Karela Bittergourd in Hindi / करेला खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान
करेला एक प्रकार की सब्जी का नाम है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभप्रद होती है इस सब्जी की ऊपरी परत रुखापन लिए हुए व हरे रंग की होती है. इस सब्जी का सेवन मनुष्य आज से लगभग 600 साल पहले से करता आ रहा है। करेला स्वाद में थोड़ा कड़वा जरूर होता है लेकिन यह अनेक रोगों में फायदेमंद साबित होता है जो लोग करेला की गुणवत्ता को जान लेते हैं वे लोग करेला की कड़वाहट के कारण इसे नापसंद करते हुए भी धीरे-धीरे करेला खाने में रुचि रखने लगते है.
करेले के विभिन्न नाम
भारत में करेला को अनेक नामों से जाना जाता है इसे हिंदी में करेला, तमिल में पावकाई, मलयालम में पावकाका, तेलुगु में ककरकाया, गुजराती में करला, बंगाली में कोरोला, तथा मराठी में इसे करले के नाम से जाना जाता है। डॉक्टरों ने करेला को ‘सब्जी और औषधि’ दोनों की संज्ञा दिए है, करेला में अनेक प्रकार के विटामिन व पोषक तत्व जैसे- प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीज, मैग्नीशियम फोलेट तथा विटामिन ए, विटामिन बी, तथा विटामिन सी, आदि मौजूद होते हैं जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। Karela Bittergourd in Hindi
करेला का औषधीय गुण (Medicinal Values of Bitter gourd in Hindi)
करेला मधुमेह, बवासीर, तथा स्वसन से परेशान व्यक्ति को स्वस्थ एवं रोगमुक्त करने में सहायक है, यह त्वचा पर निकले हुए दाग धब्बे को दूर करके त्वचा की रंगत को बरकरार रखता है करेला प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है जिससे शरीर में होने वाले छोटे-मोटे रोगों का खतरा कम रहता है यह कैंसर पैदा करने वाले लक्षणों को रोकता है करेला कड़वा तो है लेकिन इसके रस का फोन करने से मुंह में होने वाले छाले और पेट में उत्पन्न कीटाणुओं को दूर करने में सक्षम है। करेले में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है तथा इसकी कैलोरी भी कम होती है।
उपरोक्त गुणों के कारण करेले को एक स्वास्थ्यवर्धक सब्जी के रूप में जाना जाता है। Karela Bittergourd in Hindi
करेला खाने के फायदे (Karela khane ke fayde) (Benefits of Bitter gourd in Hindi)
करेले को स्वास्थ्यवर्धक सब्जी है जो शरीर को क्षति पहुंचाने वाले कीटाणुओं को दूर करने में सक्षम है इसमें अनेक गुण पाए जाते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी हैं।
मधुमेह को नियंत्रित करने में
करेला रक्त में शर्करा के स्तर को प्रभावित करके उसे कम करने में सहायता प्रदान करता है, इसके अलावा करेले में चरन्ति, विसीने तथा पॉलीपेप्टाइड-पी नामक तीन सक्रिय यौगिक होते हैं जो मधुमेह को रोकने में सक्षम है, रक्त शर्करा को कम करने के लिए रोजाना आधा कप या एक कप करेला का जूस पीना चाहिए या करेले की बनी सब्जी का सेवन दिन में 1 बार अवश्य करना चाहिए। Karela Bittergourd in Hindi
रक्त को साफ रखने में
रक्त को साफ रखने के लिए करेले का प्रयोग अति आवश्यक है यह शरीर में एक प्राकृतिक रक्तशोधक के रूप में कार्य करता है और रक्त को साफ रखने में सहायता प्रदान करता है, करेला त्वचा को निखारने के लिए भी प्रयोग किया जाता है करेले के नियमित प्रयोग से त्वचा संबंधी अनेक रोग, मुँहासे, सोरायसिस और एक्जिमा जैसे रोगों से भी मुक्ति दिलाता है शरीर में अशुद्ध रक्त के कारण सिर दर्द, एलर्जी, थकान तथा शारीरिक कमजोरी, प्रतिरोधक क्षमता में कमी होने लगती है इन समस्याओं से निजात पाने के लिए करेले का सेवन अति आवश्यक है क्योंकि करेला रक्त को साफ़ और स्वस्थ करने में सक्षम है।
त्वचा के लिए फायदेमंद
करेले का उपयोग त्वचा रोगों, त्वचा के संक्रमण जैसे एक्जिमा और सोरायसिस के इलाज में भी मददगार साबित होता है करेले का रस का नियमित सेवन स्वाद सोरायसिस के साथ-साथ अन्य फंगल संक्रमण रोकने में भी हितकारी है। करेले का नियमित सेवन करने से त्वचा इंफेक्शन का खतरा कम होता है और धीरे-धीरे त्वचा चमकने लगता है, करेले में विटामिन सी की मात्रा होती है जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती है उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है यह झुर्रियों को रोकने में भी मददगार साबित होता है।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में
करेले का नियमित सेवन आपको होने वाले गंभीर बीमारियों से बचा सकता है नियमित रूप से करेले का सेवन आपके प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त बनता है, और आपके शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है यह हमारे इम्यून सिस्टम को फ्री-रेडिकल क्षति से भी सुरक्षा प्रदान करता है, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप अपने दैनिक भोजन में करेले की सब्जी का सेवन जरूर करें। Karela Bittergourd in Hindi
आंत के कीड़ों को नष्ट करने में उपयोगी
करेले का सेवन आंत के कीड़ों को नष्ट करने में उपयोगी माना जाता है क्योंकि करेले में एंथेल्मिंटिक यौगिक पाए जाते हैं जो आंत में पैदा होने वाले हानिकारक कीड़ों को नष्ट करने में सक्षम है। यह आंत के कीड़ों को नष्ट करने के उपरांत आंत में बचे विषाक्त पदार्थों से भी छुटकारा दिलाता है, आंत को हानि पहुंचा रहे कीड़ों से बचाने के लिए 8 से 10 दिनों तक सुबह खाली पेट एक छोटा कप करेले के जूस का सेवन करना चाहिए।
बवासीर में हितकारी
बवासीर से छुटकारा पाने के लिए आधा कप करेले या करेले के पत्ते के रस में एक गिलास छाछ मिलाकर रोज सुबह खाली पेट पीना चाहिए ऐसा करने से बवासीर रोग में काफी सुधार आता है क्योंकि करेले में निहित एंटी-इन्फ्लेमेटरी एवं एंटी ऑक्सीडेंट का गुण पाया जाता है जो बवासीर के लिए उत्तम आहार माना जाता है करेले में फाइबर की उत्तम मात्रा भी पाई जाती है जो मल त्यागने की क्रिया को नियमित एवं सरल बनाने में उपयोगी है करेले का सेवन बार-बार होने वाले कब्ज से भी छुटकारा दिलाता है। बवासीर के कारण होने वाले दर्द, जलन व सूजन से राहत पाने के लिए तथा ब्लडिंग को कम करने के लिए करेले की जड़ का पेस्ट बाहरी बवासीर पर लगाना चाहिए ऐसा करना रोगी के लिए काफी हितकारी साबित होता है।
कैंसर से बचाव में उपयोगी
करेला में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण शरीर की फ्री रेडिकल क्षति से सुरक्षा प्रदान करता है करेले के नियमित सेवन से ग्रीवा, प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसर से बचा जा सकता है, कैंसर से बचाव करने के लिए आपको अपने दैनिक आहार में करेले को शामिल करना बहुत महत्वपूर्ण है। अन्य रोगों से छुटकारा पाने के लिए भी करेले के रस का सेवन बहुत जरूरी है।
करेले की तासीर
करेले की तासीर बहुत गर्म होती है, करेले का जूस पेट के दर्द को ठीक करने में सहायक है, करेला हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है उचित मात्रा में करेले का सेवन अनेक रोगों से छुटकारा दिलाता है अधिक मात्रा में इसका सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकता है।
करेला खाने के नुकसान (Karela khane ke Nuksan) (Side Effects of Bitter gourd in Hindi)
उपरोक्त लेखों से आपको पता चल चुका है कि करेला हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद सब्जी है लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन हमारे शरीर को निम्न रूपों में क्षति पहुंचा सकता है।
आवश्यकता से अधिक मात्रा में करेले की सब्जी या जूस का सेवन करना पेट दर्द या दस्त का कारण बन सकता है।
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करेले की तासीर गर्म होती है अतः गर्भवती महिलाओं को कम से कम करेले की सब्जी का सेवन करना चाहिए क्योंकि ऐसी स्थिति में करेले की सब्जी का अधिक सेवन समय से पहले ही बच्चे को जन्म देने का कारण बन सकता है।
करेले का रस बनाने के लिए अच्छे ताजे व हरे रंग से करेले को ही चुनना चाहिए तथा रस बनाने से पहले उसे ठंडे पानी से अच्छी तरह धो लेना अति आवश्यक है। Karela Bittergourd in Hindi
करेले की कड़वाहट को कम करने के लिए उसे दो तीन टुकड़ों में विभाजित करके लगभग 10 मिनट तक नमक के पानी में भिगो दें और खाना बनाने से पहले इसे अच्छी तरह धो लें ऐसा करने से करेले की कड़वाहट कम हो जाती है।
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