Kali Mirch in Hindi / काली मिर्च खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान
काली मिर्च एक प्रसिद्द भारतीय मसाला है जिसका प्रयोग भारत के लगभग हर घर के किचन में होता है. इसे मसालों की रानी कहा जाता है। लगभग हर सब्जी चाहे वो सब्जी सूखी हो या रसेदार या फिर नमकीन से लेकर सूप आदि तक, हरेक व्यंजन में काली मिर्च का प्रयोग जरूर होता है। भोजन में काली मिर्च का इस्तेमाल केवल स्वाद के लिए नहीं किया जाता है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक है। काली मिर्च एक अच्छी औषधि भी है। लंबे समय से आयुर्वेद में इसका औषधीय प्रयोग होता रहा है।
काली मिर्च (Kali Mirch in Hindi) वात और कफ को नष्ट करती है तथा भूख बढ़ाती है, भोजन को पचाती है, लीवर को स्वस्थ बनाती है और दर्द तथा पेट के कीड़ों को खत्म करती है। यह पेशाब बढ़ाती है और दमे को नष्ट करती है। तीखा और गरम होने के कारण यह मुँह में लार पैदा करती है और शरीर के समस्त स्रोतों से मलों को बाहर निकाल कर स्रोतों को शुद्ध करती है।
काली मिर्च का पौधा
काली मिर्च एक औषधीय मसाला है। इसे गोल मिर्च भी कहा जाता है। यह दिखने में थोड़ी छोटी, गोल और काले रंग की होती है। इसका स्वाद काफी तीखा होता है। इसकी लता बहुत समय तक जीवित रहने वाली होती है। यह पान के जैसे पत्तों वाली, बहुत तेजी से फैलने वाली और कोमल लता होती है। इसकी लता मजबूत सहारे से लिपट कर ऊपर बढ़ती है। एक वर्ष में काली मिर्च की लगभग दो उपज प्राप्त होती हैं। पहली उपज अगस्त-सितम्बर में और दूसरी मार्च-अप्रैल में।
बाजारों में दो प्रकार की मिर्च बिकती है – सफेद मिर्च और काली मिर्च। कुछ लोग सफेद मिर्च को काली मिर्च की एक विशेष जाति मानते हैं जबकि सफेद मिर्च काली मिर्च का ही एक अलग रूप है। आधे पके फलों की काली मिर्च बनती है तथा पूरे पके फलों को पानी में भिगोकर, हाथ से मसल कर ऊपर का छिल्का उतार देने से वह सफेद मिर्च बन जाती है। छिल्का हट जाने से इसकी गरम तासीर कुछ कम हो जाती है तथा गुणों में कुछ सौम्यता आ जाती है।
अन्य भाषाओं में काली मिर्च के नाम (Name of Black Pepper in Different Languages)
काली मिर्च का वानस्पतिक नाम पाइपर नाइग्रम् (Piper nigrum Linn.) है। यह पाइपरेसी (Piperaceae) कुल का पौधा है। विभिन्न भाषाओँ में इसके नाम निम्नलिखित हैं:
- हिंदी में- मरिच, मिरच, गोल मरिच, काली मरिच, दक्षिणी मरिच, चोखा मिरच
- अंग्रेजी में- ब्लैक पेपर (Black Pepper), कॉमन पेपर (Common pepper), पेपर (Pepper)
- संस्कृत में- मरिच, वेल्लज, उष्ण, ऊषण, कृष्ण, पवित्र, श्याम, वेणुज, यवनप्रिय, शुद्ध, कोलक, वरिष्ठ, वृत्तफल, शाकाङ्ग,वेणुक, कटुक, शिरावृत्त, सर्वहित
- उड़िया में- कान्चा गोट मिर्चा (Kancha-got-mircha)
- उर्दू में- काली मिर्च (Kali mirch)
- कोंकणी में- मिरीअम (Miriam)
- कन्नड़ में- ओल्ले मोणसु (Olle monasu)
- गुजराती में- मरितीखा (Maritikha), मिरी (Miri)
- तेलगु में- मरिचमु (Marichamu), षव्यमु (Shavyamu), मीरीयालू (Miriyalu)
- तमिल में- मिलागु (Milagu), मोलह शेव्वियम् (Molah shevviyam)
- बंगाली में- मिर्च (Marich), गोल मोरिच (Gol morich)
- पंजाबी में- काली मिर्च (Kali marich), गोल मिरिच (Gol mirich)
- मराठी में- मिरे (Mire), काली मिरीं (Kali mirin)
- मलयालम में- लह (Lah), कुरू मुलक (Kuru mulak)
- अरबी में- फूलफिल असवद (Fulfil aswad), बाबेरी (Babary)
- फारसी में- फूलफूल् अस्वद (Phulphul asvad)
काली मिर्च के औषधीय गुण (Medicinal Values of Black Pepper in Hindi)
काली मिर्च (Kali Mirch in Hindi) का भोजन में प्रयोग बहुत लाभदायक होता है. उदाहरण के लिए, ठंड के दिनों में बनाए जाने वाले सभी पकवानों में काली मिर्च का उपयोग किया जाता है ताकि ठंड और गले की बीमारियों से रक्षा हो सके। काली मिर्च नपुंसकता, रजोरोध यानी मासिक धर्म के न आने, चर्म रोग, बुखार तथा कुष्ठ रोग आदि में लाभकारी होता है। आँखों के लिए यह विशेष हितकारी होती है। जोड़ों का दर्द, गठिया, लकवा एवं खुजली आदि में काली मिर्च में पकाए तेल की मालिश करने से बहुत लाभ होता है।
सिर दर्द दूर करता है काली मिर्च का सेवन (Benefits of Black Pepper Get Relief from Headache in Hindi)
काली मिर्च के (Kali Mirch in Hindi) धुएं को सूंघने से सिरदर्द में आराम होता है। इसके लिए एक काली मिर्च को सुई की नोंक पर लगाकर उसे दीपक में जलाकर उसका धुंवा ले सकते हैं। इसके अलावा भृंगराज के रस अथवा चावलों के पानी के साथ काली मिर्च को पीसकर माथे पर लेप करने से आधासीसी का दर्द यानी माइग्रेन भी ठीक होता है।
सिर के जुंए (डैंड्रफ या रूसी) भगाए काली मिर्च का प्रयोग (Benefits of Black Pepper in Cure Head Lice in Hindi)
- बालों में जूँ हो जाने पर 10-12 सीताफल के बीज और 5-6 काली मिर्चों को पीस कर सरसों के तेल में मिला लें। इसे रात में सोने से पहले बालों की जड़ों में लगा लें। सुबह बाल धोकर साफ कर लें। जूं नष्ट हो जाएगी।
- सिर के बाल यदि झड़तें हो तो काली मिर्च को प्याज व नमक के साथ पीसकर लगाने से लाभ होता है।
खाँसी-जुकाम में लाभकारी है काली मिर्च का सेवन (Benefits of Black Pepper in Fighting with Cough & Cold in Hindi)
- काली मिर्च के 2 ग्राम चूर्ण को गर्म दूध तथा मिश्री के साथ पी लेने अथवा इसके 7 दाने निगलने से जुकाम तथा खाँसी में लाभ होता है।
- 50 ग्राम दही, 15-20 ग्राम गुड़ और एक-डेढ़ ग्राम काली मिर्च चूर्ण को मिला लें। इसे दिन में 3-4 बार सेवन करने से जुकाम में लाभ होता है।
सुबह के समय काली मिर्च का सेवन है लाभकारी
आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार सुबह के समय काली मिर्च (Kali Mirch in Hindi) का सेवन करना फायदेमंद होता है। खासतौर पर सर्दियों के मौसम में सुबह काली मिर्च डाली हुई चाय का सेवन करने से कफ दूर होता है. इसमें कफ को कम करने का गुण होता है इस वजह से काली मिर्च वाली चाय पीने से गले को आराम मिलता है।
कोरोना (COVID-19) से बचाव में कारगर है काली मिर्च
कोविड-19 से बचाव और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने कई दिशामिर्देश जारी किए हैं और लोगों को हर्बल काढ़ा पीने की सलाह दी है। इस हर्बल काढ़े का एक मुख्य घटक काली मिर्च भी है। विशेषज्ञों के अनुसार काली मिर्च का सेवन इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर है और कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव में मदद करता है।
खांसी में लाभकारी है काली मिर्च
यदि आप खॉंसी की समस्या से परेशान है और कई घरेलू उपाय अपनाने के बाद भी खांसी से आराम नहीं मिल रहा है तो काली मिर्च का उपयोग करें। काली मिर्च खांसी दूर करने का अचूक उपाय है. इसके लिए काली मिर्च के पाउडर में थोड़ा सा शहद मिलाकर उसका सेवन करें। काली मिर्च और शहद दोनों में ही प्रकुपित कफ को शांत करने का गुण पाया जाता है. इसलिए इसके सेवन से बहुत जल्दी खांसी से आराम मिलता है।
सर्दी-जुकाम से आराम दिलाती है काली मिर्च
जाड़ों में अक्सर लोग सर्दी-जुकाम से परेशान रहते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि सर्दी-जुकाम होने पर दवा लेने की बजाय घरेलू उपाय अपनाना ज्यादा कारगर होता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आप सर्दी-जुकाम से परेशान हैं तो चाय में काली मिर्च (Kali Mirch in Hindi) डालकर उसका सेवन करें. काली मिर्च युक्त चाय का स्वाद भी बेहतर होता है और इसकी गर्म तासीर सर्दी-जुकाम के लक्षणों को कम करने में मदद करती है.
इम्यूनिटी बढाती है काली मिर्च
काली मिर्च का सेवन न केवल कफ की समस्या को कम करता है बल्कि इसका सेवन रोगों से लड़ने की शक्ति यानि इम्यूनिटी को भी बढ़ता है. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आप काली मिर्च का सेवन कई तरह से कर सकते हैं. आप चाहें तो इसका सेवन मसाले के रूप में कर सकते हैं या फिर चाय में डाल कर या शहद में मिलाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।
आँखों की बीमारी में फायदेमंद है काली मिर्च (Black Pepper Benefits in Cure Eye Problems in Hindi)
- काली मिर्च (Kali Mirch in Hindi) को दही के साथ पीसकर आंखों में काजल की तरह लगाने से रतौंधी में लाभ होता है। इसे अत्यन्त सावधानीपूर्वक बाहर-बाहर ही लगान चाहिए.
- आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए रोजाना सुबह आधा से 1 ग्राम तक काली-मिर्च में 1 चम्मच घी तथा आवश्यकतानुसार मिश्री मिलाकर चाटें। बाद में दूध पीएं। इससे आंखों की बीमारी में लाभ होता है।
- आँखों की पलकों पर अगर फुंसी हो जाए तो काली मिर्च को पानी में घिसकर लेप करने से फुंसी पककर फूट जाती है।
- काली मिर्च के आधे ग्राम चूर्ण को एक चम्मच देशी घी में मिलाकर खाने से अनेक प्रकार के नेत्र रोगों का खात्मा होता है।
दांत दर्द में आराम दिलाता काली मिर्च का इस्तेमाल (Black Pepper Benefits in Cure Toothache & Mouth Ulcer in Hindi)
- काली मिर्च के 1-2 ग्राम चूर्ण को 3-4 जामुन या अमरूद के पत्तों या पोस्तदानों के साथ पीसकर इसका कुल्ला करने से दांत दर्द ठीक होता है।
- गले के रोग व आवाज बैठ जाने पर भी यह प्रयोग लाभप्रद है।
- सेंधा नमक, काली मिर्च, शहद तथा नींबू के रस को मिला कर तालू पर लेप करने से मुँह के छाले में लाभ होता है।
काली मिर्च का सेवन से दमा-खाँसी का इलाज (Black Pepper Benefits in Fighting with Bronchitis in Hindi)
- 2-3 ग्राम काली मिर्च चूर्ण को शहद और घी (असमान मात्रा में) में मिला लें। इसे सुबह-शाम चाटने से सर्दी, सामान्य खाँसी, दमा और सीने का दर्द मिटता है। इससे फेफड़ों में जमा कफ निकल जाता है।
- 200 मिली गाय के दूध में 2 ग्राम काली मिर्च चूर्ण को पकाकर पिलाने से दमा-खाँसी में लाभ होता है।
- यदि खाँसी बार-बार उठती हो, भोजन निगलने में कष्ट हो तो दिन में 2-3 बार काली मिर्च के हल्के काढ़े से कुल्ला करें।
- काली मिर्च (Kali Mirch in Hindi) चूर्ण 2 भाग, पीपली चूर्ण 2 भाग, अनार की छाल 4 भाग तथा जौ एक भाग का चूर्ण बना लें। इसमें 8 भाग गुड़ मिलाकर 1-1 ग्राम की गोलियाँ बना लें। इसे दिन में तीन बार सेवन करने से गले का दर्द (कष्टदायक खाँसी) में लाभ होता है।
- गले की खराश व खाँसी में 2-3 काली मिर्च मुंह में रखकर चूसने मात्र से लाभ होता है।
दस्त रोकने में उपयोगी काली मिर्च का प्रयोग (Kali Mirch Benefits to Stop Dysentery in Hindi)
- एक भाग काली मिर्च की चूर्ण तथा एक भाग भुनी हींग को अच्छी तरह खरल कर लें। इसमें दो भाग शुद्ध देशी कपूर मिलाकर 125 मि.ग्राम की गोलियाँ बना लें। इसे आधे घंटे के अंतर से 1-1 गोली देने से हैजे की शुरुआती अवस्था में लाभ होता है।
- काली मिर्च की चूर्ण 1 ग्राम तथा भुनी हींग 1 ग्राम को अच्छी तरह खरल कर लें। इसमें 3 ग्राम अफीम मिलाकर शहद में घोटकर 12 गोलियाँ बना लें। कर 1-1 गोली 1 घंटे के अंतर से दें। बहुत समय तक न दें। इससे पेचिश में भी अत्यन्त लाभ होता है। अफीम मिले होने के कारण इसका प्रयोग सावधानी से करें।
- काली मिर्च चूर्ण 1/2 ग्राम, हींग 1/4 ग्राम तथा अफीम 100 मिग्रा को मिला लें। इसे जल या शहद के साथ सुबह, दोपहर तथा सायं सेवन करने से पेचिश में लाभ होता है।
पेट के रोगों में फायदेमंद काली मिर्च का उपयोग (Kali Mirch Benefits in Cure Stomach Problems in Hindi)
- 2-3 ग्राम काली मिर्च चूर्ण को 1 कप छाछ के साथ सुबह खाली पेट लेने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं।
- 8-10 काली मिर्च को 5-7 ग्राम शिरीष के पत्तों के साथ पीसकर छान लें। इसे पीने से गैस के कारण होने वाले पेट दर्द और पेट फूलने में आराम मिलता है।
- एक कप पानी में आधा नींबू निचोड़ लें। इसमें 5-6 काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर भोजन के बाद सुबह-शाम पीने से पैट की गैस, भूख का घटना-बढ़ना आदि में लाभ होता है।
- काली मिर्च के चूर्ण के साथ बराबर भाग सोंठ, पीपली, जीरा और सेंधा नमक मिला लें। 1-1 ग्राम की मात्रा में, भोजन के बाद गर्म जल के साथ लेने से अपच तथा बदहजमी में लाभ होता है।
- काली मरिच, सोंठ, पीपल तथा हरड़ चूर्ण मिलाकर शहद के साथ देने से अथवा इसके काढ़े को पीने से अपच तथा पैट की गैस में लाभ होता है।
काली मिर्च के सेवन से बवासीर में फायदा (Kali Mirch Benefits in Piles in Hindi)
- दो ग्राम काली मिर्च चूर्ण, 1 ग्राम भुना जीरा, 15 ग्राम शहद या शक्कर को मिला लें। दो बार छाछ के साथ या गर्म जल के साथ सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है।
- काली मिर्च चूर्ण 25 ग्राम, भुना जीरा चूर्ण 35 ग्राम और शुद्ध शहद 180 ग्राम को मिला लें। इसे अवलेह (चटनी) बनाकर रखें। इस अवलेह को 3 से 6 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करें। इससे बवासीर में फायदा होता है।
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- काली मिर्च और जीरे के मिश्रण में सेंधा नमक मिला लें। इसे दिन में दो बार छाछ के साथ 3-4 मास तक सेवन करते रहने से बवासीर में आराम मिलता है। इससे कमजोरी या वृद्धावस्था के कारण हुए बवासीर या गुदभ्रंश (काँच निकलना) ठीक होते हैं। इससे पाचन व जठराग्नि ठीक रहती है। कब्ज और पैट की गैस में भी यह प्रयोग लाभप्रद है।
- एक ग्राम काली मिर्च चूर्ण को शहद के साथ दिन में तीन बार प्रयोग करें। इससे गुदा का बाहर निकलना बंद हो जाता है।
मूत्र रोग (पेशाब संबंधी बीमारी) में फायदेमंद मिर्च का इस्तेाल (Black Pepper Health Benefits in Cure Urine Problems in Hindi)
एक ग्राम काली मिर्च और बराबर मात्रा में खीरा या ककड़ी के बीज को 10-15 मिली पानी के साथ पीस लें। इसमें मिश्री मिलाकर छानकर पिलाएं। इससे पेशाब में जलन तथा पेशाब में दर्द आदि की परेशानी में लाभ होता है।
नपुंसकता दूर करे काली मिर्च का सेवन (Black Pepper Health Benefits in Impotency in Hindi)
एक गिलास दूध में 8-10 काली मिर्च को डाल लें। इसे अच्छी तरह उबालकर, सुबह-शाम नियमपूर्वक सेवन करने से वीर्य विकार ठीक होता है। गर्मी के मौसम में मात्रा कम की जा सकती है।
घाव सुखाने के लिए करें मिर्च का उपयोग (Benefits of Kali Mirch in Wounds Healing in Hindi)
काली मिर्च (Kali Mirch in Hindi) को पानी में पीसकर फोड़े-फुंसियों व सूजन पर लेप करने से घाव सुख जाता है। इससे घाव जल्दी भर जाते हैं और सूजन दूर होती है।
हिस्टीरिया में फायदेमद मिर्च का प्रयोग (Benefits of Kali Mirch in Hysteria in Hindi)
3 ग्राम वच चूर्ण में 1 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिला लें। इसे खट्टी दही के साथ सुबह खाली पेट सेवन करने से हिस्टीरिया में लाभ होता है।
चेहरे के लकवा में लाभकारी है काली मिर्च का प्रयोग (Benefits of Kali Mirch in Facial Paralysis in Hindi)
- फेशियल पैरालिसिस में चेहरे के अंगों में लकवा मार देता है। यदि जीभ में जकड़न हो तो मिर्च के चूर्ण को जीभ पर घिसने से लाभ होता है।
- काली मिर्च चूर्ण को किसी भी वातशामक तेल में मिला लें। इसे लकवाग्रस्त अंग पर मालिश करने से बहुत लाभ होता है। काली मिर्च खाने के फायदे चेहरे पर लकवा मारने में बहुत फायदेमंद होता है।
कमजोरी दूर कर शारीरिक ताकत बढ़ाता है काली मिर्च का सेवन (Uses of Black Pepper in Treating Body Weakness in Hindi)
कमजोरी आलस्य, उदासीनता आदि दूर करने के लिए काली मिर्च के 4-5 दाने, सोंठ, दालचीनी, लौंग और इलायची थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मिला लें। इसे चाय की तरह उबाल लें। इसमें दूध और शक्कर मिलाकर पीने से लाभ होता है। कमजोरी दूर करने में काली मिर्च के औषधीय गुण बहुत फायदेमंद साबित होते हैं।
बुखार उतारता है काली मिर्च का प्रयोग (Uses of Black Pepper in Fighting with Fever in Hindi)
- 1-3 ग्राम काली मिर्च चूर्ण में आधा लीटर पानी और 20 ग्राम मिश्री मिलाकर आठवाँ भाग शेष रहने तक उबाल कर काढ़ा बना लें। इसे सुबह, दोपहर तथा शाम पिलाने से साधारण बुखार यानी वायरल फीवर में लाभ होता है।
- 5 दाने काली मिर्च, अजवायन एक ग्राम और हरी गिलोय 10 ग्राम, सबको 250 मिली पानी में पीस, छानकर पिलाने से तेज बुखार में लाभ होता है।
- एक ग्राम काली मिर्च चूर्ण को शहद के साथ दिन में तीन बार सेवन करने से गैस के कारण होने वाला बुखार तथा पेट दर्द दूर होता है ।
शरीर का पोषण बढ़ाने में फायदेमंद काली मिर्च (Black Pepper Beneficial to Boost Nutrition of Body in Hindi)
कालीमिर्च में आयुर्वेद के अनुसार ऐसे गुण होते है जो कि शरीर के पोषण को बढ़ावा देते है विशेष रूप से दीपन का गुण जो कि पाचकाग्नि का बढ़ा कर शरीर को पोषण देने में मदद कर करता है।
वजन कम करने में फायदेमंद काली मिर्च (Black Pepper Beneficial for Weight Loss in Health)
अगर आप बढ़े हुए वजन से परेशान है तो, कालीमिर्च का सेवन आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकता है। क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार कालीमिर्च में पाये जाने वाला एक तत्व चर्बी यानि फैट को कम करने में मदद करता है।
गठिया का दर्द कम करे काली मिर्च का औषधीय गुण (Benefit of Black Pepper to Get Relief from Gout in Hindi)
गठिया दर्द को कम करने में कालीमिर्च (Kali Mirch in Hindi) एक अच्छा उपाय है, क्योंकि कालीमिर्च में आयुर्वेद के अनुसार वात को कम करने का गुण होता है। जिसके वजह से गठिया का दर्द को कम होने में मदद मिलती है। आयुर्वेद में गठिया को वात प्रधान रोग माना जाता है।
कैंसर के इलाज में काली मिर्च फायदेमंद (Black Pepper Beneficial to Treat Cancer in Hindi)
कालीमिर्च का सेवन कैंसर को फैलने से रोकने में आपकी मदद कर सकता है, क्योंकि कालीमिर्च में एंटी- कैंसर का गुण पाया जाता है जो कि कैंसर को फैलने से रोकने में मदद करता है।
अवसाद या डिप्रेशन को कम करने में उपयोगी काली मिर्च का सेवन (Black Pepper Beneficial to Treat Depression in Hindi)
कालीमिर्च का सेवन आपको डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार इसमें पाये जाने वाले एल्कलॉइड में एंटी -डिप्रेशन का गुण पाया जाता है।
काली मिर्च खाने के नुकसान (Kali Mirch khane ke Nuksan) (Side Effects of Black Pepper in Hindi)
निम्नलिखित रोगों या विशेष अवस्था में काली मिर्च का उपयोग नहीं करना चाहिए:
- अंदरूनी घाव
- एसिडिटी
- खूनी बवासीर
- गर्भावस्था की अवस्था
काली मिर्च कहाँ पाई या उगाई जाती है (Where is Kali March Found or Grown?)
काली मिर्च के पौधे का मूल स्थान दक्षिण भारत ही माना जाता है। पूरी दुनिया में काली मिर्च की पैदावार सबसे ज्यादा भारत में हीं होती है। भारत से बाहर इंडोनेशिया, बोर्नियो, इंडोचीन, मलय, लंका और स्याम इत्यादि देशों में भी इसकी खेती की जाती है। कुछ वन प्रदेशों में यह स्वयं उत्पन्न होती है, लेकिन दक्षिणी भारत के उष्ण और आर्द्र भागों में काली मिर्च की बेलें बोई जाती हैं। काली मिर्च के कारण ही एक समय भारत विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति था।
नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको काली मिर्च से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है। लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।
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