Lauki Ghiya in Hindi / लौकी खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान
लौकी एक बहुत ही प्रसिद्द और फायदेमंद हरी सब्जी है जो एक लतारुपी पौधे में पायी जाती है. हालाँकि एक बहुत ही गुणकारी सब्जी होने के बावजूद भी कई लोग लौकी खाना पसंद नहीं, करते और इसे खाने से हमेशा बचते रहते हैं। लेकिन लौकी एक शानदार सब्जी है और इसे भोजन में जरुर शामिल करना चाहिए.
आयुर्वेद में लौकी (Lauki Ghiya in Hindi) की दो प्रजातियों (एक मधुर तथा दूसरी कड़वी) का उल्लेख किया गया है। मधुर प्रजाति को संस्कृत में अलाबु और तुम्बी तथा कडवी प्रजाति को इक्ष्वाकु, कटुतुम्बी और महाफला के नाम से जाना जाता है। इसकी मधुर प्रजाति का प्रयोग मुख्यत: सब्जी के रूप में किया जाता है जबकि कड़वी प्रजाति का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है। आधुनिक वानस्पतिक शात्र के अनुसार यह केवल एक ही पौधा (Lagenaria siceraria (Molina) Standl.) होता है, वस्तुत अन्तर केवल स्वाद भेद से है। इसकी कड़वी प्रजाति का प्रयोग केवल चिकित्सकीय परामर्श से करना चाहिए।
कड़वी लौकी की जड़ पेट साफ करने में फायदेमंद तथा सूजन कम करने में सहायक होती है। बीज का तेल जन्तुघ्न क्रिया को प्रदर्शित करता है।
अन्य भाषाओं में लौकी के नाम (Name of Lauki in Different Languages)
लौकी का वानस्पतिक नाम Lagenaria siceraria (Molina) Standl. (लैजीनेरिया सिसेरेरिया) Syn-Lagenaria vulgaris Seringe है। लौकी Cucurbitaceae (कुकुरबिटेसी) कूल का होता है। लौकी को अंग्रेजी में Bottle gourd (बॉटल गुअर्ड) कहते हैं। भारत के विभिन्न प्रांतों की अलग-अलग भाषाओं में लौकी को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. जैसे:
- संस्कृत में – अलाबू, महाफला, तुम्बी, कटुतुम्बी, तिक्तालाबू
- हिंदी में – तुम्बी, लौआ, लौकी, मीठी तोम्बी, घिया, लम्बाकद्दु, तिक्त लौकी, कड़वी लौकी
- उर्दू में – काडूगोल (Kadugol), तुम्बरी (Tumbari)
- असमी में – बोगालाओ (Bogalao)
- कन्नड़ में – सेरेबल्ली (Soreballi), उवलकाई (Uvalkai), सोरेकाई (Sorekayi); Konkana-डूडिओ (Dudio), दूदी (Dudi)
- गुजराती में – दूधी (Dudhi), कड़वी तुम्बड़ी (Kadvitumbadi), दुधियो (Dudio), तुंबड़ (Tumbada)
- तमिल में – शोरक्काई (Shorakkai)
- तेलगु में – गूब्बाकाया (Gubbakaya), आनपकाया (Anapakai)
- बंगाली में – कोडूलौ (Kodulau), तिक्तालौ (Tiktalau) लाउ (Lau)
- नेपाली में -लौका (Laukaa), तुम्बी (Tumbi)
- पंजाबी में – तुम्बा (Tumba), घीया (Ghiya), केड्डी (Keddi)
- मराठी में – दुध्या (Dudhya), भोपला; (Bhopala)
- मलयालम में – गाराडूडी (Garadudi), बेल्लाशोरा (Bellaschora)
- अंग्रेजी में – कैलाबस गुअर्ड (Calabash gourd), व्हाईट फ्लावर गुअर्ड (White flower gourd);
- अरबी में – क्वार ए दुब्बा (Qar`a dubba);
- फारसी में – कडुतल्ख (Kadutalkha)
लौकी के प्रकार / Type Of Bottle Gourd
आमतौर पर लौकी 2 प्रकार की होती है। गोलाकार और बेलनाकार।
बेलनाकार घिया का उत्पादन व्यापक स्तर पर किया जाता है और ज्यादातर इलाकों में बाजारों में यही लौकी (Lauki Ghiya in Hindi) मिलती है जबकि गोलाकार लौकी का उत्पादन ज्यादातर स्थानीय क्षेत्रों में किया जाता है।
लौकी में पाए जाने वाले पौषक तत्व
पौषक तत्व | प्रति 100 ग्राम |
कैलोरी | 15 |
Total Fat | 0 g 0% |
Saturated fat | 0 g 0% |
Polyunsaturated fat | 0 g |
Monounsaturated fat | 0 g |
Cholesterol | 0 mg 0% |
Sodium | 2 mg 0% |
Potassium | 170 mg 4% |
Total Carbohydrate | 3.7 g 1% |
Dietary fiber | 1.2 g 4% |
लौकी खाने के लाभ (Lauki khane ke fayde) (Benefits of Bottle Gourd in Hindi
लौकी खाने के मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:
लौकी ताजगी प्रदान करती है
लौकी को हल्की सब्जियों में गिना जाता है। इसे खाने से पेट में भारीपन नहीं रहता, बल्कि यह शरीर में ताजगी बनाए रखने में सहायक है। प्रतिदिन तरोताजा बने रहने के लिए, नमक या मसाले डालकर लौकी का जूस पीना कारगर उपाय है।
लौकी वजन कम करने में सहायक है
लौकी का सबसे बड़ा फायदा है, कि यह आपका वजन बहुत जल्दी कम करने में सहायक होती है। इसलिए इसे उबालकर नमक के साथ खाया जाता है, या फिर इसका जूस पिया जाता है।
लौकी पेट और पाचन के लिए बहुत लाभकारी है
लौकी (Lauki Ghiya in Hindi) पाचन संबंधी समस्याओं का उत्तम इलाज है, साथ ही यह एसिडिटी में भी लाभप्रद है। लौकी को अपने भोजन में शामिल करने से पाचन क्रिया को बेहतर किया जा सकता है।
लौकी डाइबिटीज में लाभदायक है
डाइबिटीज के मरीजों के लिए लौकी का सेवन एक प्रभावकारी उपाय है। डाइबिटीज में खाली पेट लौकी का सेवन करना बेहतर होगा।
यूरिनरी डिसऑर्डर में बेहद कारगर है लौकी
यूरिनरी डिऑर्डर अर्थात मूत्र संबंधी समस्याओं में भी लौकी बेहद कारगर उपाय है। यह शरीर में सोडियम की अधिकता को कम करने में सहायक है, जो यूरिन के जरिए बाहर निकल जाता है।
चेहरे में चमक लाती है लौकी
लौकी का प्रतिदिन सेवन करने से त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है, और वह आकर्षक दिखाई देती है। कई महिलाएं व युवतियां इसके लिए लौकी का प्रयोग करती हैं।
लौकी कोलेस्ट्रॉल कम करता है
लौकी को भोजन में शामिल करने से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल बहुत आसानी से धीरे- धीरे कम होने लगता है, जिससे हृदय संबंधी या कोलेस्ट्रॉल से होने वाली अन्य समस्याएं नहीं होती। इसके लिए लौकी का जूस एक आदर्श पेय माना जाता है।
विटामिन्स और मिनरल्स का खजाना है लौकी
लौकी में भरपूर मात्रा में डायटरी फायबर, विटामिन- ए, विटामिन -सी, थायमिन, राइबोफ्लेविन, विटामिन- बी3, बी6, मिनरल्स, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम और जिंक पाया जाता है, जो आपको स्वस्थ बनाए रखता है।
लौकी के औषधीय गुण (Medicinal Values of Bottle Gourd in Hindi)
वजन कम करने में मददगार
कुछ ही लोगों को ये पता होगा कि लौकी खाने से वजन कम होता है. आपको शायद इस बात पर यकीन न हो लेकिन किसी भी दूसरी चीज की तुलना में लौकी ज्यादा तेजी से वजन कम करती है. आप चाहें तो लौकी का जूस नियमित रूप से पी सकते हैं. इसके अलावा आप चाहें तो इसे उबालकर, नमक डालकर भी इस्तेमाल में ला सकते हैं.
नेचुरल ग्लो के लिए
लौकी (Lauki Ghiya in Hindi) में नेचुरल वॉटर होता है. ऐसे में इसके नियमित इस्तेमाल से प्राकृतिक रूप से चेहरे की रंगत निखरती है. आप चाहें तो इसके जूस का सेवन कर सकते हैं या फिर उसकी कुछ मात्रा हथेली में लेकर चेहरे पर मसाज कर सकते हैं. इसके अलावा लौकी की एक स्लाइस को काटकर चेहरे पर मसाज करने से भी चेहरे पर निखार आता है.
मधुमेह रोगियों के लिए
मधुमेह के रोगियों के लिए लौकी किसी वरदान से कम नहीं है. प्रतिदिन सुबह उठकर खाली पेट लौकी का जूस पीना मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए
अगर आपको पाचन क्रिया से जुड़ी कोई समस्या है तो लौकी का जूस आपके लिए बेहतरीन उपाय है. लौकी का जूस काफी हल्का होता है और इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो कब्ज और गैस की समस्या में राहत देने का काम करते हैं.
पोषक तत्वों से भरपूर
लौकी में कई तरह के प्रोटीन, विटामिन और लवण पाए जाते हैं. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम पोटेशियम और जिंक पाया जाता है. ये पोषक तत्व शरीर की कई आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं और शरीर को बीमारियों से सुरक्षित भी रखते हैं.
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए
लौकी का इस्तेमाल करना दिल के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इसके इस्तेमाल से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है. कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने से दिल से जुड़ी कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है.
पेट की बीमारियाँ और पेट दर्द में लाभदायक
पेट की बीमारी यानि एसिडिटी या अपच जैसी समस्याएं होने पर लौकी खाने से लाभ होता है। ऐसे और कौन-कौन से बीमारियों में लौकी फायदेमंद होता है ये आगे विस्तार से जानते हैं।
सिरदर्द में फायदेमंद लौकी (Lauki Benefits in Headache in Hindi)
अगर आपको हमेशा सिरदर्द की शिकायत रहती है तो कड़वी लौकी के बीज के तेल को मस्तक पर लगाने से सिर दर्द कम होता है।
गंजापन दूर करने में फायदेमंद लौकी (Lauki Juice Benefits in Baldness in Hindi)
अगर आप बाल झड़ने और गंजेपन की समस्या से परेशान रहते हैं तो आप लौकी के तेल का उपयोग कर सकते हैं. लौकी का घरेलू उपाय गंजापन दूर करने में बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। लौकी के पत्ते के रस को सिर पर
खांसी से दिलाये राहत लौकी (Benefits of Lauki to Get Relief from Cough Symptoms in Hindi)
मौसम बदला कि नहीं बच्चे से लेकर बड़े-बूढ़े सबको सर्दी-खांसी की शिकायत हो जाती है। कटुतुम्बी फल मज्जा से बने चूर्ण को नाक से लेने से सर में जो कफ बैठ जाता है वह निकल जाता है।
रतौंधी के इलाज में लाभदायक लौकी (Lauki to Treat Night Blindness in Hindi)
रतौंधी के उपचार में लौकी (Lauki Ghiya in Hindi) का इस्तेमाल ऐसे करने से जल्दी आराम मिलता है। लौकी के फल के भस्म में शहद मिलाकर अंजन करने से नक्तांध्य (रतौंधी) में लाभ होता है।
कान की बीमारी में फायदेमंद लौकी (Lauki Benefits in Ear Diseases in Hindi)
अगर सर्दी-खांसी या किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के तौर पर कान में दर्द होता है तो लौकी से इस तरह से इलाज करने पर आराम मिलता है।
दांत के कीड़ा में फायदेमंद लौकी (Lauki to Treat Tooth Cavity in Hindi)
दांत के कीड़ा या कैविटी की समस्या तो बच्चों से लेकर बड़े सबको होता है। इसके लिए लौकी का प्रयोग इस तरह से करें:
- कड़वी लौकी के जड़ के चूर्ण से मंजन करने से दांत के कीड़े के दर्द में लाभ होता है।
- लौकी के पुष्पों को पीसकर दांतों पर रगड़ने से दंत का दर्द कम होता है।
घेंघा में फायदेमंद लौकी (Lauki Benefits in Goitre in Hindi)
लौकी का औषधीय गुण घेंघा के इलाज में फायदेमंद होता है. इसका सेवन निम्नलिखित रूप से करना चाहिए.
- प्रतिदिन एक सप्ताह तक गर्म जल या कांजी में रखे हुए कड़वी तुम्बी या लौकी के पके फलों का सेवन करने तथा खाने से गलगण्ड रोग में लाभ होता है।
- कड़वी तुंबी के रस में सरसों का तेल सिद्ध कर 1-2 बूंद नाक से लेने से भी गलगण्ड रोग में भी लाभ होता है।
दिल के बीमारी में लाभकारी लौकी (Lauki Juice Benefits in Heart Disease in Hindi)
दिल की बीमारी से राहत पाने के लिए दिल को स्वस्थ रखना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। लौकी (Lauki Ghiya in Hindi) का सेवन करने से दिल की बीमारी के खतरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। प्रतिदिन 100-150 मिली मीठी लौकी के रस का सेवन हृदय रोगों को रोकता है।
कब्ज से दिलाये राहत लौकी (Benefits of Lauki Juice in Constipation in Hindi)
अगर कब्ज की समस्या से परेशान हैं तो लौकी का सेवन करने से लाभ मिलता है। 50 मिली लौकी के जड़ का रस को पीने से पेटदर्द, पेट में अल्सर तथा कब्ज में लाभ होता है।
प्यास बुझाती है लौकी (Lauki Juice Benefits in Dipsia in Hindi)
100-150 मिली फल के रस में एक चुटकी नमक मिलाकर पीने से प्यास तथा अतिसार में लाभ होता है।
हाथीपाँव से दिलाये राहत लौकी (Lauki to Treat Filaria in Hindi)
हाथीपांव में लौकी (Lauki Ghiya in Hindi) का सेवन करने से जल्दी आराम मिलता है। 1-2 ग्राम कड़वी तुम्बी के बीजों को पीसकर बकरी के दूध के साथ पिलाने से वमन या उल्टी, श्लीपद या हाथीपाँव, कुष्ठ तथा पेट के रोग में लाभ होता है।
बवासीर से राहत दिलाये लौकी (Lauki Beneficial in Piles in Hindi)
- आजकल के अंसतुलित जीवनशैली की देन है बवासीर की बीमारी लेकिन लौकी का सेवन इस तरह से करने पर जल्दी आराम मिलता है।
- मीठी लौकी बीज तथा नमक को काञ्जी से पीसकर, बत्ती बनाकर, एक-एक कर तीन वर्त्ति गुदा में रखने से तथा भोजन में दही खाने से अर्श (बवासीर) के अंकुरों का निवारण होता है।
- अर्क दूध, थूहर काण्ड, कड़वी तुम्बी के पत्ते तथा करंज बीज मज्जा को बकरे के मूत्र से पीसकर अर्श या पाइल्स के मस्सों पर लेप करने से लाभ होता है।
- तुम्बी बीज को सैंधव लवण तथा अम्ल यवागू के साथ पीसकर वटी बनाकर प्रयोग करने से अर्श में लाभ होता है।
पीरियड की परेशानी कम करती है लौकी (Lauki Beneficial in Periods in Hindi)
मासिक धर्म या पीरियड्स होने के दौरान बहुत तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे- मासिक धर्म होने के दौरान दर्द होना, अनियमित मासिक धर्मचक्र, मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव या ब्लीडिंग कम होना या ज्यादा होना आदि। कड़वी तुम्बी बीज, जमालगोटा, पिप्पली, गुड़, मदनफल, सुराबीज (किण्व) तथा यवक्षार को थूहर के दूध से पीसकर, वर्त्ति या बत्ती बनाकर योनि में धारण करने से मासिक-विकारों तथा योनि-विकारों में लाभ होता है।
गठिया में लाभकारी लौकी (Lauki Benefits in Rheumatoid in Hindi)
आजकल अर्थराइटिस की समस्या उम्र देखकर नहीं होती है। दिन भर एसी में रहने के कारण या बैठकर ज्यादा काम करने के कारण किसी भी उम्र में इस बीमारी का शिकार होने लगे हैं। इससे राहत पाने के लिए लौकी का इस्तेमाल ऐसे कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: तोरई खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान
लौकी के फल से सिद्ध तेल की मालिश करने से आमवात में लाभ होता है।
पैर की जलन को करे कम लौकी (Lauki to Treat Burning Sensation in Feet in Hindi)
लौकी के गूदे को पीसकर पैरों पर लगाने से पैरों की जलन मिटती है।
कुष्ठ की परेशानी करे कम लौकी (Lauki Beneficial in Leprosy in Hindi)
लौकी को तेल में पकाकर, छानकर तैल से स्नान करने से वात एवं कफ दोष का कम होकर कुष्ठ तथा खुजली रोग दूर होता है।
खुजली से दिलाये राहत लौकी का जूस (Benefits of Lauki juice in Scabies in Hindi)
लौकी के रस को लगाने से जलन और खुजली से राहत मिलती है।
मुँहासे करे दूर लौकी (Lauki Juice to Treat Pimples in Hindi)
लौकी फल स्वरस में नींबू फल के रस को मिलाकर चेहरे पर लगाने से मुंहासे से छुटकारा मिलने में सहायता मिलती है।
सूजन कम करने में मदद करती है लौकी (Lauki Juice Beneficial in Inflammation in Hindi)
अगर किसी चोट के कारण या बीमारी के वजह से किसी अंग में हुए सूजन से परेशान है तो लौकी के द्वारा किया गया घरेलू इलाज बहुत ही फायदेमंद होता है।
लौकी खाने के नुकसान (Lauki khane ke Nuksan) (Side Effects of Bottle Gourd in Hindi)
- जो लोग डायबिटिक हैं उनको कभी भी निर्धारित मात्रा से ज्यादा लौकी का जूस नहीं पीना चाहिये क्योंकि ये आपके शुगर के स्तर को अचानक से बहुत कम कर सकता है, साथ ही आप बेहोश हो सकते हैं और हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा उत्पन्न हो सकता है.
- लौकी (Lauki Ghiya in Hindi) का जूस हाई ब्लड प्रेशर कम करता है लेकिन यदि इसे ज्यादा पमात्रा में पीना शरीर में पोटेशियम के स्तर को बढ़ा देता है जिससे ब्लड प्रेशर असामान्य रूप से कम हो जाता है और हाइपोटेंशन नामक बीमारी का खतरा बन जाता है.
- कई बार कच्ची लौकी के जूस का सेवन करने से पैरों में सूजन, नाक या चेहरे पर दाने आना और उसमें खुजली होना, भूख लगना बंद हो जाना आदि समस्या देखने को मिलती है.
नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको लौकी से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।
Leave a Reply