India Famous Plateau Fields / भारत के प्रमुख पठार और मैदान / India’s Famous Plateau & Fields in Hindi
पठार किसे कहते हैं? (What is a Plateau?)
धरती या धरातल का विशिष्ट स्थल रूप जो अपने आस पास की जमींन से पर्याप्त ऊँचा होता है,और जिसका ऊपरी भाग चौड़ा और सपाट होता है, पठार कहलाता है। सागर तल से इनकी ऊचाई 300 मीटर तक होती हैं लेकिन केवल ऊचाई के आधार पर ही पठार का वर्गीकरण नही किया जाता हैं।
पठार इस धरातल का सबसे महत्वपूर्ण स्थल है. सम्पूर्ण धरातल के 33% भाग पर इनका विस्तार पाया जाता हैं। India Famous Plateau Fields
भारत के पठार (Plateau of India)
भारत में पठार का भूभाग उत्तर में गंगा-सतजल मैदान से तथा शेष तीनों दिशाओं में समुद्र से घिरा है। भ्रंश घाटी में बहने वाली नर्मदा नदी इस पठार को मुख्यतः दो भागों में बाँट देती है-
1. उत्तर में मालवा का पठार।
2. दक्षिण में दक्कन का पठार
उत्तर में मालवा का पठार (Plateau of Malwa)
बेतवा, पावर्ती, काली, सिंध, माही आदि नदियाँ मालवा के पठार से होकर बहती है। मालवा पठार के दक्षिण में विंध्या पठार स्थित है।
मालवा पठार के उत्तर व उत्तर-पूर्व में बुन्देलखण्ड पठार स्थित है तथा इसके पूर्व में छोटा नागपुर का पठार है
दक्षिण में दक्कन का पठार (Plateau of Deccan)
दक्कन का पठार क्रिटेशियस ‘इओसिना युग’ में लावा निकलने से निर्मित है। दक्कन का पठार भारत का सबसे बड़ा पठार है। इसके अंतर्गत महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्यों के भू-भाग आते हैं।
गोदावरी नदी इसे दो भागों में विभक्त कर देती है-
1. तेलंगाना पठार
2. कर्नाटक पठार
प्रमुख पठार (Famous Plateau)
तिब्बत का पठार- (Tibbet Plateau)
विश्व का सबसे ऊंचा (औसतन समुद्र तल से 4500 मीटर) एवं सबसे बड़ा (2.5 मिलियन वर्ग किमी.) यह पठार है। इसे विश्व का छत भी कहा जाता है
दक्कन का पठार-
भारत का सबसे बड़ा पठार; मध्य एवं दक्षिण भारत के राज्यों में विस्तारित; विभिन्न भागों में भिन्न-भिन्न नामों से संबोधित-आंध्र प्रदेश में तेलंगाना पठार, पूर्वोत्तर भाग में छोटानागपुर पठार आदि।
इसे भी पढ़ें: भारत की प्रमुख नदियाँ और उनका अपवाह क्षेत्र
छोटानागपुर पठार-
इस पठार का विस्तार झारखंड व पश्चिम बंगाल के 87239 वर्ग किमी. क्षेत्रफल पर फैला है।
मेघालय पठार-
मेघालय राज्य में अवस्थित, दक्खन पठार का भाग है।
दंडकारण्य का पठार-
ओडिशा,छत्तीसगढ़ एवं आंध्र प्रदेश राज्यों में अवस्थित; इसी पर बैलाडिला लोहे की खदान स्थित है; दक्षिण-पश्चिमी भाग को मलकान गिरि पठार नाम से संबोधित किया जाता है।
भारत का विशाल मैदान
भारत का विशाल मैदान विश्व का सबसे अधिक उपजाऊ व घनी आबादी वाला भू-भाग कहलाता है। इस विशाल मैदान का निर्माण नदियों द्वारा बहाकर लाये गये निक्षेपों से हुआ है। इसकी मोटाई गंगा के मैदान में सबसे ज्यादा तथा पश्चिम में सबसे कम है। इसकी पश्चिमी सीमा राजस्थान मरुभूमि में विलीन हो गयी है। केरल में इन मैदानों में समुद्री जल भर जाता है,और ये लैगून बन जाते हैं। इनमें सबसे बड़ा लैगून, वेम्बानद झील है।
मिट्टी की विशेषता और ढाल के आधार पर इन्हें मुख्य तौर पर चार भागों में बॉटा गया है:
1. भाभर प्रदेश-
हिमालयी नदियों द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों से टूटकर गिरे पत्थरों-कंकड़ों को लाने से बना मैदान भाभर कहलाता है। इसमें पानी धरातल पर नहीँ ठहरता है।
2. तराई प्रदेश-
भाभर से नीचे तराई प्रदेश फैला रहता है। यह निम्न समतल मैदान है, जहाँ नदियोँ का पानी इधर-उधर बहकर दलदली क्षेत्रों का निर्माण करता है।
3. बांगर प्रदेश-
यह नदियों द्वारा लाई गयी पुरानी जलोढ़ मिट्टी से निर्मित होता है। इसमें कंकड़ भी पाये जाते हैं।
4. खादर प्रदेश-
यह प्रत्येक वर्ष नदियों द्वारा लाई गयी मिट्टी से निर्मित होता है। इसमें उर्वर शक्ति सबसे ज्यादा होती है।
India Famous Plateau Fields
Leave a Reply