ICBM Full Form (Intercontinental Ballistic Missile)

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ICBM Full Form

ICBM Full Form in Hindi, ICBM: Intercontinental Ballistic Missile (इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल) अन्तरमहाद्वीपीय प्राक्षेपिक प्रक्षेपास्त्र

ICBM का फुल फॉर्म है “Intercontinental Ballistic Missile” (इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल) या हिंदी में कहें तो “अन्तरमहाद्वीपीय प्राक्षेपिक प्रक्षेपास्त्र”. यह एक सतह-से सतह पर मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है. इसे यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि ये लम्बी दूरी तक मार कर सकते हैं अर्थात एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक भी इनकी मारक-दूरी होती है। इन प्रक्षेपास्त्रों (ICBM Full Form) का उपयोग मुख्यतः नाभिकीय युद्ध की स्थिति में किया जाता है क्योंकि एक देश से दूसरे देश तक कम से कम समय में नाभिकीय अस्त्र ले जाने में इन प्रक्षेपास्त्रों को सबसे कम समय लगता है। इसलिए किसी भी नाभिकीय युद्ध की स्थिति में ये प्रक्षेपास्त्र सर्वाधिक क्षति कर सकते हैं।

इस समय पाँचों नाभिकीय शक्ति सम्पन्न देशों (चीन, फ़्रान्स, ब्रिटेन, रूस और अमेरिका) के पास ये प्रक्षेपास्त्र हैं। भारत भी इस प्रकार के प्रक्षेपास्त्रों के विकास में लगा हुआ है। इसके अतिरिक्त यह माना जाता है कि इस्राइल, ईरान, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया ने भी ये प्रक्षेपास्त्र तैयार कर लिए हैं या इन्हें तैयार करने की क्षमता प्राप्त कर चुके हैं या तैयार करने पर विचार कर रहे हैं।

ICBM या अन्तरमहाद्वीपीय प्रक्षेपास्त्र की मारक क्षमता

ICBM या अन्तरमहाद्वीपीय प्रक्षेपास्त्र पृथ्वी के निचले वातावरण से आरम्भ होकर अपने मार्ग का अधिकान्श भाग ऊपरी वायुमण्डल में तय करता है जहाँ पर वायु घर्षण सबसे कम होता है। घर्षण कम होने के कारण ये प्रक्षेपास्त्र मध्यम-दूरी के प्रक्षेपास्त्रों से अधिक दूरी तय करते है। मध्यम-दूरी के प्रक्षेपास्त्र निचले वायुमण्डल में ही मार्ग तय करते हुए जाते हैं। अन्तरमहाद्वीपीय प्रक्षेपास्त्र कहलाने के लिए कम से कम 5500 किमी की मारक-दूरी होनी चाहिए।

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ICBM या अन्तरमहाद्वीपीय प्रक्षेपास्त्रों (ICBM Full Form) का निर्माण मुख्य रूप से परमाणु हथियार वितरण के लिए डिज़ाइन किया गया था. इसी तरह, पारंपरिक, रासायनिक और जैविक हथियारों को भी अलग-अलग प्रभावशीलता के साथ वितरित किया जा सकता है, लेकिन आईसीबीएम पर कभी भी तैनात नहीं किया गया है। अधिकांश आधुनिक डिजाइन के प्रक्षेपास्त्र स्वतंत्र रूप से लक्षित होते हैं तथा इनमे एक मिसाइल को कई हथियार ले जाने की इजाजत मिलती है, जिनमें से प्रत्येक एक अलग लक्ष्य पर हमला कर सकता है। रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, उत्तर कोरिया और चीन एकमात्र ऐसे देश हैं जिनके पास परिचालन आईसीबीएम हैं।

ICBM, पूर्ण अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल, भूमि-आधारित, परमाणु-सशस्त्र बैलिस्टिक मिसाइल में 3,500 मील (5,600 किमी) से अधिक दूरी तक मार कर सकती है। केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन इस रेंज की भूमि आधारित मिसाइलों को फील्ड करते हैं। 1958 में सोवियत संघ द्वारा पहले आईसीबीएम तैनात किए गए थे. इसके ठीक एक वर्ष बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी उनका अनुसरण किया और ठीक यही काम चीन ने लगभग 20 साल बाद किया।

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