Khanij Sansadhan Mineral Resources Hindi/ भारत के प्रमुख खनिज संसाधन/ Mineral Resources of India/
खनिज पदार्थ क्या हैं (What are mineral resources in Hindi)?
खनिज या खनिज पदार्थ ऐसे भौतिक पदार्थ हैं जो खान से खोद कर निकाले जाते हैं। कुछ उपयोगी खनिज पदार्थों के नाम हैं – लोहा, अभ्रक, कोयला, बॉक्साइट (जिससे अलुमिनियम बनता है), नमक (पाकिस्तान व भारत के अनेक क्षेत्रों में खान से नमक निकाला जाता है), जस्ता, चूना पत्थर इत्यादि।
इसका नाम खनिज क्यों पड़ा?
खनिज शब्द का अर्थ है- खनि + ज। अर्थात् ऐसे पदार्थ जो खान से उत्पन्न (संस्कृत: खनि= खान) होते हैं. इसका अंग्रेज़ी शब्द मिनरल (mineral) भी माइन (mine) से संबंध रखता है। Khanij Sansadhan Mineral Resources Hindi
खनिज पदार्थ की परिभाषा (Definition of Mineral in Hindi)
खनिज पदार्थ के लिए कठोर व क्रिस्टलीय होना आवश्यक है। कुछ परिभाषाओं के अनुसार खनिज वह पदार्थ है जो क्रिस्टलीय हो और भौगोलिक परिस्थितियों के परिणामस्वरूप बना हो।
नोट: खनिज़ से प्राप्त प्राप्त पदार्थ शुद्ध नहीं होता है सबसे पहले इनकी धुलाई की जाती है धुलाई से प्राप्त जल में मिट्टी के कण एवं अन्य घुलनशील और अघुलनशील यौगिक मिले रहते है यही जल अंत में नदियों और समुद्रों में मिल कर उसे दूषित करता है. इसका ज्वलंत उदाहरण कोयलों की खानों से मिला अम्ल निस्त्रव है. कोयले की खानों में कोयले के साथ कुछ मात्रा में पायराइट (FeS2) मिला रहता है. यही पायराइट जल से सयुक्त होकर होकर फेरिक सल्फेट और अल्फियुरिक अम्ल बनाता है.
खनिज पदार्थों का वर्गीकरण (Classification of Minerals in Hindi)
वेसे तो खनिजों का वर्गीकरण बहुत कठिन है फिर भी इनको कुछ विशेषताओं के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है:
- प्रकाशीय विधि
- रासायनिक या एक्स-रे विवर्तन विधि
भारत के मुख्य वर्गीकृत खनिज निम्नलिखित हैं:
- सिलिकेट वर्ग
- कार्बोनेट वर्ग
- सल्फेट वर्ग
- हैलाइड वर्ग
- ऑक्साइड वर्ग
- सल्फाइड वर्ग
- फास्फेट वर्ग
- तत्व वर्ग
- कार्बनिक वर्ग
भारत में प्राप्त होनी वाले महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ (Important minerals of India in Hindi)
भारत में खनिजों के सर्वेक्षण और विकास के लिए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया जिसका मुख्यालय कोलकाता में है तथा भारतीय खनन ब्यूरो जिसका मुख्यालय नागपुर है जिम्मेदार है. Khanij Sansadhan Mineral Resources Hindi
भारत में विभिन्न प्रकार के खनिज अयस्क भारी मात्रा में पाए जाते हैं जिनका विवरण हम नीचे दे रहे हैं:
लौह अयस्क
- उड़ीसा ( सोनाई, क्योंझर, मयूरभंज )
- झारखंड ( सिंहभूम, हजारीबाग, पलामू और धनबाद ),
- छत्तीसगढ़ ( बस्तर, दुर्ग, रायपुर, रायगढ़ बिलासपुर )
- मध्य प्रदेश ( जबलपुर )
- कर्नाटक ( बिलारी चिकमंगलूर चीतल दुर्ग ),
- महाराष्ट्र ( रत्नागिरी और चांदा),
- तमिलनाडु ( सलेम, तिरुचिरापल्ली )
- गोवा
झारखंड और उड़ीसा राज्यों में देश का लगभग 75% लोहा प्राप्त किया जाता है. भारतीय लौह अयस्क का निर्यात जापान, चेक गणराज्य स्लोवाकिया, इटली, श्रीलंका आदि को किया जाता है. लौह अयस्क के कुल संचित भंडार की दृष्टि से भारत का विश्व में प्रथम स्थान है.
मैग्नीज
- झारखंड ( सिंहभूम )
- महाराष्ट्र ( नागपुर और भंडारा )
- उड़ीसा ( क्योंझर सुंदरगढ़ )
- आंध्रप्रदेश ( काकुल मणि)
- कर्नाटक ( शिमोगा और बेलारी )
- गुजरात ( पंचमहाल )
- राजस्थान ( बांसवाड़ा )
मैगनीज उत्पादन में भारत का विश्व में तीसरा स्थान है. भारत में सबसे ज्यादा मैग्नीज उत्पादन उड़ीसा में होता है
कोयला
- झारखंड ( धनबाद, सिंहभूम, गिरिडीह )
- पश्चिम बंगाल ( रानीगंज, आसनसोल )
- छत्तीसगढ़ ( रायगढ़ )
- उड़ीसा ( देशगढ़ और तल चर )
- असम ( माकूम, लखीमपुर )
- महाराष्ट्र ( चांदा )
- आंध्र प्रदेश ( सिंगरेनी )
- मेघालय जम्मू कश्मीर, नागालैंड, आदि
कोयले के उत्पादन में भारत का विश्व में तीसरा स्थान है भारत में सबसे ज्यादा कोयला उत्पादन झारखंड, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्य में होता है. Khanij Sansadhan Mineral Resources Hindi
एंथ्रेसाईट सबसे उत्तम श्रेणी का कोयला होता है.
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तांबा
- झारखंड ( सिंहभूम, हजारीबाग )
- राजस्थान ( खेतड़ी, झुंझुनू, भीलवाड़ा अलवर और सिरोही )
- महाराष्ट्र ( कोल्हापुर )
- कर्नाटक ( शीतल दुर्ग, हासन, रायचूर )
- मध्य प्रदेश ( बालाघाट )
- आंध्र प्रदेश ( अग्निगुंडल )
भारत में तांबा का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाले 3 राज्य क्रमश: हैं: मध्य प्रदेश, राजस्थान और झारखंड.
राजस्थान के जवार खान से जस्ते के साथ तांबा भी निकाला जाता है.
बॉक्साइट
- उड़ीसा
- झारखंड ( कोडरमा, हजारीबाग )
- बिहार ( गया और मुंगेर )
- महाराष्ट्र ( नागपुर भंडारा और रत्नागिरी )
- राजस्थान ( अजमेर, शाहपुर )
- आंध्र प्रदेश ( नेल्लौर )
भारत में सबसे ज्यादा बॉक्साइट का उत्पादन उड़ीसा ( कुल उत्पादन का लगभग 50 परसेंट) होता है.
अभ्रक
- झारखंड ( पलामू )
- गुजरात ( रवेडा )
- मध्यप्रदेश ( कटनी, बालाघाट जबलपुर )
- छत्तीसगढ़ ( बिलासपुर )
- राजस्थान
अभ्रक के उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है. भारत में राजस्थान में सबसे ज्यादा 51% अभ्रक है.
सोना
- कर्नाटक ( कोलार तथा हट्टी की खान )
- आंध्र प्रदेश ( आनंदपुर, वारंगल )
- तमिलनाडु ( नीलगिरी और सेलम )
- झारखंड ( सिंहभूम )
देश में स्वर्ण उत्पादन का लगभग 98% भाग केवल कर्नाटक राज्य प्राप्त किया जाता है.
जस्ता
- राजस्थान ( उदयपुर )
- जम्मू कश्मीर ( उत्पादन में द्वितीय स्थान )
- उड़ीसा
जस्ता उत्पादन में राजस्थान का प्रथम स्थान है. यहां की जवार खान जस्ता उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है.
यूरेनियम
- झारखंड ( रांची, हजारीबाग, सिंहभूम )
यूरेनियम उत्पादन में झारखंड प्रथम स्थान पर है
मैग्नेजाईट
- उत्तराखंड
- राजस्थान
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
मैग्नेजाईट का सबसे ज्यादा ज्यादा भंडार उत्तराखंड में है. यहां से 68% मैग्नेजाईट का उत्पादन होता है.
थोरियम
- राजस्थान ( पाली और भीलवाड़ा )
विश्व का सबसे बड़ा थोरियम निर्माता देश भारत है.
चांदी
- राजस्थान ( जवार खान )
- कर्नाटक ( चित्रदुर्ग, बेल्लारी )
- आंध्र प्रदेश ( कुडप्पा, गुंटूर )
- झारखंड ( संथाल परगना, सिंहभूम )
क्रोमाइट
- झारखंड
- उड़ीसा
क्रोमाइट के उत्पादन में झारखंड पहले स्थान पर है
टंगस्टन
- राजस्थान
- तमिलनाडु
- कर्नाटक
इसका मुख्य भंडार देगाना राजस्थान में है. Khanij Sansadhan Mineral Resources Hindi
हीरा
- मध्य प्रदेश ( पन्ना खान)
सीसा
- झारखंड ( हजारीबाग )
- राजस्थान( चिचोली )
लिग्नाइट
- तमिलनाडु
- राजस्थान
इसका सबसे बड़ा भंडार तमिलनाडु में है.
खनिज पदार्थों से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न:1 खनिज की परिभाषा लिखिए।
उत्तर: प्राकृतिक रूप में उपलब्ध एक समरूप पदार्थ जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना होती है, उसे खनिज कहते हैं।
प्रश्न:2 धात्विक खनिज से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: जिन खनिजों से धातु प्राप्त होती है उन्हें धात्विक खनिज कहते हैं; जैसे लौह अयस्क, बॉक्साइट, आदि।
प्रश्न:3 अधात्विक खनिज से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: जिन खनिजों से अधातु प्राप्त होते हैं उन्हें अधात्विक खनिज कहते हैं; जैसे अभ्रक, चूना पत्थर, आदि।
प्रश्न:4 आग्नेय और रूपांतरित चट्टानों में खनिज किस रूप में मौजूद रहते हैं?
उत्तर: आग्नेय और रूपांतरित चट्टानों में खनिजों के छोटे जमाव शिराओं के रूप में पाये जाते हैं। इन चट्टानों में खनिजों के बड़े जमाव परत के रूप में पाये जाते हैं। जब खनिज पिघली हुई अवस्था या गैसीय अवस्था में होती है तो खनिजों का निर्माण आग्नेय और रूपांतरित चट्टानों में होता है। इस अवस्था में खनिज दरारों से होते हुए भूमि की ऊपरी सतह तक पहुँच जाते हैं। उदाहरण: टिन, जस्ता, लेड, आदि। Khanij Sansadhan Mineral Resources Hindi
प्रश्न:5 अवसादी चट्टानों में खनिज किस रूप में पाये जाते हैं?
उत्तर: इस प्रकार की चट्टानों में खनिज परतों में पाये जाते है। उदाहरण: कोयला, लौह अयस्क, जिप्सम, पोटाश लवण और सोडियम लवण, आदि।
प्रश्न:6 कुछ ऐसे खनिज के उदाहरण दें जो जलोढ़ जमाव के रूप में पाये जाते हैं।
उत्तर: सोना, चाँदी, टिन, प्लैटिनम, आदि।
प्रश्न:7 लौह अयस्क के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: अच्छी क्वालिटी के लौह अयस्क में लोहे की अच्छी मात्रा होती है। मैग्नेटाइट में 70% लोहा होता है इसलिए इसे सबसे अच्छी क्वालिटी का लौह अयस्क माना जाता है। अपने उत्तम चुम्बकीय गुण के कारण यह लोहा विद्युत उद्योग के लिये अच्छा माना जाता है। हेमाटाइट में 50 से 60% लोहा होता है। इसे मुख्य औद्योगिक लौह अयस्क माना जाता है।
प्रश्न:8 लौह अयस्क के मुख्य बेल्टों के नाम लिखिए।
उत्तर: भारत में लौह अयस्क के मुख्य बेल्ट निम्नलिखित हैं:
- उड़ीसा झारखंड बेल्ट
- दुर्ग बस्तर चंद्रपुर बेल्ट
- बेल्लारी चित्रदुर्ग चिकमगलूर बेल्ट
- महाराष्ट्र गोवा बेल्ट
प्रश्न:9 तांबा अयस्क क्या है?
उत्तर: तांबा एक महत्वपूर्ण अयस्क है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से बिजली के तार, इलेक्ट्रॉनिक और रसायन उद्योग में होता है। मध्यप्रदेश की बालाघाट की खानों में भारत का 52% तांबा निकलता है। 48% शेअर के साथ राजास्थान तांबे का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। तांबे का उत्पादन झारखंड के सिंहभूम जिले में भी होता है।
प्रश्न:10 अलमुनियम अयस्क पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर: अलमुनियम का इस्तेमाल कई चीजें बनाने में किया जाता है क्योंकि यह हल्का और मजबूत होता है। अलमुनियम के अयस्क को बॉक्साइट कहते हैं। बॉक्साइट के मुख्य भंडार अमरकंटक के पठार, मैकाल पहाड़ी और बिलासपुर कटनी के पठारी क्षेत्रों में हैं। बॉक्साइट का मुख्य उत्पादक उड़ीसा है जहाँ 45% बॉक्साइट का उत्पादन होता है। उड़ीसा में बॉक्साइट के मुख्य भंडार पंचपतमाली और कोरापुट जिले में हैं।
प्रश्न:11 खनन के क्या दुष्प्रभाव होता है?
उत्तर: खानों में काम करने वाले मजदूरों और आस पास रहेन वाले लोगों के लिये खनन एक घातक उद्योग है। खनिकों को कठिन परिस्थिति में काम करना पड़ता है। खान के अंदर नैसर्गित रोशनी नहीं मिल पाती है। खानों में हमेशा खान की छत गिरने, पानी भरने और आग लगने का खतरा रहता है। खान के आस पास के इलाकों में धूल की भारी समस्या होती है। खान से निकलने वाली स्लरी से सड़कों और खेतों को नुकसान पहुँचता है। इन इलाकों में घर और कपड़े ज्यादा जल्दी गंदे हो जाते हैं। खनिकों को सांस की बीमारी होने का खतरा अधिक रहता है। खनन वाले क्षेत्रों में सांस की बीमारी के केस अधिक होते हैं।
प्रश्न:12 बिटुमिनस कोयला क्या है?
उत्तर: जो कोयला उच्च तापमान के कारण बना था और अधिक गहराई में दब गया था उसे बिटुमिनस कोयला कहते हैं। वाणिज्यिक इस्तेमाल के दृष्टिकोण से यह सबसे लोकप्रिय कोयला माना जाता है। बिटुमिनस कोयले को लोहा उद्योग के लिये आदर्श माना जाता है।
प्रश्न:13 पेट्रोलियम के क्या इस्तेमाल हैं?
उत्तर: कोयले के बाद, भारत का मुख्य ऊर्जा संसाधन है पेट्रोलियम। पेट्रोलियम का इस्तेमाल कई कार्यों में ऊर्जा के स्रोत के रूप में होता है। इसके अलावा पेट्रोलियम उत्पादों का इस्तेमाल कच्चे माल के रूप में कई उद्योगों में होता है। उदाहरण: प्लास्टिक, टेक्सटाइल, फार्मास्यूटिकल्स, आदि। Khanij Sansadhan Mineral Resources Hindi
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