Dussehra Hindi Essay / Dussehra par Nibandh / दशहरा पर निबंध / Essay on Dussehra in Hindi
प्रस्तावना
दशहरा या विजयदशमी का त्यौहार भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार भारतीय संस्कृति के वीरता का पूजक, शौर्य का उपासक है। प्रत्येक वर्ष आश्विन शुक्ल दशमी को मनाया जाने वाला दशहरा जिसे विजयदशमी और आयुध-पूजा के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। दशहरे का त्यौहार वीरता की अनुशंसा और उसकी जय कहने वाला त्यौहार है. यह त्यौहार सालों से इतनी धूमधाम से इसलिए मनाया जाता है ताकि व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो। Dussehra Hindi Essay
असत्य पर सत्य की विजय का त्यौहार
भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिए इस दशमी को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। दशहरा वर्ष की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में से एक है, अन्य दो हैं चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा। इसी दिन लोग नया कार्य प्रारंभ करते हैं, इस दिन शस्त्र-पूजा, वाहन पूजा की जाती है।
प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी जैसे अवगुणों को छोड़ने की प्रेरणा हमें देता है।
दशहरा शब्द की उत्पत्ति
दशहरा शब्द ‘दश'(दस) एवं ‘अहन्’ से बना है। दशहरा उत्सव की उत्पत्ति के विषय में कई मत प्रचलित हैं। कुछ लोगों का मत है कि यह कृषि का उत्सव है। दशहरा सिर्फ एक पर्व ही नहीं है बल्कि इसका सांस्कृतिक पहलू भी है। भारत कृषि प्रधान देश है। जब किसान अपने खेत में सुनहरी फसल उगाकर अनाज रूपी संपत्ति घर लाता है तो उसके उल्लास और उमंग का ठिकाना नहीं रहता। इस प्रसन्नता के अवसर पर वह भगवान् का धन्यवाद देता है तथा भगवान् के प्रति अपना आभार प्रकट करने के लिए वह उसका पूजन करता है। Dussehra Hindi Essay
इसे भी पढ़ें: दशहरे का इतिहास और विभिन्न प्रदेशों में इसका स्वरूप
कुछ लोगों के मत के अनुसार दहशरा रण यात्रा का द्योतक है, क्योंकि दशहरा के समय वर्षाऋतु समाप्त हो जाती हैं, नदियों की बाढ़ थम जाती है, धान आदि अनाज सहेज कर घर में रख लिए जाते हैं अर्थात घर इस समय धन धन्य से परिपूर्ण होता है और मौसम भी अनुकूल होता है। इस मान्यता के अनुसार प्राचीन काल में इसी समय राजा महाराजा युद्ध अभियान पर निकलते थे.
इस उत्सव का संबंध नवरात्रि से भी है क्योंकि नवरात्रि के उपरांत ही यह उत्सव होता है. दशहरा या विजयादशमी नवरात्रि के बाद दसवें दिन मनाया जाता है। इसी दिन माँ भगवती दुर्गा ने महिषासुर का अंत किया था. रामायण के प्रसंग के अनुसार, इसी दिन राम ने रावण का वध किया था।
राम और रावण का युद्ध
रावण भगवान राम की पत्नी देवी सीता का अपहरण कर लंका ले गया था। भगवान राम युद्ध की देवी मां दुर्गा के भक्त थे, उन्होंने युद्ध के दौरान पहले नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की और दसवें दिन दुष्ट रावण का वध किया। इसलिए विजयादशमी एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। राम की विजय के प्रतीक स्वरूप इस पर्व को ‘विजयादशमी’ कहा जाता है।
दशहरा पर्व पर मेले
दशहरा पर्व को मनाने के लिए जगह-जगह बड़े-बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है। यहां लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ आते हैं और खुले आसमान के नीचे मेले का पूरा आनंद लेते हैं। मेले में तरह-तरह की वस्तुएं, चूड़ियों से लेकर खिलौने, कपड़े और खाने पीने का सामान, तरह तरह की मिठाइयाँ बेची जाती हैं। इसके साथ ही मेले में विभिन्न प्रकार के झूलों और खेल कूद की सामग्रियों की भी भरमार रहती है। Dussehra Hindi Essay
रामलीला और रावण वध
दशहरे के समय रामलीला का भी आयोजन होता है। रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है। दशहरा अथवा विजयदशमी भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाए अथवा दुर्गा पूजा के रूप में, दोनों ही रूपों में यह शक्ति-पूजा, शस्त्र पूजन, हर्ष, उल्लास तथा विजय का पर्व है। रामलीला में जगह-जगह रावण वध का प्रदर्शन होता है।
शक्ति के प्रतीक का उत्सव
शक्ति की उपासना का पर्व शारदेय नवरात्रि प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि, नौ नक्षत्र, नौ शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ सनातन काल से मनाया जा रहा है। इस मौके पर लोग नवरात्रि के नौ दिन जगदंबा के अलग-अलग रूपों की उपासना करके शक्तिशाली बने रहने की कामना करते हैं। भारतीय संस्कृति सदा से ही वीरता व शौर्य की समर्थक रही है। दशहरे का उत्सव भी शक्ति के प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला उत्सव है।
बुराई पर अच्छाई की विजय
इस दिन क्षत्रियों के यहां शस्त्र की पूजा होती है। इस दिन रावण, उसके भाई कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। कलाकार राम, सीता और लक्ष्मण के रूप धारण करते हैं और आग के तीर से इन पुतलों को मारते हैं जो पटाखों से भरे होते हैं। पुतले में आग लगते ही वह धू-धू कर जलने लगता है और इनमें लगे पटाखे फटने लगते हैं। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। Dussehra Hindi Essay
Leave a Reply