Famous Bhartiy Samajsudharak / प्रमुख भारतीय समाज सुधारक / Famous Indian Reformers in Hindi
राजा राममोहन रॉय Raja Ram Mohan Roy
- राजा राममोहन रॉय का जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के राधानगर गांव में 22 मई 1772 को हुआ था।
- राजा राममोहन रॉय को आधुनिक भारत के राजनीतिक और सामाजिक चिंतन का जनक कहा जाता है यह भारतीय पुनर्जागरण के अग्रदूत थे।
- राजा राममोहन रॉय ने सती प्रथा बाल विवाह विधवा दुर्दशा जाति प्रथा एवं अस्पृश्यता जैसे संक्रामक रोगों के समान सामाजिक कुरीतियों से भारत को मुक्त कराने का प्रयास किया।
- राजा राममोहन रॉय ने 1820 ईसवी में प्रीसेप्ट्स ऑफ़ जीसस की रचना की तथा 1825 में वेदांत कॉलेज की स्थापना की।
- राजा राममोहन रॉय ने वर्ष 1828 में ब्रह्म समाज की स्थापना की और इसके माध्यम से इन्होंने भारत में आधुनिकता का प्रचार प्रसार किया।
- 1830 ईसवी में मुगल बादशाह अकबर द्वितीय ने इनको राजा की उपाधि प्रदान की
- राजा राममोहन रॉय सती प्रथा का विरोध करने वाले प्रथम भारतीय थे और इनके ही प्रयासों से वर्ष1829 ईस्वी में सती प्रथा को निषिद्ध घोषित कर दिया गया। इनकी मृत्यु 1833 में लंदन (ब्रिस्टल) में हुई। Famous Bhartiy Samajsudharak
स्वामी दयानंद सरस्वती Swami Dayanand Saraswati
- 12 जनवरी 1824 को हुआ था। इनका बचपन का नाम मूल शंकर था।
- स्वामी दयानंद सरस्वती ने 1875 में मुंबई में (उस समय बाम्बे नाम से जाना जाता था) आर्य समाज की स्थापना की।
- आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य वैदिक धर्म को पुनः शुद्ध रूप से स्थापित करना तथा भारत को धार्मिक सामाजिक और राजनीतिक रूप से एक सूत्र में बांधना था।
- स्वामी दयानंद सरस्वती ने सत्यार्थ प्रकाश नामक पुस्तक की रचना की तथा वेदो की ओर लौटो का नारा दिया।
- दयानंद सरस्वती ने 1855 ईसवी में राजस्थान के आबू पर्वत से हरिद्वार तक पैदल यात्रा की थी। इनकी मृत्यु 1883 ईसवी में हुई थी।
ईश्वर चंद्र विद्यासागर Ishwar Chandra Vidyasagar
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर का जन्म 26 सितंबर 1820 ईसवी को बंगाल में हुआ था। इनको भारतीय पुनर्जागरण का एक प्रमुख स्तंभ माना जाता है। Famous Bhartiy Samajsudharak
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर के बचपन का नाम ईश्वर चंद्र बंधोपाध्याय था। इनकी विद्वता के कारण इनको विद्यासागर की उपाधि दी गई थी।
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर राजा राममोहन राय के द्वारा स्थापित ब्रह्म समाज नामक संस्था के सदस्य थे। इन्होंने स्त्री शिक्षा के साथ-साथ विधवा विवाह और विधवाओं की दशा सुधारने का कार्य किया।
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर के अनवरत प्रयास से विधवा पुनर्विवाह कानून 1856 ईसवी में पारित हुआ। इन्होंने अपने इकलौते पुत्र का विवाह भी एक विधवा से ही कराया था।
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने 1848 में बेताल पंचविंशति नामक बांग्ला भाषा के प्रथम गद्य रचना का प्रकाशन किया
- इनकी मृत्यु 29 जुलाई 1891 को कोलकाता में हुई।
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आचार्य विनोबा भावे Acharya Vinoba Bhawe
- आचार्य विनोबा भावे का जन्म 11 सितंबर 1895 में महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के गागोड़े गांव में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम नरहली शंभू राव तथा माता का नाम रुकमणी देवी था।
- आचार्य विनोबा भावे का असली नाम विनायक राव भावे था। ये भगवत गीता से बहुत प्रेरित थे।
- विनोबा भावे का मुख्य योगदान भूदान आंदोलन में था। यह आंदोलन 18 अप्रैल 1951 में तेलंगाना की पोंचापली से शुरू हुआ।
- इन्होंने ब्रह्म विद्या मंदिर की स्थापना की थी जो मूल रूप से महिलाओं को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक आश्रम और समुदाय था।
- विनोबा भावे ने इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल का विरोध किया। इसको उन्होंने अनुशासन पर्व की संज्ञा दी।
- इनका निधन महाराष्ट्र के वर्धा में 15 नवंबर 1982 को हुआ।Famous Bhartiy Samajsudharak
ज्योतिबा फुले Jyotiba Phule
- ज्योतिबा फुले का असली नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले था। इनका जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के सतारा में हुआ था।
- इनका विवाह 12 वर्ष की आयु में सावित्रीबाई फुले से हुआ।
- ज्योतिबा फुले ने थॉमस पैने के द्वारा लिखी गई पुस्तक पुरुषों के अधिकार को सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आंदोलन करने के लिए आगे बढ़ाया।
- ज्योतिबा फुले का महत्वपूर्ण कार्य महिलाओं की शिक्षा के लिए था इन्होंने एक न्यायसंगत समाज बनाने के लिए 1848 ईसवी में लड़कियों के लिए स्कूल खोला।
- ज्योतिबा फुले बाल विवाह के खिलाफ थे तथा साथ ही साथ विधवा विवाह के समर्थक भी थे। ये निम्न और अनुसूचित जाति के लोगों के उद्धार के लिए जीवन पर्यंत सक्रिय रहे।
- निम्न जाति और अस्पृश्यों को ऊपर उठाने के लिए 24 सितंबर 1873 को इन्होंने सत्यशोधक समाज की स्थापना की।
- इनकी मृत्यु 18 नवंबर 1890 को 63 वर्ष की अवस्था में हो गई। Famous Bhartiy Samajsudharak
स्वामी विवेकानंद Swami Vivekanand
- स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था।
- ये वेदांत के प्रख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। इन्होंने अमेरिका के शिकागो शहर में 1893 ईसवी में आयोजित विश्व धर्म सभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था।
- स्वामी विवेकानंद ने किसी सामाजिक सुधार की शुरुआत नहीं की लेकिन अपने भाषणों और लेखों में सभी प्रकार के सामाजिक और धार्मिक बुराइयों के खिलाफ बोलते थे।
- विवेकानंद का मुख्य लक्ष्य तत्कालीन भारत के युवाओं की भौतिक शारीरिक और मानसिक कमजोरियों का निदान करना था।
- स्वामी विवेकानंद ने 4 जुलाई 1902 को बंगाल के बेलूर मठ में ध्यान के दौरान अपने भौतिक शरीर का त्याग कर दिया। Famous Bhartiy Samajsudharak
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर Bhim Rao Ambedkar
- भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को ब्रिटिश भारत के मध्य प्रांत (अब मध्य प्रदेश) में स्थित महू में हुआ था।
- इनको बाबा साहब के नाम से भी जाना जाता है। भीमराव अंबेडकर के पिता जी का नाम रामजी मालो जी सकपाल था जो सेना में एक सूबेदार थे। इनकी माता का नाम भीमाबाई था, जो एक गृहिणी थी।
- अंबेडकर का संबंध महार जाति से था, जिनके साथ अस्पृश्यों जैसा व्यवहार किया जाता था।
- भीमराव अंबेडकर का मुख्य उद्देश्य निम्न जाति औरअस्पृश्यों के अधिकारों के लिए लड़ना था। इन्होंने भारत सरकार अधिनियम 1919 के तहत अस्पृश्यों के लिए पृथक निर्वाचन की मांग की।
बाबा आमटे Baba Amte
- बाबा आमटे का असली नाम मुरलीधर देवीदास आमटे था।
- ये भारत के एक प्रमुख समाजसेवी थे और बाबा आमटे के नाम से विख्यात थे।
- इनका जन्म 26 दिसंबर 1914 महाराष्ट्र के वर्धा जिले में हुआ था। इनके पिता का नाम देवीलाल सिंह तथा माता का नाम लक्ष्मीबाई आमटे था।
- बाबा आमटे महात्मा गांधी से बहुत प्रभावित थे। इन्होंने समाज में कुष्ठ रोग से ग्रसित लोगों की सेवा, पुनर्वास और सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- कुष्ठ रोगियों के लिए इन्होंने महाराष्ट्र में 3 आश्रमों की स्थापना की तथा इसी उद्देश्य के लिए 15 अगस्त 1949 को एक अस्पताल की भी स्थापना की।
- ये नर्मदा बचाओ आंदोलन से भी जुड़े और सरदार सरोवर डैम की वजह से विस्थापित हुए लोगों के अधिकारों के लिए लड़े।
- इनकी मृत्यु 9 फरवरी 2008 को महाराष्ट्र के आनंदवन में हुई।
सर सैयद अहमद खान Sir Syed Ahmad Khan
- सर सैयद अहमद खान का जन्म 17 अक्टूबर 1817 में दिल्ली के सादात (सैयद) खानदान में हुआ था।
- यह एक हिंदुस्तानी शिक्षक और नेता थे जिन्होंने भारतीय मुसलमानों के लिए आधुनिक शिक्षा की शुरुआत की।
- इन्होंने मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की जो बाद में विकसित होकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी या अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना।
- इनके प्रयासों से अलीगढ़ क्रांति की शुरुआत हुई जिसमें शामिल मुस्लिम बुद्धिजीवियों और नेताओं ने भारतीय मुसलमानों का राजनीतिक भविष्य सुदृढ़ किया।
- इन्होंने प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के विषय में असबाब-ए-बगावत-ए-हिंद नामक किताब लिखी जिसमें इन्होंने ब्रिटिश सरकार की नीतियों की आलोचना की।
- इनकी मृत्यु 27 मार्च 1898 ईसवी को 80 वर्ष की अवस्था में हुई थी।
एनी बेसेंट Annie Besent
- डॉक्टर एनी बेसेंट का जन्म लंदन शहर में 1847 में हुआ था। इनके पिता एक अंग्रेज डॉक्टर थे तथा माता एक आयरिश महिला थी।
- एनी बेसेंट एक अग्रणी आध्यात्मिक थियोसोफिस्ट, महिला अधिकारों के समर्थक, लेखक और भारत प्रेमी महिला थी।
- एनी बेसेंट सन 1917 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष भी बनीं।
- 1878 में इन्होंने पहली बार भारतवर्ष के बारे में अपने विचार प्रकट किए। 1883 ईसवी में यह समाजवादी विचारधारा की ओर आकर्षित हुई।
- एनी बेसेंट ने सोशलिस्ट डिफेंस संगठन नाम की संस्था बनाई थी।
- 1893 ईसवी में इनका भारत आगमन हुआ। वर्ष 1906 तक इनका अधिकांश समय वाराणसी में बीता।
- वर्ष 1907 में ये थियोसोफिकल सोसायटी की अध्यक्ष निर्वाचित हुयी। इन्होंने पाश्चात्य भौतिकवादी सभ्यता की कड़ी आलोचना करते हुए प्राचीन हिंदू सभ्यता को सर्वश्रेष्ठ माना और उसके प्रचार प्रसार में लगी रही। इन्होंने होम रूल आंदोलन को संगठित करके उसका नेतृत्व किया।
- 20 सितंबर 1933 को इनकी मृत्यु हो गई। Famous Bhartiy Samajsudharak
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