How Babar Came India Hindi (मुगलों का आगमन, बाबर और बाबर के भारत आने का महत्व)

Ad:

hindisarkariresult.com/how-babar-came-india-hindi/
How Babar Came India Hindi

How Babar Came India Hindi / मुगलों का आगमन, बाबर और बाबर के भारत आने का महत्व / मुग़ल भारत में क्यों आये?

सन 1494

बाबर की शुरुवात

मात्र 12 साल की उम्र में बाबर आक्सस-पार के एक छोटे से राज्य फरगाना का राजा बना. उस समय उजबेक खतरे की और से आँखें बंद किये  तैमूरी शहजादे एक दुसरे से लड़ने में व्यस्त थे.

बाबर ने भी अपने चाचा से समरकंद छीनने की कोशिश की. उसने 2 बार इस नगर को जीता भी लेकिन दोनों अवसरों पर इसे शीघ्र ही खो बैठा. दूसरी बार बाबर को निकालने के लिए उजबेक सरदार शैबानी खान को बुलाया गया और उसने बाबर को हराकर समरकंद को जीत लिया. जल्द ही उसने इस क्षेत्र के अन्य तैमूरी राज्यों को भी रौंद डाला. How Babar Came India Hindi

इससे बाध्य होकर बाबर काबुल के ओर चला और उसे 1504 में जीत लिया. अगले 14 साल तक बाबर उजबेको से अपना वतन जीतने के लिए कोशिश करता रहा लेकिन उसे सफलता नहीं मिली. उसने इस काम में अपने चाचा से भी सहयोग माँगा लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली. बाद में 1510 में एक लड़ाई में इरानी शाह इस्माइल ने शैबानी खान को हराकर मार डाला.

बाबर ने समरकंद जीतने की एक और कोशिश की और इरानी फ़ौज कि मदद मांगी. उसे समरकंद में बाकायदा गद्दी पर भी बैठाया गया लेकिन इरानी शासक उसे एक स्वतंत्र राजा के बदले इरानी सूबे के सूबेदार के रूप में ही रखना चाहते थे. दूसरी तरह उजबेक फिर से मजबूत हो रहे थे इससे बाबर को समरकंद छोड़कर फिर से काबुल आना पड़ा.

बाबर ने भारत का रुख क्यों किया?

इन्ही सब घटनाक्रमों के बाद बाबर ने भारत का रुख किया.
बाबर भी पहले के असंख्य हमलावरों की तरह भारत की बेपनाह दौलत के कारण इसकी तरफ आकर्षित हुआ था. भारत उस समय सोने-चांदी और सुख-समृद्धि का देश था How Babar Came India Hindi

इसे भी पढ़ें: मुसलमान अरब आक्रमणकारियों के भारत में आने के पीछे क्या कारण था?

बाबर का पूर्वज तैमूर भारत से अपने साथ ना केवल अकूत धन संपदा वरन अनेक कुशल दस्तकार भी ले गया था जिन्होंने उसकी राजधानी को सुंदर रूप दिया. उसने पंजाब के कुछ क्षेत्रों पर भी कब्जा कर लिया था जो कि तैमूर के कुछ उत्तराधिकारियों के पास पीढ़ियों तक रहे. बाबर ने जब अफगानिस्तान को जीता तो उसे लगा कि वह इन क्षेत्रों का वाजिब हकदार है
पंजाब को जीतने की बाबर की लालसा का एक अन्य कारण ये भी था कि काबुल की आय बहुत कम थी जिससे उसकी फ़ौज की जरूरतों के लिए पर्याप्त आय नहीं मिलती थी.

दिल्ली का हाल

अब दिल्ली में लोदी वंश के शासक सिकंदर लोदी की मृत्यु हो चुकी थी और उसका बेटा इब्राहिम लोदी गद्दी पर बैठा था. इब्राहिम लोदी ने अपने साम्राज्य को एकीकृत करने की कोशिश की और काफी हद तक उसमे सफल भी रहा.

अब यहाँ ध्यान देने योग्य एक बात ये है कि राजस्थान के शासक राणा सांगा ने बाबर को भारत पर आक्रमण करने का न्योता दिया. उसने इब्राहिम लोदी के खिलाफ युद्ध में बाबर का साथ देने का वादा किया. उसकी सोच ये थी कि इब्राहीम लोदी को हराने के बाद बाबर भी अपने पूर्वज तैमूर की तरह भारत को लूट कर वापस काबुल चला जायेगा और यहाँ इसका राज्य निष्कंटक हो जाएगा.

राणा सांगा अपने राज्य को आगरा तक देखना चाहता था जो कि इब्राहिम लोदी के होते हुए पूरा हो पाना संभव नहीं था

पानीपत की लड़ाई 

आखिरकार 20 अप्रैल 1526 को पानीपत की लड़ाई शुरू हुई और इब्राहिम लोदी पूरे शौर्य के साथ बाबर से लड़ा लेकिन बाबर कि यौद्धिक  कुटिनितियों के आगे उसकी एक ना चली और उसे हारना पड़ा.

इसे भी पढ़ें: पानीपत की प्रथम लड़ाई
इसे भी पढ़ें: पानीपत की द्वितीय लड़ाई
इसे भी पढ़ें: पानीपत की तृतीय लड़ाई

अब दिल्ली से लेकर आगरा तक का पूरा क्षेत्र बाबर का था और आगरा के खजाने ने उसकी वित्तीय परेशानियों को भी दूर कर दिया.

पानीपत की लड़ाई के बाद बाबर के सामने बहुत सारी कठिनाइयाँ थी. उसके बेग भारत में एक लम्बी मुहीम के खिलाफ थे और वापस लौटना चाहते थे.
बाबर ने कहा कि “नहीं अब हमारे लिए काबुल की गरीबी फिर नहीं” और उसने एक पक्का रुख अपनाया और भारत में ठहरने के इरादे का ऐलान कर दिया.

इसे भी पढ़ें: मुसलमान अरब आक्रमणकारियों के भारत में आने के पीछे क्या कारण था?

इसके साथ ही उसने अपने बेगों को भी जो काबुल वापस जाना चाहते थे, जाने की इजाजत दे दी.

बाबर आगे लिखता है कि भारत के लोगों ने “उल्लेखनीय शत्रुता” निभायी. वो मुग़ल सेनाओं के पास आने पर ही गाँव छोड़कर भाग जाते थे

जाहिर है कि बाबर का पूर्वज तैमूर ने जिस तरह से नगरों और गांवों को लूटा और तबाह किया था उसकी यादें अभी भी लोगों के दिमाग में बनी हुई थी. How Babar Came India Hindi

इसको भी पढ़ें: तैमूर की वो बर्बर लूट और तबाही

अब जब मामला बिलकुल साफ़ हो गया कि बाबर भारत में ही रहेगा तो उधर राणा सांगा कि चिताएं भी बढ़ गयीं जिसने खुद इसको भारत पर हमले के लिए उकसाया था.

जैसा कि पहले ही बताया गया है कि पूर्वी राजस्थान और मालवा पर वर्चस्व के लिए राणा सांगा और इब्राहिम लोदी में टकराव था और अब इन क्षेत्रों का मालिक बाबर बन गया था इसलिए राणा सांगा ने बाबर को बाहर निकालने या कम से कम पंजाब तक सीमित करने की तैयारी शुरू कर दी

बाबर “तुजुके बाबरी” में लिखता है कि राणा सांगा ने उसके साथ समझौता तोड़ा. उसने उसे भारत बुलाया था और इब्राहिम लोदी के खिलाफ उसका साथ देने का वादा किया था लेकिन जब वो दिल्ली और आगरा जीतना चाहता था तो सांगा ने उसकी कोई मदद नहीं की.

अब सांगा ने ठीक ठीक क्या वादा किया था इसका जिक्र कहीं नही मिलता. शायद उसे युद्ध के लम्बा खिचने की आशा रही हो जिसके दौरान वह अपने मनचाहे क्षेत्रों पर कब्जा कर सके या हो सकता है उसे यह आशा रही हो कि तैमूर की तरह बाबर भी दिल्ली को लूट के और लोदियों को कमजोर करके वापस लौट जायेगा लेकिन बाबर के भारत में ठहरने के फैसले ने स्थिति को पूरी तरह बदल के रख दिया.

अब किस्मत देखिये जिस इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा षड्यंत्र किया था उसी इब्राहिम लोदी के छोटे भाई महमूद लोदी सहित अनेक अफगानों ने राणा सांगा का साथ इस आशा से दिया कि यदि सांगा जीत जाता है तो उन्हें दिल्ली का तख़्त वापस मिल जायेगा
मेवात का शासक हसन खान मेवाती ने भी सांगा का साथ दिया इसके अलावा अन्य राजपूत राजाओं ने भी राणा सांगा के लिए अपने दस्ते भेजे

इसके बाद राणा सांगा और बाबर के बीच खानवा का भयंकर युद्ध हुआ जिसमे राणा सांगा को प्रारंभिक सफलता भी मिली और वो एक शूरमा की तरह लड़ा. उसने बाबर का दाहिना हाथ लगभग काट ही दिया था. लेकिन अंततः बाबर की जेहादी और यौद्धिक रणनीति ने उसे पराजित कर दिया.

युद्ध मैदान से राणा सांगा बच निकला वह बाबर से फिर टकराना चाहता था लेकिन उसे उसके अपने ही कुलीनों ने जहर देकर मार दिया जो उसके फिर से टकराने के कदम को खतरनाक और आत्मघाती समझते थे.

इस तरह राजस्थान के सबसे शूरवीर योद्धा की मृत्यु हो गयी और आगरा तक फैले एकीकृत राजस्थान का सपना धूमिल हो गया और खानवा की इस लड़ाई ने दिल्ली आगरा क्षेत्र में बाबर कि स्थिति को सुरक्षित कर दिया

How Babar Came India Hindi

Ad:

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*


This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.