपीता हमारे लिए अत्यंत आवश्यक और लाभप्रद होते हैं। यह लोकप्रिय फल माना जाता है जिसका सेवन नाश्ते में नमक और नींबू के साथ किया जाता है। यूँ तो यह साल भर मिलने वाला फल है लेकिन जून को नेशनल पपाया मंथ माना जाता है। पपीते में पपेइन नामक एंजाइम होता है जिसका इस्तेमाल कॉस्मेटिक, तथा च्युइंगम में किया जाता है। दुनिया भर में पपीते की अनेक किस्म देखने को मिलती है पपीते का आकार नाशपाती के आकार का लेकिन उससे थोडा लम्बा होता है जो लगभग 20 इंच तक बढ़ सकता है। पपीते में प्राकृतिक रूप से फाइबर, कैरोटीन, विटामिन-C और अन्य जरूरी मिनरल्स पाए जाते हैं, पपीते के फल के साथ-साथ इसके पौधे की जड़, छाल, छिलका, बीज और गूदे में भी औषधि का गुण पाया जाता है।Papita Papaya in Hindi
भारत में पपीता
भारत में पपीता आज से लगभग 300 वर्ष पूर्व आया था। पेड़ लगाने के बाद 1 वर्ष के अंदर ही यह पेड़ फल देने लगता है। अधिक पाला पड़ने वाले जगहों पर यह पेड़ नहीं लगाना चाहिए क्योंकि पपीते का पेड़ बहुत कोमल होता है और पाला अधिक पड़ने पर यह पेड़ नष्ट (मर) हो जाता है। भारत के कई हिस्सों में पपीते की खेती की जाती है। भारत के दक्षिण में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल, पश्चिम में बंगाल पूर्व में असम, उड़ीसा एवं गुजरात, महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश और मध्य भारत में पपीते का सबसे अधिक उत्पादन किया जाता है। विश्व में भारत पपीते का सबसे बड़ा उत्पादक देश माना जाता है। भारत में हरवर्ष लगभग 30 लाख टन पपीते का उत्पादन किया जाता है जो कि विश्व में पपीता के कुल उत्पादक का लगभग आधा हिस्सा है।
भारत में पपीते का अधिक उत्पादक होने से ही वह अपने पड़ोसी देशों जैसे बहरीन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, कतर और नीदरलैंड को पपीता निर्यात करता है। Papita Papaya in Hindi
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पपीता के औषधीय और पौष्टिक गुण (Medicinal and nutritional value of Papaya in Hindi)
1. पपीता आपके पाचन शक्ति को बढ़ाता है
2. पपीता के नियमित इस्तेमाल से आपका वजन कम हो जाता है।
3. पपीता खाने से महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान अधिक दर्द नहीं होता है।
4. दांत में दर्द होने पर पपीते का सेवन करना उत्तम माना जाता है।
5. पपीता खाने से संक्रमण होने के जोखिम घट जाते हैं।
6. रोजाना पपीते का सेवन करने वाले को कैंसर होने का खतरा कम होता है
7. पपीते का रस त्वचा और मुंह पर लगाने से मुंह पर बने कील मुहासे ठीक होने लगते हैं। यह सूजन में भी काफी आराम दिलाता है. Papita Papaya in Hindi
8. पपीते में विटामिन ए की अत्यधिक मात्रा अधिक पाई जाती है जिससे यह आंखों के लिए अधिक फायदेमंद माना जाता है। इसके सेवन से रेटिना पर दुष्प्रभाव नहीं होता है जिससे आपकी आंखें स्वस्थ बनी रहती हैं।
9. पपीता गठिया के शिकायत को भी कम करता है अतः पपीता का सेवन हमारे लिए बहुत आवश्यक माना जाता है।
पपीता खाने के मुख्य फायदे (Papita khane ke fayde)
(Benefits of Papaya in Hindi)
पपीता मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक फल है। इसको खाने के फायदे निम्नलिखित हैं:
हृदय रोग में लाभदायक
पपीता ह्रदय रोग में बहुत ही फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें फाइबर, पोटैशियम और विटामिन होता है, जिससे हृदय रोगों के ठीक होने की संभावना अधिक होती है। पोटैशियम को अधिक मात्रा में खाने तथा सोडियम को कम मात्रा में खाने से हृदय रोग का खतरा बहुत कम हो जाता है।Papita Papaya in Hindi
पाचन क्रिया में
जिस प्रकार पपीता हमारे लिए फायदेमंद होता है ठीक उसी प्रकार उसका बीज भी हमारे लिए लाभदायक होता है। पपीता में पपेन नामक पाचन एंजाइम की मात्रा अधिक होने के कारण यह पाचन प्रक्रिया को उत्तेजित करने में भी सहायक होता है। इस फल में अधिक मात्रा में पानी और फाइबर मौजूद होते हैं जो पाचन प्रक्रिया को आसान बना देते हैं। यह कब्ज को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा पपीते में फोलेट, कैरोटीन और और विटामिन ई और विटामिन सी की मात्रा भी पाई जाती है जो कैंसर के खतरे को दूर करने में सहायक होते हैं।
पपीते के बीज में प्रोटीयोलाइटिक एंजाइम पाया जाता है जो आंतों के कीड़े और परजीवी से छुटकारा दिलाता है। अतः पपीते का सेवन उचित मात्रा में करना अत्यंत आवश्यक है।
गठिया में लाभकारी
गठिया के कारण होने वाले दर्द को दूर करने के लिए पपीता का सेवन अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि इसमें कई एंटी- इन्फ्लेमेटरी एंजाइम होते हैं जो गठिया से होने वाले दर्द को दूर करने में सहायक सिद्ध होते हैं। शरीर में सूजन होने पर भी पपीते का सेवन करना तथा पपीता के रस का लेप लगाना चाहिए, ऐसा करने से सूजन में आराम मिलता है क्योंकि इसमें विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई की मात्रा अधिक होती है तथा साथ ही बीटा कैरोटीन भी सूजन को कम करने सहायक सिद्ध होते हैं। पपीते का नियमित रूप से सेवन करने वाले को गठिया होने की संभावना बहुत कम होती है।Papita Papaya in Hindi
आंखों के लिए लाभदायक
पपीते में उपस्थित विटामिन ए, सी और ई, आंखों के लिए बहुत ही उचित आहार है क्योंकि इन्हीं विटामिनों के अभाव में हमारी आंखों की रोशनी चली जाती है तथा हम मोतियाबिंद के शिकार हो जाते हैं। अतः आंखों की रोशनी बनाए रखने के लिए पपीते का सेवन जरूरी माना गया है।
त्वचा निखारने में
पपीते में अनेक स्वास्थ्य घटक होते हैं जो आपकी त्वचा के लिए बहुत अच्छे होते हैं। त्वचा निखारने के लिए भी पपीते का उपयोग किया जाता है। पपीता मृत त्वचा कोशिकाओं को निकालने और उसको ताजी और चमकदार त्वचा देने में सक्षम है। यह चेहरे पर उम्र बढ़ाने के संकेत को भी कम कर देता है जिसके कारण त्वचा मुलायम और जवान दिखती है।
कैंसर से बचाव में
पपीते में कई महत्वपूर्ण यौगिक होते हैं जो कि कुछ प्रकार के कैंसर के विकास के खतरे को कम कर देते हैं। पपीते में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट विशेष रुप से लाइकोपिन, बीटा कैरोटीन, और बीटा क्रिप्टोकसाथिन कैंसर के खतरे को दूर करने में बहुत फायदेमंद हैं। पपीते में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो कैंसर कोशिकाओं के निर्माण के साथ-साथ उसके विकास को भी रोक देते हैं।
बालों को मजबूत करने में
पपीते के पत्तों का रस आपके बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है क्योंकि यह कई खनिज, विटामिन और एंजाइम से परिपूर्ण होता है जो आपके बालों को विकास तथा वृद्धि प्रदान करने में मदद करता है। यह बालों से रूसी को दूर करता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक आप अपने सुस्त, बेजान, बिखरे बालों को चमकाने के लिए इसका प्रयोग कर सकते हैं।Papita Papaya in Hindi
उच्च रक्तचाप के इलाज में
उच्च रक्तचाप के इलाज में कच्चे पपीते का प्रयोग किया जाता है क्योंकि पपीता पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है। पोटेशियम एक प्रकार का खनिज है जो सोडियम के प्रभाव का मुकाबला करता है और रक्तचाप के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है। हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीज को नियमित रूप से पपीते का सेवन अत्यंत आवश्यक है। उच्च रक्तचाप से मुक्ति पाने के लिए नाश्ते में पपीते का सेवन अत्यंत जरूरी है।
वजन कम करने में
पपीता विटामिन के साथ पोटैशियम का अच्छा स्रोत है। ये पोषक तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हैं। इस फल में फाइबर की मात्रा अधिक होने के कारण भूख कम लगती है जिसके कारण आप अधिक भोजन नहीं कर पाते और आपका वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है। पपीता कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ वसा से भी मुक्त होता है तथा इसमें कैलोरी भी बहुत कम होती है इसलिए यह आहार डाइटिंग करने वाले लोगों के लिए एक उत्कृष्ट भोजन है।Papita Papaya in Hindi
पपीता खाने के हानि (Papita khane ke nuksan)
(Drawbacks of Papaya in Hindi)
जैसा कि हम जानते हैं कि पपीता खाने के अनेक फायदे हैं, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन भी हमारे शरीर के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। कुछ विशेष स्थिति में हमें पपीते का सेवन कम से कम या ना के बराबर करना चाहिए ताकि उन स्थिति में हम पपीते के उन दुष्प्रभाव से बच सकें जो हमारे लिए खतरे का कारण बनते हैं।
1. स्तनपान करा रही महिलाओं को पपीते का सेवन डॉक्टर के परामर्श के बाद ही करना चाहिए।
2. लेटेक्स की उपस्थिति के कारण पपीता गर्भाशय के संकुचन का कारण बन सकता है जिससे गर्भपात, समय से पहले प्रसव दर्द, शिशु में असामान्यताएं यहां तक कि बच्चे के मरने का खतरा भी बना रहता है। अतः गर्भावस्था के दौरान पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए या बहुत कम मात्रा में लेना चाहिए. Papita Papaya in Hindi
3. पपीते में मौजूद पपेन, एंजाइम एक शक्तिशाली एंजाइम है, जिसका अधिक मात्रा में उपयोग हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता है जैसे कि नाक में कंजेशन, घबराहट,या दमा जैसी स्थिति आ सकती है जो श्वसन क्रिया को प्रभावित करने का कारण बनती है।
4. छोटे बच्चों (लगभग एक से डेढ़ साल के बच्चों) को पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि पपीते का सेवन उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
5. दस्त होने की स्थिति में भी पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इस स्थिति में पपीते का सेवन दस्त को बढ़ा सकता है।
6. यदि कोई भी व्यक्ति रक्त को पतला करने वाली दवाई का इस्तेमाल कर रहा है तो उसे पपीते का सेवन बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए।
7. बहुत अधिक मात्रा में पपीते का सेवन करने से हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम में समस्या उत्पन्न हो सकती है जिससे कि हमें पेट दर्द, ब्लोटिंग जैसी समस्याएं सामने आ सकती है।
नोट- उपरोक्त लेख से हमें ज्ञात हो चुका है कि पपीता हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी और लाभदायक है तथा कुछ विशेष इस स्थिति में इसका अधिकाधिक सेवन करना हमारे लिए हानिकारक भी सिद्ध हो सकता है, अतः नियमित रूप से पपीते का सेवन करते रहें। विशेष स्थितियों में पपीते का सेवन डॉक्टर की उचित सलाह से ही करें। Papita Papaya in Hindi
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