Nutmeg Jaiphal in Hindi / जायफल खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान
जायफल एक प्रकार का गरम मसाला है जिसमे बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं। मिरिस्टिका नामक वृक्ष से जायफल तथा जावित्री प्राप्त होती है। मिरिस्टिका प्रजाति की लगभग 80 जातियां हैं, जो भारत, आस्ट्रेलिया तथा प्रशांत महासागर के द्वीपों पर उपलब्ध हैं। मिरिस्टिका वृक्ष के बीज को जायफल कहते हैं। इस वृक्ष का फल छोटी नाशपाती के रूप का एक इंच से डेढ़ इंच तक लंबा, हल्के लाल या पीले रंग का गूदेदार होता है। पकने पर फल दो खंडों में फट जाता है और भीतर सिंदूरी रंग की जावित्री दिखाई देने लगती है। जावित्री के भीतर गुठली होती है, जिसके कड़े खोल को तोड़ने पर भीतर से जायफल प्राप्त होता है।
जायफल क्या है? (What is Nutmeg in Hindi?)
जायफल एक जड़ी-बूटी है, जिसका प्रयोग मसाले के रूप में होता है। इसकी दो प्रजातियां होती हैं:
- सामान्य जायफल
- जंगली जायफल
जायफल (Nutmeg Jaiphal in Hindi) का वृक्ष हमेशा हरा रहने वाला और सुगन्धित होता है। वृक्ष के तने शयामले रंग के होते हैं, जिसमें बाहर छिद्र होता है। अन्दर लाल रंग के द्रव्य होते हैं। इसके पत्ते लम्बे और भालाकार होते हैं। इसके फूल (mace flower) छोटे-छोटे, सुगंधित और पीले-सफेद रंग के होते हैं। फल पकने पर दो भागों में फट जाता है, जिसमें से जायफल निकलता है।
जायफल (Nutmeg Jaiphal in Hindi) को चारों ओर से घेरे हुए लाल रंग का कड़ा मांसल कवच होता है, जिसे जावित्री‘ कहते हैं। यह सूखने पर अलग हो जाता है। इसी जावित्री के अन्दर जायफल होता है। यह अण्डाकार, गोल और बाहर से शमायला रंग का सिकुड़ा हुआ, और तीव्र गन्धयुक्त होता है।
अन्य भाषाओं में जायफल के नाम (Name of Jaifal in Different Languages)
जायफल (Nutmeg Jaiphal in Hindi) का वानस्पतिक नाम मिरिस्टिका प्रैंग्रेन्स (Myristica fragrans Houtt., Syn-Myristica aromatica Lam., Myristica officinalis Mart) है। यह मिरिस्टिकेसी (Myristicaceae) कुल का है। अन्य भाषाओँ में जायफल को निम्नलिखित नामों से जाना जाता है:
- हिंदी में- जायफल, जायफर
- अंग्रेजी में- नट् मेग (Nutmeg), फॉल्स एरिल (False aril), प्रैंग्रैन्ट नट ट्री (Fragrant nut tree), ट्रू नटमेग (True nutmeg), मैक ट्री (Mac tree)
- संस्कृत में- जातीफल, मालतीफल
- उड़िया में- जायफोलो (Jaipholo)
- कन्नड़ में- जाजीकाय (Jajikaya)
- गुजराती में- जायफल (Jayaphal)
- तेलगु में- जाजीकाय (Jajikaya), जाजीपत्री (Jajipattiri)
- तमिल में- अडिपलम (Adipalam), अट्टिगम (Attigam)
- नेपाली में- जाइफल (Jaiphal);
- पंजाबी में- जयफल (Jayphala)
- मराठी में- जायफल (Jayaphala), बांडा जायफल (Banda jayaphala)
- मलयालम में- जाति (Jati)
- अरबी में- जीआन्सीबेन (Jiansiban), जोउजबाव्वा (Jouzbawwa)
जायफल के औषधीय गुण (Medicinal Values of Nutmeg in Hindi)
जायफल में निम्नलिखित औषधीय गुण पाए जाते हैं:
दस्त व मुहांसों में फायदेमंद है जायफल
जायफल घिसकर उस पानी का सेवन करें व नाभि पर लेप लगाने से दस्त आने बन्द हो जाते हैं। मुहांसे होने पर जायफल को दूध में घिसकर चेहरे पर लेप लगाने से मुहांसे समाप्त हो जाते हैं।
पाचन तंत्र के लिए लाभकारी है जायफल
जायफल आमाशय के लिए उत्तेजक होने से आमाशय में पाचक रस बढ़ाता है, जिससे भूख खुल के लगती है। यह आंतों में पहुंचकर वहां से गैस हटाता है।
सर्दी-खांसी में लाभकारी
सुबह-सुबह खाली पेट आधा चम्मच जायफल (Nutmeg Jaiphal in Hindi) चाटने से गैस्ट्रिक, सर्दी-खांसी की समस्या दूर होती है। पेट में दर्द होने पर चार से पांच बूंद जायफल का तेल चीनी के साथ लेने से आराम मिलता है।
सिर दर्द में लाभकारी है जायफल
सिर में तेज दर्द होने पर भी जायफल को पानी में घिस कर लगाने से आराम मिलता है.
सर्दी से बचाता है जायफल
जायफल सर्दी से बचाता है. इसके लिए जायफल को थोड़ा सा खुरचिये, चुटकी भर कतरन को मुंह में रखकर चूसते रहिये। यह काम आप पूरे जाड़े भर एक या दो दिन के अंतराल पर करते रहिये। यह शरीर की स्वाभाविक गर्मी की रक्षा करता है, इसलिए ठंड के मौसम में इसे जरूर प्रयोग करना चाहिए।
भूख बढ़ाता है जायफल
अगर किसी कारण से भूख न लग रही हो तो चुटकी भर जायफल (Nutmeg Jaiphal in Hindi) की कतरन चूसने से पाचक रसों की वृद्धि होती है और भूख बढती है. इससे भोजन भी अच्छे तरीके से पचता है।
दस्त और पेट दर्द में आराम दिलाता है जायफल
अगर दस्त आ रहे हों या पेट दर्द कर रहा हो तो जायफल को भूनकर उसके चार हिस्से कर लीजिये। एक हिस्सा मरीज को चूस कर खाने को कह दीजिये। सुबह शाम एक-एक हिस्सा खिलाने से दस्त और पेट दर्द में आराम मिलता है।
लकवा में लाभकारी है जायफल
लकवा का प्रकोप जिन अंगों पर होता है उन अंगों पर जायफल को पानी में घिसकर रोज लेप करने से फायदा होता है. दो माह तक लगातार ऐसा करने से अंगों में जान आ जाने की संभावना देखी गयी है।
प्रसव बाद कमर दर्द में फायदा
प्रसव के बाद अगर कमर दर्द खत्म नहीं हो रहा है तो जायफल (Nutmeg Jaiphal in Hindi) पानी में घिसकर कमर पर सुबह-शाम लगाने से एक सप्ताह में ही दर्द में आराम मिलता है.
फटी एड़ियों के लिए कारगर है जायफल
फटी एड़ियों के लिए जायफल महीन पीसकर बिवाइयों में भर दीजिये। 12-15 दिन में ही पैर भर जायेंगे।
हृदय को मजबूत बनता है जायफल
जायफल के चूर्ण को शहद के साथ खाने से ह्रदय मज़बूत होता है। पेट भी ठीक रहता है।
जी मिचलाने में आराम देता है जायफल मिक्स पानी
अगर आप जी मिचलाने की समस्या से परेशान हैं तो जायफल को थोड़ा सा घिस कर पानी में मिला कर पीने से जी मिचलाने की समस्या दूर हो जाती है।
मिटा देता है पुराने घावों के निशानों को
कई बार त्वचा पर कुछ चोट के निशान रह जाते हैं तो कई बार त्वचा पर नील और इसी तरह के घाव पड़ जाते हैं। इसके लिए जायफल में सरसों का तेल मिलाकर मालिश करना चाहिए। जहां भी आपकी त्वचा पर पुराने निशान हैं रोजाना मालिश से कुछ ही समय में वे हल्के होने लगेंगे। जायफल से मालिश से रक्त का संचार भी ठीक होता है और शरीर में चुस्ती-फुर्ती भी बनी रहती है।
आंखों की रौशनी बढ़ाता है जायफल
इसे थोडा सा घिसकर काजल की तरह आंख में लगाने से आँखों की ज्योति बढ़ जाती है और आंख की खुजली और धुंधलापन ख़त्म हो जाता है।
शक्ति के साथ बढ़ाए आवाज में सम्मोहन भी
जायफल (Nutmeg Jaiphal in Hindi) का नियमित सेवन शक्ति भी बढाता है और जायफल आवाज में सम्मोहन भी पैदा करता है।
चेहरे की झाईयां मिटाता है जायफल
चेहरे पर या फिर त्वचा पर पड़ी झाईयों को हटाने के लिए आपको जायफल को पानी के साथ पत्थर पर घिसना चाहिए। घिसने के बाद इसका लेप बना लें और इस लेप का झाईयों की जगह पर इस्तेमाल करें, इससे आपकी त्वचा में निखार भी आएगा और झाईयों से भी निजात मिलेगी।
झुर्रियों को मिटाता है जायफल
चेहरे की झुर्रियां मिटाने के लिए जायफल को पीसकर उसका लेप बनाकर झुर्रियों पर एक महीने तक लगाने से जल्द ही झुर्रियों से निजात मिल जाती है। जायफल, काली मिर्च और लाल चन्दन को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे की चमक बढ़ती है, मुहांसे ख़त्म होते हैं।
बार-बार पेशाब जाने से छुटकारा दिलाता है जायफल
किसी को अगर बार-बार पेशाब जाना पड़ता है तो उसे जायफल और सफ़ेद मूसली 2-2 ग्राम की मात्रा में मिलाकर पानी से सेवन करना चाहिए. ऐसा दिन में एक बार, खाली पेट, 10 दिन लगातार करने से आराम मिलता है.
बच्चों की सुरक्षा करता है जायफल
अगर बच्चों को सर्दी-जुकाम हो जाए तो जायफल का चूर्ण और सोंठ का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर 3 चुटकी इस मिश्रण को गाय के घी में मिलाकर बच्चे को सुबह शाम चटाने से आराम मिलता है.
आंखों के नीचे से काला घेरा मिटाता है जायफल
आंखों के नीचे काले घेरे हटाने के लिए रात को सोते समय रोजाना जायफल (Nutmeg Jaiphal in Hindi) का लेप लगाएं और सूखने पर इसे धो लें। कुछ समय बाद काले घेरे हट जाएंगे।
अनिद्रा को दूर भगाता है जायफल
अनिद्रा का स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है तथा साथ ही साथ त्वचा पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। त्वचा को तरोताजा रखने के लिए भी जायफल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आपको रोजाना जायफल का लेप अपनी त्वचा पर लगाना होगा। इससे अनिद्रा की शिकायत भी दूर होगी और त्वचा भी तरोताजा रहेगी।
दांत दर्द को तुरंत ठीक करता है जायफल
दांत में दर्द होने पर जायफल का तेल रुई पर लगाकर दर्द वाले दांत या दाढ़ पर रखने से दर्द तुरंत ठीक हो जाता है. अगर दांत में कीड़े लगे हैं तो वे भी मर जाएंगे।
पेट दर्द में फायदा दिलाता है जायफल
पेट में दर्द हो तो जायफल के तेल की 2-3 बूंदें एक बताशे में टपकाएं और खा लें। जल्द ही आराम आ जाएगा।
मुंह के छालों को ठीक करता है जायफल
जायफल को पानी में पकाकर उस पानी से गरारे करने से मुंह के छाले ठीक होंते है, और गले की सूजन भी कम होती है.
दूध पचाता है जायफल
शिशु का दूध छुड़ाकर ऊपर का दूध पिलाने पर यदि दूध पचता न हो तो दूध में आधा पानी मिलाकर, इसमें एक जायफल (Nutmeg Jaiphal in Hindi) डालकर उबालें। इस दूध को थोडा ठण्डा करके गुनगुना गर्म, चम्मच कटोरी से शिशु को पिलाएं, यह दूध शिशु को हजम हो जाएगा।
जायफल खाने के लाभ (Chhoti Elaichi khane ke fayde) (Benefits of Nutmeg in Hindi)
जायफल का नियमित सेवन करने के निम्नलिखित फायदे हैं:
बाल रोग में उपयोगी जायफल का सेवन (Jaiphal Benefits for Baby Problem in Hindi)
जायफल और मायाफल के बराबर-बराबर चूर्ण को धीमी आग पर भून लें। इसमें बारह भाग मिश्री मिला लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह दूध के साथ बच्चों को सेवन कराएं। इससे बच्चों के बल की वृद्धि होती है। बच्चों के रोगों ठीक होते हैं।
स्तनपान बंद (बच्चों को दूध पीना छुड़ाने) करने के लिए जायफल का प्रयोग (Jaiphal Benefits for Weaning Off in Baby in Hindi)
ऐसा प्रायः देखा जाता है कि माताएं जब छोटे बच्चों को दूध पीना छुड़ाना चाहती हैं तो बच्चे आसानी से दूध नहीं छोड़ते हैं। ऐसी स्थिति में जायफल आपके काम आ सकता है। बच्चों को दूध पीना छुड़ाने के लिए जायफल का प्रयोग करना चाहिए। यह लाभ देता है। उपयोग के बारे में किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर पूछ लें।
सेक्सुअल पॉवर (पुरुषत्व या मर्दाना ताकत) बढ़ाने में जायफल के फायदे (Benefits of Nutmeg to Increase Sexual Power in Hindi)
जायफल (Nutmeg Jaiphal in Hindi) सेक्सुअल पॉवर की कमी को भी दूर करता है। लोग पुरुषत्व (मर्दाना ताकत) को बढ़ाने के लिए जायफल का इस्तेमाल कर सकते हैं। जायफल, अकरकरा, जावित्री, इलायची, कस्तूरी और केसर को दूध में पका लें। इस दूध में मिश्री मिलाकर पिएं। इससे पौरुष शक्ति (पुरुषत्व) की वृद्धि होती है।
मुंह के छाले की समस्या में जायफल का उपयोग (Ground Nutmeg Benefits to Treat Mouth Ulcers in Hindi)
मुंह के छाले को ठीक करने के लिए ताजे जायफल के रस को पानी में मिलाकर कुल्ला करन चाहिए। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
चेहरे के दाग-धब्बों (झाईयां) में जायफल के फायदे (Jaiphal Benefits to Treat Skin Scars in Hindi)
- जायफल को पीसकर शहद मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के दाग और धब्बे मिटते हैं।
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- जावित्री और जायफल के बारीक चूर्ण को पानी में घोलकर लेप करने से चेहरे की झाईयाँ मिट जाती हैं।
बिवाई (हाथ-पैर की त्वचा के फटने) में जायफल से लाभ (Jaiphal Benefits for Cracked Heal in Hindi)
प्रायः सर्दी के मौसम में हाथों और पैरों की त्वचा फट जाया करती है। इसमें जायफल को जल में घिसकर पैरों में लेप करें। इससे बिवाइयां ठीक हो जाती हैं।
त्वचा रोग में जायफल से लाभ (Jaiphal Benefits for Skin Disease in Hindi)
जायफल के तेल (Nutmeg Jaiphal in Hindi) की मालिश करने से त्वचा संबंधित रोग दूर होता है। आप बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जायफल के उपयोग की जानकारी ले सकते हैं।
मुंह से बदबू आने पर जायफल से लाभ (Ground Nutmeg Benefits to Cure Mouth Smell in Hindi)
अगर आप मुँह से बदबू आने की समस्या से परेशान हैं तो बराबर-बराबर भाग में कूठ, कमल, जावित्री और जायफल के चूर्ण लें। इसकी 500 मिग्रा की गोली बनाकर चूसें। इससे मुंह से दुर्गंध आने की परेशानी ठीक हो जाती है।
दांत दर्द में फायदेमंद जायफल का उपयोग (Jaifal Benefits for Dental Pain in Hindi)
जायफल के तेल में भिगोयी हुई रूई के फाहे को दांतों में रखें। आपको दांत में दबाकर रखना है। इससे दांत के दर्द से आराम मिलता है।
माइग्रेन (आधासीसी) में जायफल का उपयोग लाभदायक (Benefits of Jaifal in Migraine in Hindi)
जायफल के छिलके को वनफ्सा के तेल में पीस लें। इसे 1-2 बूंद नाक में डालने से आधासीसी (अधकपारी) के दर्द में आराम मिलता है।
सिर दर्द में लाभकारी है जायफल (Uses of Jaifal in Relief from Headache in Hindi)
जायफल का उपयोग सिरदर्द में भी बहुत ही फायदेमद होता है। जायफल को पानी में घिसकर सिर पर लगाने से सिर दर्द ठीक हो जाता है।
कान के रोग में जायफल के फायदे (Ground Nutmeg Uses to Cure Ear Disease in Hindi)
- जायफल को पीसकर कान के पीछे लेप करने से कान का दर्द और सूजन ठीक होता है।
- जायफल को तेल में उबालकर छान लें। इसे 1-2 बूंद की मात्रा में कान में डालने से कान की बीमारी ठीक होती है।
खांसी में जायफल के गुण से लाभ (Jaiphal Powder Uses in Fighting with Cough in Hindi)
खांसी का इलाज करने के लिए 500 मिग्रा जातिफलादि चूर्ण में मधु (शहद) मिलाकर सेवन करें। इससे खांसी, साँस का फूलना, भूख ना लगना, टीबी की बीमारी, और वात-कफ विकार के कारण होने वाली सर्दी-जुकाम में फायदा होता है।
अधिक प्यास लगने की परेशानी में जायफल का उपयोग फायदेमंद (Jaiphal Benefits for Thirsty Problem in Hindi)
जायफल (Nutmeg Jaiphal in Hindi) को रात भर ठंडे पानी में डूबो कर रखें। सुबह 5-10 मिली मात्रा में इस पानी को पिलाने से अत्यधिक प्यास लगने की समस्या ठीक होती है।
भूख बढ़ाने के लिए जायफल का प्रयोग (Ground Nutmeg Benefits for Appetite Problem in Hindi)
बराबर-बराबर भाग में कंकोल, देवदारू, दालचीनी, सेंधा नमक, बेल, मरिच, जायफल, जीरक-द्वय और जावित्री लें। इनका बारीक चूर्ण (mace powder) कर लें। इसमें मातुलुंग नींबू का रस मिलाकर 250 मिग्रा की गोलियाँ बना लें। इसका सेवन करने से अरुचि (भूख का बढ़ना) और दस्त की परेशानी ठीक होती है। जायफल को पानी में घिसकर पिलाने से जी मिचलाना ठीक होता है।
पाचनतंत्र विकार में जायफल से लाभ (Jaiphal Powder Uses in Indigestion in Hindi)
- 500 मिग्रा जायफल के चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से जठराग्नि प्रदीप्त होती है।
- बराबर-बराबर भाग में जायफल, जौ, नागरमोथा और बेल के चूर्ण (1-3 ग्राम) को छाछ के साथ सेवन करने से जठराग्नि प्रदीप्त होती है, और ग्रहणी रोग में लाभ होता है।
पेट के रोग में जायफल के फायदे (Uses of Jaiphal for Stomach Disease in Hindi)
- पेट की बीमारी में 1-2 जातिफलादि वटी का सुबह और शाम सेवन करें। इससे पेट की बीमारी में लाभ होता है।
- पेट दर्द की परेशानी में 1-2 बूंद जायफल तेल को बताशे में डालकर खिलाएं। इससे पेट दर्द से आराम मिलता है।
दस्त पर रोक लगाने के लिए जायफल का इस्तेमाल (Ground Nutmeg Benefits to Stop Diarrhea in Hindi)
- बराबर-बराबर भाग में जायफल और सोंठ (500 मिग्रा) लें। इसे जल में घिसकर सेवन करने से दस्त ठीक हो जाता है। इस दौरान स्वस्थ भोजन करना जरूरी है।
- दस्त पर रोक लगाने के लिए जायफल को घिसकर नाभि में लेप करें। इससे दस्त की गंभीर बीमारी भी तुरंत ठीक हो जाती है।
- दस्त को ठीक करने के लिए जायफल, लौंग, सफेद जीरा और सुहागा के 1 ग्राम चूर्ण में मधु और मिश्री मिलाकर सेवन करें। इससे दस्त की गंभीर बीमारी ठीक हो जाती है।
- इसी तरह 1-2 जातीफलादि वटी को सुबह और शाम छाछ के साथ सेवन करने से सभी तरह के दस्त ठीक हो जाते हैं।
- 500 मिग्रा जायफल चूर्ण में शहद मिलाकर खाने से पेट की गैस और दस्त की समस्या से आराम मिलता है।
- उल्टी और दस्त की बीमारी में 500 मिग्रा जायफल के चूर्ण में घी और खांड मिलाकर चाटें। इससे लाभ होता है।
लकवा (पक्षाघात) में जायफल का औधषीय गुण फायदेमंद (Nutmeg Benefits for Paralysis in Hindi)
लकवे की बीमारी में भी जायफल का फायदा लिया जा सकता है। जायफल को मुंह में रखकर चूसने से लकवा रोग में लाभ होता है।
जायफल का प्रयोग कर गठिया का इलाज (Uses of Nutmeg for Arthritis in Hindi)
जायफल या जावित्री तेल को सरसों के तेल में मिलाकर जोड़ों के दर्द वाले स्थान पर लगाएं। इससे जकड़न, मोच, गठिया, लकवा में लाभ होता है।
जायफल कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Jaifal Found or Grown?)
जायफल (Nutmeg Jaiphal in Hindi) की खेती कई स्थानों पर की जाती है। भारत में जायफल 750 मीटर तक की ऊँचाई पर जायफल का वृक्ष मिलता है। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल दिसम्बर से मई तक होता है। विश्व में मलाया, प्रायद्वीप, सुमात्रा, जावा, सिंगापुर, श्रीलंका, वेस्टइडीज में कृषित और दक्षिण और पूर्वी मोलूक्कास में मिलता है।
जायफल खाने के नुकसान (Chhoti Elaichi khane ke Nuksan) (Side Effects of Nutmeg in Hindi)
- आयुर्वेद के अनुसार, जायफल के ये नुकसान भी हो सकता हैः
- जायफल का प्रयोग गर्भावस्था में नहीं किया जाना चाहिए।
- जिन लोगों को एलर्जी की शिकायत रहती है, उन्हें चिकित्सक से सलाह लेकर जायफल का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा संबंधित विकार हो सकते हैं।
- इसकी 5 ग्राम या उससे अधिक मात्रा का प्रयोग करने पर हिचकी, बहुत अधिक प्यास लगना, पेट दर्द, मानसिक विकार, व्याकुलता, बेहोशी, द्विरूपता लीवर से जुड़ी परेशानी हो सकती है।
- इससे मृत्यु भी हो सकती है।
- जायफल के बीज का चूर्ण अत्यधिक कामोत्तेजक होता है, और अधिक मात्रा में इसका प्रयोग नुकसान पहुंचा सकता है।
नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको जायफल से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है। लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।
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