Garam Masala in Hindi (गरम मसाला: जानकारी, खाने के फायदे और नुकसान)

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Garam Masala in Hindi

Garam Masala in Hindi / गरम मसाला खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

गरम मसाला कई मसालों का मिश्रण से बनता है। जिसमें लौंग, इलाइची, दालचीनी, कालीमिर्च, जायफल, जावित्री, खसखस इत्यादि प्रमुख मसाले हैं। गरम मसाला खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ ही सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। प्राचीन भारत में गरम मसाले का इस्तेमाल पानी से होने वाली बीमारियों को रोकने के लिये किया जाता था। इसका सीमित मात्रा में उपयोग करने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। गरम मसाले को दस या उससे भी अधिक सूखे मसालों कों मिलाकर बनाया जाता हैं। इस आर्टिकल में हम गरम मसाला के फायदे, गरम मसाला बनाने की विधि और गरम मसाला के नुकसान के बारें में बताएँगे.

गरम मसाला के औषधीय गुण (Medicinal Values of Garam Masala in Hindi)

कब्‍ज से दिलाए राहत

गरम मसाला (Garam Masala in Hindi) खाने से पाचन क्रिया तेज होती है जिससे कब्‍ज की समस्‍या से राहत मिलती है। वे लोग जो अपने खाने में गरम मसाले का उपयोग नहीं करते, वे हमेशा कब्‍ज से परेशान ही रहते हैं।

वजन घटाए

गरम मसाला (Garam Masala in Hindi) खाने से बॉडी का फैट भी बर्न होता है। रिसर्च के अनुसार गरम मसाले में फाइबर पाया जाता है, जिसका सेवन किया जाए तो वजन घट सकता है। फाइबर से जुड़ी अन्‍य चीजों के साथ गरम मसाला लेना भी फायदेमंद होता है।

भूख बढ़ाए

जिन लोगों को कम भूख लगती है उन्‍हें गरम मसाला जरूर खाना चाहिये। इससे पेट में पाचन रस बढ़ेगा। गरम मसाले (Garam Masala in Hindi) में लौंग और जीरा होता है जो कि पेट की एसिडिटी को कम करके पेट फूलने की समस्या को दूर करता है।

शरीर का मेटाबॉलिज्‍म बढाए

यदि शरीर का मेटाबॉलिज्‍म बढेगा तो वजन अपने आप कम होगा। यही नहीं शरीर का मेटाबॉलिज्‍म जितना अच्‍छा होगा आप उतने ऊर्जावान और ऐक्टिव बनेंगे। गरम मसाले में काली मिर्च होता है जो कि इस काम के लिए बेहद कारगर होती है।

मधुमेह की समस्या में लाभदायक

गरम मसाले (Garam Masala in Hindi) को तैयार करने में कई प्रकार के मसाले का प्रयोग किया जाता है। जिसमें से जीरा एक एंटी-डायबिटिक एजेंट माना जाता है। यह डायबिटीज के लक्षणों को कम करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करता है।

एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर

जीरा, दालचीनी और काली मिर्च में भी एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो पाचन में सुधार करने में मदद करते हैं। मसाला खाने से चयापचय संशोधित होता है और आपकी हृदय गति नियंत्रित रहती है।

पाचन के लिए अच्छा

एक स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है कि उसका पाचन तंत्र भी सुचारू रूप से कार्य रहे। इसके लिए हमारी रसोई में रखा गरम मसाला (Garam Masala in Hindi) फायदेमंद हो सकता है। यहां पर एक बार फिर से गरम मसाले में मौजूद फाइबर का जिक्र होगा। फाइबर का सेवन हमारी पाचन क्रिया को सुधारने के साथ-साथ कब्ज की समस्या से भी राहत दिलाने में मदद करता है.

डायरिया में लाभकारी

डायरिया की स्थिति में पतले दस्त होना शुरू हो जाते हैं। थोड़ी ही देर बाद पीड़ित व्यक्ति का शरीर बिल्कुल असहाय होने लगता है। ऐसे में आप गरम मसाले की मदद ले सकते हैं, क्योंकि इसमें फाइबर पाया जाता है। फाइबर का सेवन डायरिया की स्थिति में फायदेमंद हो सकता है।

मधुमेह की समस्या में लाभदायक

मधुमेह की समस्या से बचे रहने के लिए भी गरम मसाला सकारात्मक असर दिखा सकता है। दरअसल, गरम मसाले को तैयार करने में कई प्रकार के मसाले का प्रयोग किया जाता है। इनमें से एक जीरा भी है। वहीं, जीरा एक सक्रिय एंटी-डायबिटिक एजेंट है। यह डायबिटीज के लक्षणों को कम करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करता है। इसलिए, गरम मसाले में मौजूद जीरा डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए लाभदायक हो सकता है।

सर्दी और खांसी में लाभदायक

सर्दी-खांसी से राहत पाने के लिए भी गरम मसाला के फायदे (Garam Masala in Hindi) देखे जा सकते हैं। सर्दी के लक्षणों में खांसी को भी गिना जा सकता है। आप इससे राहत पाने के लिए गरम मसाले का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें इस्तेमाल होने वाले धनिया में जिंक पाया जाता है। वहीं, जिंक बच्चों में पाए जाने वाले सर्दी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।

कैंसर से बचाव में सहायक

कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचे रहने के लिए भी गरम मसाला एक रामबाण औषधि की तरह कार्य कर सकता है। दरअसल, ऐसा इसलिए संभव है, क्योंकि गरम मसाले को तैयार करने के लिए काली मिर्च और सूखी लाल मिर्च का प्रयोग किया जाता है। इनमें एंटी-कैंसर गतिविधि पाई जाती है। एंटी-कैंसर गतिविधि कैंसर होने के लिए जिम्मेदार स्थितियों के खिलाफ क्रिया करके आपको कैंसर से बचाए रखने के काम आ सकती है।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं के लिए

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या आपके पेट और पाचन क्रिया में होने वाली विभिन्न समस्याओं से जुड़ी हुई है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल में गड़बड़ी होने का एक मुख्य कारण कब्ज का होना भी माना जाता है, जबकि गरम मसाला के जरिए कब्ज का इलाज संभव है। दरअसल, गरम मसाले में मौजूद फाइबर का सेवन कब्ज की समस्या को दूर करके, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल में हुई गड़बड़ी को ठीक कर सकता है।

शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में लाभकारी

डिटॉक्सिफाई एक प्रकार की क्रिया होती है। इससे हमारे शरीर से जहरीले पदार्थों को हटाने, वजन घटाने और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। डिटॉक्सिफाई की गतिविधि बढ़ाने के लिए एक अच्छे स्रोत के रूप में गरम मसाला का उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि गरम मसाला में डिटॉक्सिफाई का गुण पाया जाता है.

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और बीमारियों से लड़ने में सहायक

बेहतर रोग-प्रतिरोधक क्षमता हमारे शरीर को कई प्रकार के संक्रमण और बीमारियों से बचाए रखने का काम कर सकती है। गरम मसाले में इस्तेमाल होने वाले धनिये में जिंक पाया जाया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, जिंक रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाता है। इसलिए, गरम मसाला (Garam Masala in Hindi) के जरिए जिंक का सेवन हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करेगा और हमारा शरीर बीमारियों से भी बचा रहेगा।

दर्द और सूजन के लिए लाभकारी

दर्द और सूजन में आराम पाने के लिए भी आप गरम मसाले का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका कारण यह है कि गरम मसाले को बनाने में मेथी का भी उपयोग किया जाता है। एक वैज्ञानिक शोध में देखा गया है कि मेथी के बीज में एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं। यह दोनों ही गुण दर्द और सूजन में आराम दिला सकते हैं।

आंखों के स्वास्थ्य के लिए

आंखों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी गरम मसाले को बहुत उपयोगी माना गया है। इसके लिए गरम मसाला में उपयोग की जाने वाली दालचीनी लाभदायक होती है। दालचीनी में फोलेट की भरपूर मात्रा पाई जाती है। एक वैज्ञानिक शोध में यह देखा गया है कि फोलेट का सेवन जियोग्राफिक एट्रोफी (Geographic atrophy) से आंखों को सुरक्षित रखने में लाभदायक होता है। जियोग्राफिक एट्रोफी आंखों का एक रोग, जिससे देखने की क्षमता में कमी आती है।

पेट की सूजन कम करने में लाभदायक

यह ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें पेट भरा हुआ महसूस होता है और पेट सूजा हुआ भी लग सकता है। इस समस्या का एक प्रमुख कारण कब्ज हो सकती है। आप कब्ज को गरम मसाले में मौजूद फाइबर के सेवन से दूर कर सकते हैं. इसका सेवन करने से पेट की सूजन या ब्लोटिंग की समस्या खत्म हो सकती है।

सांसों की बदबू दूर करने में उपयोगी

गरम मसाला (Garam Masala in Hindi) का उपयोग मुंह की बदबू को दूर करने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। गरम मसाला को तैयार करने में लौंग का भी इस्तेमाल किया जाता है। लौंग में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है। एक डॉक्टरी रिसर्च के अनुसार यह देखा गया कि एंटीऑक्सीडेंट गुण सांसों की बदबू को दूर करता है.

स्लो एजिंग के लिए

इसका मतलब यह कि आप लंबे समय तक जवां नजर आ सकते हैं। इसके लिए गरम मसाले को बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाली दालचीनी का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं और यह गुण स्लो एजिंग की प्रक्रिया को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

गरम मसाला खाने के फायदे जानने के बाद, आइए अब जानते हैं कि इसमें कौन-कौन से पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं।

गरम मसाला में पाए जाने वाले तत्व (Elements Found in Garam Masala in Hindi)

गरम मसाला में इस्तेमाल किये जाने वाले प्रमुख मसाले निम्नलिखित हैं:

  • जीरा
  • काली मिर्च
  • दालचीनी
  • जावित्री
  • जायफ़ल
  • लौंग
  • छोटी इलायची
  • बड़ी इलायची
  • तेजपत्ता

घर मे गरम मसाला कैसे बनाएं? (Homemade Garam Masala Recipe in Hindi)

आप अपने घर पर ही आसानी गरम मसाला (Garam Masala in Hindi) बना सकते हैं। आइए जाने घर पर गरम मसाला तैयार करने का आसान तरीका क्‍या है।

गरम मसाला की सामग्री (Garam Masala Ki Samgri in Hindi)

  • साबुत जीरा 1/3 कप,
  • काली मिर्च डेढ़ चम्मच,
  • काली इलायची 1/4 कप,
  • हरी इलायची 1/4 कप,
  • दालचीनी पाउडर ढाई बड़ा चम्मच,
  • तेजपत्ता एक कप यानी 20 ग्राम,
  • लौंग 1/4 कप,
  • जावित्री पाउडर दो छोटा चम्मच,
  • जायफल पाउडर आठ ग्राम।

गरम मसाला बनाने की विधि (Garam Masala Banane Ki Vidhi)

  • सारे साबुत मसालों को हल्का भून लें।
  • फिर ठंडा होने के बाद इसे बारीक पीस लें।
  • आप चाहें तो इसमें जावित्री और जायफल साबुत भी ले सकती हैं।

इसे भी पढ़ें: हरा धनिया खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

  • अगर आपको ज्यादा जायफल पसंद नहीं है, तो आप इसकी मात्रा कम कर सकती हैं।
  • कहीं-कहीं गरम मसाले में सूखा नारियल, केसर और सफेद तिल भी इस्तेमाल किया जाता है।
  • अगर आपको इसका स्वाद पसंद है, तो आप इसमें मिला सकती हैं।

गरम मसाला बनाने का तरीका -2 (How To Make Garam Masala in Hindi)

सामग्री :

  • 2 बड़े चम्मच जीरा
  • 2 बड़े चम्मच धनिया के बीज
  • 2 बड़े चम्मच इलायची के दाने
  • 2 बड़े चम्मच काली मिर्च
  • 2 छोटी लाल मिर्च
  • 3 इंच की दालचीनी छड़ी
  • 1 चम्मच साबुत लौंग
  • 1 चम्मच कुटा हुआ जायफल
  • 1/2 चम्मच पिसा हुआ केसर
  • 4 तेज पत्ते

नोट: गरम मसाला बनाने के लिए लोगों के द्वारा इन सामग्रियों के अतिरिक्त भी कुछ अन्य मसालों का उपयोग किया जाता है, जो उनके स्वाद और जरुरत के हिसाब से होता है। इसलिए कई लोग इसमें तुलसी के पत्ते, अदरक के सूखे टुकड़े, मेथी के बीज को भी शामिल करते हैं।

बनाने की प्रक्रिया

  • सबसे पहले एक अच्छे वजन की कड़ाही लें और इसे गैस पर हल्के तापमान पर गर्म होने के लिए रखें।
  • ध्यान रहे कि कड़ाही सूखी हो।
  • अब इसमें जीरा, धनिया, इलायची, दालचीनी और लौंग डालें।
  • इसे बीच-बीच में चलाते रहें, जब तक कि गर्म होने के बाद मसालों के रंग में परिवर्तन न आ जाए।
  • इसे लगभग 10 मिनट तक और अच्छी सुगंध निकलने तक भूनते रहें।
  • ध्यान रहे कि इन्हें धीमी आंच पर ही इसे भूनें।
  • अब बची हुई सामग्रियों (जायफल और केसर को छोड़कर) को भी दो मिनट तक भून लें।
  • जब सभी सामग्रियां ठंडी हो जाएं, तो उन्हें मिक्सर में पीसकर पाउडर बना लें।
  • इसके बाद तैयार पाउडर में जायफल व केसर को मिलाएं।
  • फिर इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें।
  • अब आपका गरम मसाला (Garam Masala in Hindi) तैयार है। आप इसे एयरटाइट कंटेनर में डालकर सूखे स्थान पर स्टोर करें

गरम मसाला खाने के लाभ (Garam Masala khane ke fayde) (Benefits of Garam Masala in Hindi)

गरम मसाला खाने के निम्नलिखित फायदे हैं:

गरम मसाला के फायदे आंखों के लिए (Garam Masala For Eye in Hindi)

गरम मसालों में काली मिर्च स्वाद बढ़ाने के साथ -साथ सेहत के लिए भी काफी उपयोगी है। काली मिर्च हर भारतीय किचनों में मिल जाएगा। इसके इस्तेमाल से मोटापा कम करने में मदद मिलता है, आंखों की रोशनी बढ़ाने, पेट के रोगों को दूर करने में सहायक है। यह भूख बढ़ाती है। कालीमिर्च चूर्ण व शहद चाटने से सर्दी खांसी में लाभ होता है। काली मिर्च शहद में मिलाकर खाने से कमजोर याददाश्त में फायदा होता है।

गरम मसाला के फायदे दस्त में (Garam Masala For Diarrhea in Hindi)

गरम मसाला में जायफल का इस्तेमाल किया जाता है. जायफल में औषधीय गुण के कारण इसे सालभर उपयोग किया जाता है। गरम मसाले में जायफल भोजन में स्वाद व खुशबू के लिए डाला जाता है। जायफल बहुत ही थोड़ी मात्रा में गर्म मसाले में प्रयोग किया जाने वाला मसाला है। बच्चों को दस्त, जुकाम व खांसी होने पर जायफल को गर्म पानी में घिसकर चटाया जाता है। इसके फूल जावित्री कहलाते हैं। सांस रोगों में पान में दो-तीन पंखुड़ी जावित्री डालकर लेने से फायदा होता है। भूख नहीं लगती हो, तो चुटकी भर जायफल की कतरन चूसकर देखें, कुछ ही देर में आराम मिलेगा।

गरम मसाला के फायदे सर्दी, जुकाम, में (Garam Masala For Cold And Cough in Hindi)

सूखे अदरक को सोंठ कहा जाता है। ये रुचिकारक, गठिया नाशक, त्रिदोष नाशक, पाचक, स्वादिष्ट, गर्म, अतिसार, हृदयरोग और उदररोग नाशक है। अदरक की चाय से सर्दी, जुकाम, खांसी, सिरदर्द, ठीक होता है। सोंठ, जीरा और सेंधा नमक का चूर्ण ताजा दही में, मट्ठे में मिलाकर भोजन के बाद पीने से पुराने अतिसार का मल बंधता है।

कफ और वातनाशक होता है गरम मसाला (Garam Masala For Cough in Hindi)

गरम मसाले (Garam Masala in Hindi) में मिलाया जाने वाला अकरकरा कड़वा, तीखा, प्रकृति में गर्म तथा कफ और वातनाशक है। इसके खून को साफ करने वाला, सूजन को कम करने वाला, मुंह की बदबू को नष्ट करने वाला, दन्त रोग, दिल की कमजोरी, बच्चों के दांत निकलने के समय के रोग, तुतलाहट, हकलाहट, रक्तसंचार को बढ़ाने में भी गुणकारी हैं। इसका प्रयोग दंतमंजनों और पेस्ट में होता है।

गरम मसाला के फायदे डायबिटीज में (Garam Masala For Diabetes in Hindi)

गरम मसाले में दालचीनी होती है जो कि ब्लड शुगर को नियंत्रित करके डायबिटीज को खतरे को कम करता है। गर्म मसाले में मौजूद तत्वों के एंटी-ऑक्सीडेंटस, एंटी-इंफ्लेमेंट्री और एंटी-बायोटीक गुण न्यूरोलॉजीकल डिसऑर्डर से बचाता है।

गरम मसाले का उपयोग (How to Use Garam Masala in Hindi)

  • गरम मसाले को सब्जी बनाने में उपयोग कर सकते हैं।
  • इसे आलू की टिकिया में इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • गरम मसाले को नमक के साथ मट्ठे में मिलाकर पिया जा सकता है।
  • बेसनी भिंडी को बनाने में गरम मसाला का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • अचार, खटाई और सलाद की ड्रेसिंग में गरम मसाले को इस्तेमाल कर सकते हैं।

गरम मसाले के नुकसान (Side Effects of Garam Masala in Hindi)

कम मात्रा में गरम मसाले का सेवन करना फायदेमंद होता है लेकिन जरूरी नहीं की यह सबके लिए फायदेमंद हो। गरम मसाला में जो तत्व मिले होते है उनमे अधिकतर गर्म प्रवृति के होते है इसलिए यदि आप इसका अधिक मात्रा में सेवन करते है तो आपको इसके नुकसान भी हो सकता है।

  • आयात किए गए गरम मसाले में लेड की मात्रा हो सकती है, जिसका अधिक सेवन शरीर के लिए घातक हो सकता है.
  • गरम मसाला में उपयोग होने वाले कुछ मसालों में जैसे धनिये में जिंक की मात्रा पाई जाती है। अधिक मात्रा में जिंक का सेवन करने से यह मतली और उल्टी की समस्या हो सकती है।
  • गरम मसाले (Garam Masala in Hindi) में सोडियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है और सोडियम का अधिक सेवन उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है.
  • गर्म मसाले के दुष्प्रभाव में सीने में जलन, एसिडिटी, मूत्र में जलन और पेट में जलन जैसी समस्या हो सकती है इससे बचने के लिए कम मात्रा में गरम मसाले का सेवन करने की सलाह दी जाती है.
  • गरम मसाले का इस्तेमाल मुख्य रूप से सर्दी के दिनों में करना चाहिए. गर्मी के दिनों में इसका कम इस्तेमाल करना चाहिए ताकि इसके दुष्प्रभावो से बचा जा सके ।

नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको गरम मसाला से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है। लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें। 

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