Karonda fruit in Hindi (करौंदा: जानकारी, खाने के फायदे और नुकसान)

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Karonda fruit in Hindi

Karonda fruit in Hindi / करौंदा खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

करौंदा का परिचय (Introduction of Karounda)

करौंदा एक हरा भरा झाड़िय पौधा है जिसके कांटे बहुत तेज और मजबूत होते हैं. आम तौर पर घरों में इससे सब्जी, चटनी, मुरब्बा और अचार आदि बनाया जाता है। करौंदा सिर्फ स्वाद के दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इसमे बहुत सारे औषधीय गुण भी पाए जाते हैं।

करौंदा क्या है? (What is Karounda in Hindi?)

करौंदे की झाड़ियों पर छोटे-छोटे हरे, हलके लाल और सफ़ेद रंग के फल लगते हैं जिनको करौंदा कहते हैं. आयुर्वेद में दो तरह के करौंदों का जिक्र है:  करौंदा तथा करौंदी। करौदें के फल पकने के बाद काले पड़ जाते हैं। इसलिए इसको कृष्णपाक फल भी कहते हैं।

अन्य भाषाओं में करौंदा के नाम (Names of Karounda in Different Languages)

करौंदा का वानास्पतिक नाम Carissa carandas L. (कैरिसा कैरेन्डास) Syn-Carissa salicina Lam होता है। इसका कुल Apocynaceae (ऐपोसाइनेसी) होता है और इसको अंग्रेजी में Carissa (कैरिसा) कहते हैं।

अलग-अलग भाषाओँ में करौंदे को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. जैसे-

  • संस्कृत में – करमर्द :, सुषेण, क्षीरफेना
  • हिंदी में – करोंदा, करौंदा, करोना, तीमुखिया
  • उड़िया में – कारोंदा (Karonda)
  • उर्दू में – करवानाह (Karwanah
  • कन्नड़ में – करिजिगे (Karijige), करीकायि (Karikayi), हेग्गेरीचीगे (Heggerichige), करन्डे (Karande)
  • गुजरती में – करमदा (Karmada), करमर्द (Karmard), करमदी (Karmadi)
  • तेलगु में – वाका (Vaka), करवन्दे (Karvande), पेडडाकलिवे (Peddakliwe)
  • तमिल में – कलक्के (Kalakke), पेरंगला (Perangala)
  • बंगाली में – करमच (Karmach), कफरूमीया (Kurumiya)
  • नेपाली में – करोधा (Karodha)
  • मराठी में – करवंद (Karvand), करंदी (Karandi)
  • मलयालम में – कारक्का (Karakka), करंट (Karant)
  • अंग्रेजी में – क्राईस्ट थॉर्न (Christ thorn), बेंगाल करंट (Bengal currant)

करौंदा के औषधीय गुण (Medicinal Values of Karonda fruit in Hindi)

  • करौंदे (Karonda fruit in Hindi) का पका फल प्रकृति से अम्लीय, तिक्त, गर्म, गुरु, वात को कम करने वाला, खाने में रूचि बढ़ाने वाला, कफ को बढ़ाने वाला, और प्यास को बढ़ाने वाला होता है। इसके अलावा यह मधुर, पाचक, पित्त को कम करने वाला होता है।
  • करोंदे का फल अम्लीय, कड़वा, जलन को कम करने वाला तथा विषनाशक होता है। इसकी जड़ कृमिनाशक होती है। करौंदे के जड़ की छाल प्रकृति से कड़वी और गर्म होती है। यह कफ और वात को कम करने वाला, खांसी कम करने में सहायक, ज्यादा मूत्र होने की समस्या तथा सामान्य दूर्बलता को दूर करने में मदद करता है।

करौंदा खाने के लाभ (Karonda khane ke fayde) (Benefits of Karonda fruit in Hindi)

करौंदा (Karonda fruit in Hindi) खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, औषधि के रूप में भी उतना ही उपयोगी है. आइये देखते हैं कि करौंदा खाने के क्या लाभ होते हैं:

दांत की बीमारियों में करौंदा का लाभ (Karounda Benefits to Treat Tooth Diseases in Hindi)

करौंदा के औषधीय गुण का उपयोग दांत के बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। इसके फल की चटनी बनाकर खाने से मसूड़ों संबंधित रोगों से राहत मिलती है।

स्कर्वी के इलाज में लाभकारी करौंदा (Benefit of Karounda in Scurvy in Hindi)

करौंदा के औषधीय गुण का उपयोग स्कर्वी के लक्षणों से राहत दिलाने में होता है। करौंदे में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है जिसके कारण इसके 1-2 फलों का नियमित सेवन करने से स्कर्वी रोग में लाभ मिलता है।

सूखी खांसी से दिलाये राहत करौंदा (Karounda Beneficial to Treat Dry Cough in Hindi)

अगर मौसम के बदलने के कारण आप सूखी खांसी की समस्या से परेशान हैं तो इससे राहत पाने के लिए 5 मिली करौंदा के पत्ते के रस में शहद मिलाकर चाटने से सूखी खांसी के कष्ट से राहत मिलती है।

अतिसार या दस्त को रोकने में मददकारी है करौंदा (Benefit of Karounda to Treat Diarrhoea in Hindi)

करौंदे के कच्चे सूखे फल के चूर्ण (1-2 ग्राम) तथा मूल चूर्ण को मिलाकर सेवन करने से अतिसार (दस्त), पेट संबंधी रोगों एवं पेट की कृमियों से छुटकारा मिलने में आसानी होती है।

ज्यादा प्यास लगने की समस्या को दूर करने में करे मदद करौंदा (Karounda Beneficial in Excessive Thirst Problem in Hindi)

अगर किसी बीमारी के वजह से आपको हद से ज्यादा प्यास लगती है तो करौंदे के पके फल से बने 1-2 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से पित्त एवं कफ विकृति, अतिपिपासा, खाने की रूचि तथा अरुचि में लाभ होता है।

पेट दर्द से राहत दिलाता है करौंदा (Karounda Benefits to Get Relief from Stomach Ache in Hindi)

अगर ज्यादा खा लेने या एसिडिटी होने के कारण आपके पेट में दर्द की परेशानी है तो करौंदे के फूल के चूर्ण या जड़ के चूर्ण में शहद मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द से राहत मिलती है।

मूत्र संबंधी समस्या से राहत दिलाता है करौंदा (Karounda Benefits to Treat Urinary Disease in Hindi)

अगर मूत्र करते वक्त जलन आदि की समस्या होती है तो छोटे करौंदे के 1 ग्राम मूल को दूध के साथ पीसकर पीने से लाभ मिलता है।

जलोदर के उपचार में फायदेमंद करौंदा (Benefit of Karounda in Ascites in Hindi)

जलोदर के रोगी को करौंदे के पत्तों का रस पहले दिन 5 मिली, दूसरे दिन 10 मिली, इस तरह प्रतिदिन 5-5 मिली बढ़ाते हुए 50 मिली तक सेवन कराने तथा पुन: घटाते हुए 5 मिली तक रोज रोज सुबह पिलाने से जलोदर में लाभ मिलता है।

रक्तप्रदर के इलाज में लाभकारी करौंदा (Karounda Benefits to Treat Excess Bleeding in Hindi)

अगर किसी महिला को रक्तप्रदर (ज्यादा ब्लीडिंग) और मासिक धर्म संबंधी समस्या है तो 1-2 ग्राम करौंदा (Karonda fruit in Hindi) के जड़ को दूध के साथ घिसकर पिलाने से रक्तप्रदर तथा मासिक-विकारों में लाभ होता है।

त्वचा संबंधी समस्याओं में फायदेमंद करौंदा (Karounda Benefits to Treat Skin Diseases in Hindi)

करौंदे के पके फल अथवा जड़ को पीसकर लगाने से पामा, खुजली तथा दाह आदि त्वचा विकारों से आराम मिलता है। इसके अलावा करौंदे की मूल को अश्व मूत्र, नींबू रस तथा कपूर के साथ पीसकर लगाने से कण्डु या खुजली दूर होती है।

कम न होने वाले ज्वर से राहत दिलाये करौंदा (Benefits of Karounda to Treat Fever in Hindi)

अगर बुखार कम होने का नाम नहीं ले रहा है तो करौंदे के पत्तों का काढ़ा बनाकर, 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से अविरामी-ज्वर (नियमित रहने वाला ज्वर) में लाभ होता है। इसके अलावा करौंदे के पत्तों का काढ़ा बनाकर, 15-30 मिली तक पिलाने से ज्वर तथा बुखार से जो जलन या दर्द होता है उससे भी राहत मिलती है।

पैरों के फटने को ठीक करे करौंदा (Karounda Benefits to Treat Cracked Heels in Hindi)

करौंदा के बीजों को पीसकर पैरों पर लगाने से विपादिका या पैरों के बिवाय फटने से जो घाव होता है उसमें लाभ मिलता है या करौंदे के बीजों के रोगन (बीजों को पीसकर तेल में पकाया हुआ तेल) को मलने से हाथ-पैर की बिवाई होने पर बेहतर लाभ होता है।

अपस्मार या मिर्गी के इलाज में फायदेमंद करौंदा (Benefits of Karounda in Epilepsy in Hindi)

5 ग्राम करौदों के पत्तों को पीसकर दही के साथ मिलाकर खिलाने से अपस्मार या मिर्गी के लक्षणों से मिलती है।

इसे भी पढ़ें: अरबी या घुइयाँ खाने के फायदे और नुकसान

यूरिन इंफेक्शन की समस्या से रहत दिलाता है करौंदा

अगर आपको यूरिन इंफेक्शन की समस्या अक्सर रहती है तो इससे निपटने के लिए आपको करौंदे का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की एक शोध अनुसार करौंदा खाने वालों में यह बीमारी कम पाई जाती है। करौंदे के जूस का नियमित सेवन करने से यूटीआई की समस्या नहीं होती। महिलाओं को खासकर इसका सेवन करना चाहिए, क्योंकि उनमें यूटीआई की समस्या अधिक देखने को मिलती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, करौंदा मूत्र नलिका के टिश्यू को बैक्टिरिया से बचाता है। शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि जिन लोगों को यूटीआई में संक्रमण नहीं होता, उनके लिए भी करौंदे का सेवन फायदेमंद होता है, क्योंकि यह अन्य संक्रमणों से भी बचाता है।

भूख बढाने में खाभ्दायक है करौंदा

करौंदा एक खट्टा फल होता है। इसे क्रेनबेरी कहते हैं। भारतीय घरों में अमतौर पर इससे सब्जी, चटनी, मुरब्बे और अ़चार बनाए जाते हैं। इसमें विटामिन सी, एंटी-ऑक्सीडेंट, आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। करौंदा खाने से भूख बढ़ती है। पित्त शांत होता है। अधिक प्यास लगने की समस्या दूर होती है तथा लूज मोशन की समस्या भी समाप्त होती है।

पोषक तत्वों से भरपूर होता है करौंदा

करौंदा पोषक तत्वों से भरपूर होता है। करौंदे में विटामिन सी, ई और के प्रचुर मात्रा में होने के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट भी होता है जो अन्य फलों तथा सब्जियों की तुलना में काफी अधिक है। इसके साथ ही इसमें आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, जिंक आदि भी भरपूर होता है। ये सभी तत्व शरीर को हेल्दी रखने के लिए जरूरी होते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है करौंदा

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कम कैलोरी होने के कारण वजन भी घटता है। ऐसे में इससे बनी सब्जी, अचार आदि का सेवन जरूर करें। स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली का निर्माण कर रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।

दिल की बीमारियों से बचाता है करौंदा

दिल की बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो करौंदा खाएं। यह दिल के रोगों और डायबिटीज से बचाने में मददगार है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर ह्रदय संबंधी रोगों से बचाता है।

मोतियाबिंद में फायदेमंद है करौंदा

करौंदे के ताजे पत्ते का रस छानकर ड्रॉपर से दो-दो बूंद आंखों में डालने से शुरुआती मोतियाबिंद खत्म हो जाता है

कब्ज में लाभदायक है करौंदा

करौंदे के कच्चे फल की सब्जी खाने से कब्ज की समस्या दूर होती है साथ ही बुखार होने पर करौंदे के पत्ते का क्वाथ पिलाना लाभदायक होता है।

करौंदा का उपयोगी भाग (Useful Parts of Karounda)

आयुर्वेद के अनुसार करौंदा के पत्तों, फूलों, फलों और जड़ का इस्तेमाल औषधीय रूप से किया जाता है।

करौंदा सेवन के साइड इफेक्ट (Side Effect of Karounda)

अगर आप अर्थराइटिस, गाउट, साइटिका एवं अल्सर आदि रोगों से पीड़ित हैं तो आयुर्वेद के अनुसार करौंदे के फल का सेवन नुकसानदेह साबित हो सकता है।

करौंदा का पेड़ कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Karounda Found or Grown in Hindi)

करौंदा प्राय: भारत के सभी प्रदेशों में पाया जाता है. मुख्य रूप से गुजरात, पंजाब, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश आदि में इसकी खेती भी की जाती है।

नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको करौंदे से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है। लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।

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