Kahawat Lokokti Saying Proverb परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण कहावत और लोकोक्तियाँ (Famous Sayings & Proverbs in Hindi)
1. अकेला हंसता भला, ना रोता भला
अर्थ: सुख-दुख में साथी होने चाहिए
प्रयोग: जब किसी मनुष्य के जीवन में तनहाई होती है तो उसे अकेला हंसता भला न रोता भला वाली कहावत चरितार्थ लगती है
2. अक्ल बड़ी या भैंस?
अर्थ: शारीरिक शक्ति से बुद्धि श्रेष्ठ है
प्रयोग: शारीरिक शक्ति से हम वह काम नहीं कर सकते जो बुद्धि द्वारा किया जा सकता है, इसलिए कहा गया है “अक्ल बड़ी या भैंस”?
3. अजगर करे न चाकरी, पंछी करे न काम
अर्थ: ईश्वर सबकी आवश्यकताएं पूरी करता है
प्रयोग: आलसियों का यह प्रसिद्ध कहावत है:
“अजगर करे न चाकरी, पंछी करे न काम, दास मलूका कह गए, सबके दाता राम”
4. अटका बनिया देय उधार
अर्थ: दबाव पड़ने पर सब कुछ करना पड़ता है
प्रयोग: जब दबंगों ने हाथ डाला तो उसे सब कुछ करना पड़ा. सही कहा गया है “अटका बनिया देय उधार”
Kahawat Lokokti Saying Proverb
5. अटकेगा सो भटकेगा
अर्थ: ज्यादा दुविधा में रहने से या सोच विचार करने से काम नहीं हो पाता
प्रयोग: जो करना है तुरंत कर लो वरना अटकेगा सो भटकेगा वाली कहावत सौ प्रतिशत सच है
6. अढाई हाथ की ककड़ी, 9 हाथ का बीज
अर्थ: अनहोनी बात
प्रयोग: कुछ लोगों को देखकर ऐसा लगने लगता है जैसे अढाई हाथ की ककड़ी, 9 हाथ का बीज
7. अधजल गगरी छलकत जाए
अर्थ: थोड़ी विद्या या धन पाकर इतराना
प्रयोग: आजकल अधजल गगरी छलकत जाए वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है
8. अंडा सेवे कोई बच्चा लेवे कोई
अर्थ: किसी के परिश्रम का लाभ किसी और को मिलना
प्रयोग: उसके बाप ने जी तोड़ मेहनत की और अपना व्यापार खड़ा किया, आज उसका बच्चा इतराता है. इसे ही कहा गया है “अंडा सेवे कोई बच्चा लेवे कोई”
9. अंत भला तो सब भला
अर्थ: जिस कार्य का परिणाम अच्छा हो, वही कार्य अच्छा है
प्रयोग: कॉलेज के पहले साल में उसके बहुत कम मार्क्स आए थे लेकिन अंतिम साल तक वह टॉपर बन के निकली. इसे कहते हैं अंत भला तो सब भला
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10. अंदर छूत नहीं बाहर दूर-दूर
अर्थ: मन में कुछ, बाहर कुछ
प्रयोग: पोंगा पंडित बहुत ही पाखंडी है, वह घर में तो चिकन खाता है, लेकिन बाहर अंडे की तरफ भी नहीं देखता. इसे कहते हैं अंदर छूत नहीं बाहर दूर-दूर
11. अंधा क्या चाहे दो आंखें
अर्थ: जिसे चाहा उसे प्राप्त करना
प्रयोग: चाहे दुनिया मेरा सब कुछ छीन ले, लेकिन मेरी जान से प्यारी चीज को मुझसे ना छीने. सच ही कहा गया है “अंधा क्या चाहे दो आंखें”
12. अंधा का जाने बसंत बहार
अर्थ: जिसने जो वस्तु कभी देखी ना हो, वह उसका आनंद क्या जाने
प्रयोग: लौकी की सब्जी की तुमने बहुत बुराई की लेकिन जब तुमने कभी खाई नहीं तो तुम्हें इसके स्वाद का क्या पता. सच कहते हैं “अंधा क्या जाने बसंत बहार”
Kahawat Lokokti Saying Proverb
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