Delhi Qutubminar, कुतुबमीनार लाल पत्थरों से बनी दुनिया की सबसे ऊँची मीनार है जिसमें किसी भी तरह की धातु का प्रयोग नहीं हुआ है. यह भारत का बहुत ही प्रसिद्द ऐतिहासिक इमारत है
दिल्ली की कुतुबमीनार अफ़गानिस्तान में स्थित, जाम की मीनार से प्रेरित है. इसका निर्माण कार्य ममलुक वंश के संस्थापक कुतुबद्दीन ऐबक ने शुरू कराया जो उसकी मृत्यु के बाद उसके उत्तराधिकारी और दामाद इल्तुतमिश ने पूरा किया.
Delhi Qutubminar दिल्ली में स्थित UNESCO World Heritage Sites में से एक है. यह दिल्ली के कई स्थानों से दिखती है और राष्ट्रिय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है. यहाँ प्रतिदिन हजारों की संख्या में सैलानी आते हैं
मीनार का नामकरण
कुतुबद्दीन ऐबक ने इसका नाम प्रसिद्द सूफी संत चिश्ती कुतुबद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि कुतुबद्दीन ऐबक ने खुद अपने नाम पर इस मीनार का नाम रखा.
इस मीनार ने कई प्राकृतिक आपदाओं को भी झेला है. सन 1369 में इसपर बिजली गिर गयी थी जिसके कारण इसका उपरी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया जिसे तुगलक वंश के शासक फ़िरोज़ शाह तुगलक ने ठीक कराया और इसके ऊपर दो और मंजिलों का निर्माण कराया. 1 सितम्बर 1803 में फिर इस मीनार को भूकंप की वजह से नुकसान हुआ जिसे एक ब्रिटिश अधिकारी मेजर रोबर्ट स्मिथ ने ठीक कराया.
मीनार की स्थापत्य कला
- कुतुबमीनार का निर्माण भारतीय-इस्लामिक शैली में हुआ है.
- इस मीनार की ऊँचाई 73 मीटर (240 फीट) है.
- इसके बेस का व्यास 14.3 मीटर (47 फीट) है जो टॉप पर पहुँच कर 2.7 मीटर (9 फीट) रह जाता है.
- इस मीनार में 5 मंजिलें हैं. शुरू की 3 मंजिल लाल पत्थर की हैं और ऊपर की 2 मंजिलें पत्थर और संगमरमर की हैं.
- इसके अंदर वृत्ताकार 379 सीढिया हैं जो टॉप तक ले के जाती हैं जहाँ से पूरा शहर दिखता है
- क़ुतुबमीनार के लाल बलुआ पत्थरों पर कुरान की आयतों और फूल बेलों की महीन नक्काशी की गई है।
- कुतुब मीनार ढिल्लिका के प्राचीन किले तालकोट के अवशेषों पर बनी है। ढिल्लिका अन्तिम हिन्दू राजाओं तोमर और चौहानों की राजधानी थी। Delhi Qutubminar
दिल्ली की जामा मस्जिद के बारे में दिलचस्प तथ्य
कुतुब मीनार परिसर में भारत की पहली कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद, अलाई दरवाजा, इल्तुतमिश का मकबरा और लौह स्तंभ भी बना हुआ है। कुतुब मीनार को UNESCO ने सन् 1993 में World Heritage Site घोषित किया है।
कुतुबमीनार का निर्माण कब हुआ?
कुतुबमीनार का निर्माण कार्य सन 1192 में शुरू हुआ जो सन 1220 में संपन्न हुआ. इसमें कुछ अतिरिक्त निर्माण कार्य और मरम्मत 12वी 14वी और 19वी शताब्दी में भी हुआ
कुतुबमीनार का निर्माण किसने कराया था?
कुतुबमीनार का निर्माण कार्य क़ुतुबद्दीन ऐबक ने शुरू कराया बाद में उसकी मृत्यु के बाद उसके दामाद इल्लुत्मिश ने उसकी तीन मंजिल बनवाई. बाद में फ़िरोज़ शाह तुगलक ने कुतुबमीनार की मरम्मत का कार्य कराया.
कुतुबमीनार की ऊँचाई
कुतुबमीनार की ऊँचाई 73 मीटर यानि 240 फीट है.
कुतुबमीनार कहाँ स्थित है?
कुतुबमीनार भारत की राजधानी दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम में महरौली में स्थित है.
कुतुबमीनार का निर्माण कार्य क्यों हुआ?
इस मीनार के निर्माण के उद्देश्य के बारे में कहा जाता है कि यह कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद से अजान देने, निरीक्षण करने या इस्लाम की दिल्ली पर विजय के प्रतीक रूप में बनी।
कुतुबमीनार को देखने का समय
कुतुबमीनार को देखने का समय सूर्योदय से सूर्यास्त तक का है
प्रवेश शुल्क
क़ुतुबमीनार परिसर में प्रवेश का शुल्क भारतियों के लिए 30 रुपया और विदेशियों के लिए 500 रुपया है. 15 साल तक के बच्चों का प्रवेश निःशुल्क है
कुतुबमीनार कैसे पहुंचें?
अगर आप मेट्रो से जाना चाहते हैं तो किसी भी मेट्रो स्टेशन से प्रवेश करके कुतुबमीनार मेट्रो स्टेशन पर उतर सकते हैं. वहां से पैदल या ऑटो से आप कुतुबमीनार परिसर जा सकते हैं
अगर आप बस से जाना चाहते हैं तो दिल्ली टूरिज्म की बस सबसे उपयुक्त है यह आपको दिल्ली की और भी कई जगहों का दर्शन कराती है
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