MRI Full Form in Hindi, MRI: Magnetic Resonance Imaging (चुम्बकीय अनुनाद इमेजिंग)
MRI का फुल फॉर्म है “Magnetic Resonance Imaging” यानि हिंदी में कहें तो “चुम्बकीय अनुनाद इमेजिंग”. यह एक चिकित्सा इमेजिंग तकनीक है जिसका उपयोग शरीर रचना विज्ञान और शरीर की शारीरिक प्रक्रियाओं के चित्र बनाने के लिए रेडियोलॉजी में किया जाता है। MRI स्कैनर शरीर में अंगों की छवियों को उत्पन्न करने के लिए मजबूत चुंबकीय क्षेत्र, चुंबकीय क्षेत्र ढाल और रेडियो तरंगों का उपयोग करते हैं। MRI में एक्स-रे या आयनकारी विकिरण का उपयोग नहीं किया जाता है, जो इसे सीटी स्कैन और पीईटी स्कैन से अलग करता है। MRI परमाणु चुंबकीय अनुनाद (एनएमआर) का एक चिकित्सा अनुप्रयोग है जिसका उपयोग एनएमआर स्पेक्ट्रोस्कोपी जैसे अन्य एनएमआर अनुप्रयोगों में इमेजिंग के लिए भी किया जा सकता है।
MRI का व्यापक रूप से अस्पतालों और क्लीनिकों में चिकित्सा निदान, मंचन और बीमारी की जांच के लिए उपयोग किया जाता है। सीटी स्कैन की तुलना में, एमआरआई नरम-ऊतकों की छवियों में बेहतर कंट्रास्ट प्रदान करता है. उदाहरण के लिए मस्तिष्क की जाँच या या पेट की जाँच में।
MRI को मूल रूप से NMMRI (परमाणु चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग) कहा जाता था, लेकिन नकारात्मक संबंधों से बचने के लिए “परमाणु” को हटा दिया गया।
MRI का महत्व
मेडिकल की दुनियां में MRI को एक बहुत बड़ी खोज माना जाता है। इसके द्वारा मेडिकल के क्षेत्र में नयी क्रांति आ गयी है। इसके आविष्कार के बाद डॉक्टर्स और रिसर्च ने इसके प्रयोग करने में कई बड़े सुधार किये है। इसके द्वारा मेडिकल प्रक्रियाओं और सम्बंधित खोजों में बहुत ही सहायता प्राप्त हुई है।
MRI का उपयोग
आज के समय में एमआरआई का उपयोग (MRI Full Form) बहुत तेजी से बढ़ रहा है, इसका प्रयोग बारीक़ बीमारी का पता लगाने के लिए किया जाता है। सामान्यतः एमआरआई टेस्ट को मस्तिष्क के अनियंत्रण, स्टोक, मस्तिष्क में ट्यूमर साथ ही रीढ़ की सूजन का पता लगाने के लिए किया जाता है।
MRI स्कैन का उपयोग शरीर के प्रत्येक भाग की जाँच के लिए किया जाता है। जिनमे से कुछ निम्नलिखित हैं:
- स्तनों की जांच
- दिमाग और रीढ़ की हड्डी की जांच
- ह्रदय और रक्तवाहिकाओं की जांच
- हड्डियों और जोड़ों की जांच
- लिवर, गर्भाशय और पौरुष ग्रंथि आदि की जांच
MRI स्कैन जाँच कैसे होती है?
MRI स्कैन करवाने से पहले डॉक्टर को इसकी पूरी जानकारी देनी होती है। अगर आपने अपने शरीर में बने टैटू या दांत या कान में किसी प्रकार की चीज डलवाई है तो उसके विषय में डॉक्टर को पहले से ही जानकारी प्रदान कर देनी चाहिए। अगर आप पहले किसी भी दवा का प्रयोग कर रहे है, तो आपको इसके बारे में डॉक्टर को पहले ही जानकारी दे देनी चाहिए।
MRI के कमरे में धातु की कोई भी चीज ले जाने की अनुमति नहीं दी जाती है। यह इसलिए की एमआरआई मशीन धातु को अपनी तरफ खींचता है। यह सभी स्कैन (MRI Full Form) के समय समस्या कर सकते है।
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डॉक्टर आपको MRI स्कैन के चार घंटे पहले कुछ भी खाने या पीने के लिए मना करते है। कभी-कभी आपको पहले से बहुत अधिक मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है। इसका निर्धारण स्कैन होने वाले क्षेत्र के अनुसार किया जाता है।
MRI स्कैन का खर्च
MRI स्कैन टेस्ट में 4 से 5 हजार रुपये तक का खर्च आता है। कई हॉस्पिटल इसके लिए 10 हजार रूपये तक भी लेते है। सरकारी अस्पताल में यह सबसे कम मूल्य पर किया जाता है वहां पर 1500 रूपये से 2000 रूपये में यह किया जाता है।
MRI स्कैन से जुडी अन्य जानकारी
- MRI Scan में Muscles, Ligaments और Tendons, Nerve Roots और इसमें सही रूप से हड्डी को दिखाया जाता है।
- इसमें एक्स-रे और सीटी स्कैन से जुड़े विकिरण जोखिम नहीं रहते है।
- MRI मशीन में शरीर में हाइड्रोजन प्रोटॉन चुंबक के संपर्क में आने पर उसी दिशा का सामना करने के लिए चुंबकीय क्षेत्र के साथ संरेखित हो जाते है। यह इसलिए होता है कि मानव शरीर में अधिकतर पानी की मात्रा होती है। इसमें हाइड्रोजन प्रोटॉन जो चुंबकीय क्षेत्र पर प्रतिक्रिया करते हैं वह सभी प्रकार के उत्तकों में पाया जाता है। इसमें एक रेडियो तरंग को शरीर में भेजा जाता है। यह प्रोटॉन को चुंबकीय क्षेत्र से 90 या 180 डिग्री तक प्रभावित करते है।
- उस व्यक्ति का एमआरआई (MRI Full Form) नहीं किया जा सकता जिसके शरीर के अंदर कोई धातु होती है। जैसे अगर आपके शरीर में अगर गोलियां, छर्रा, या कोई एनी धातु है तो आपका एमआरआई नहीं किया जा सकता।
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