Clove Laung in Hindi (लौंग: जानकारी, खाने के फायदे और नुकसान)

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Clove Laung in Hindi

Clove Laung in Hindi / लौंग खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

लौंग एक सुगन्धित मसाला है जिसका इस्‍तेमाल खास तौर पर गरम मसाले में किया जाता है. इसका प्रयोग भारतीय खाने में भी भरपूर मात्रा में किया जाता है. लौंग सिर्फ खाने का स्‍वाद और खुशबू ही नहीं बढ़ाता बल्‍कि यह सेहत के लिए भी गुणकारी होता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट और एंटीबैक्‍टीरियल तत्‍व आपको सेहतमंद बनाए रखते हैं. यह हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ ही आपके स्‍कैल्‍प से डैंड्रफ भगाकर बालों की कंडिशनिंग भी करता है. इस आर्टिकल में हम आपको लौंग से होने वाले फायदों, इसके सेवन का तरीका और इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताएँगे.

आयुर्वेद में लौंग (Clove Laung in Hindi) के इस्तेमाल से जुड़े कई उपाय बताए गए हैं। लौंग के सेवन से भूख बढ़ती है, उल्टी रुकती है, पेट की गैस, अत्यधित प्यास लगने की समस्या और कफ-पित्त दोष ठीक होते हैं। इसके साथ ही रक्त विकार, सांसों की बीमारी, हिचकी और टीबी रोग में भी लौंग का उपयोग किया जाता है.

लौंग क्या है? (What is Cloves?)

लौंग का पेड़

लौंग के वृक्ष पर लगभग 9 वर्ष की आयु में फूल लगने शुरू हो जाते हैं। इसके फूल और कलियों को ही सुखाकर बाजार में लौंग के नाम से बेचा जाता है। गर्भवती महिलाओं को होने वाली उल्टी में लौंग बहुत लाभदायक होता है। इसके अलावा भी लौंग (Clove Laung in Hindi) में कुछ विशेष गुण होते हैं:

  • लौंग के सेवन से भूख बढ़ती है। आमाशय की रस क्रिया सही रहती है।
  • लौंग के सेवन से भोजन के प्रति रुचि पैदा होती है और मन प्रसन्न होता है।
  • लौंग पेट के कीड़ों को खत्म करती है।
  • लौंग चेतना-शक्ति को सही रखती है।
  • लौंग शरीर की दुर्गन्ध को खत्म करती है।
  • लौंग का लेप दर्द, घाव आदि पर करने से ये ठीक हो जाते हैं।
  • लौंग मूत्र मार्ग को सही रखता है और पेशाब के रास्ते हानिकारक चीजों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।

अन्य भाषाओं में लौंग के नाम (Name of Cloves in Different Languages)

लौंग का वानस्पतिक नाम Syzygium aromaticum  (Linn.) Merr & L. M. Perry (सिजीयम एरोमैटिकम) Syn-Eugenia caryophyllata Thunb., Caryophyllus aromaticus Linn. है और यह Myrtaceae (मिर्टेसी) कुल का पौधा है। लौंग को विभिन्न भाषाओँ में निम्नलिखित नामों से जाना जाता है:

  • हिंदी में- लोंग, लौंग, लवंग
  • अंग्रेजी में- क्लोवस (Cloves), जंजिबर रैड हेड (Zanzibar red head), क्लोव ट्री (Clove tree), Clove (क्लोव)
  • संस्कृत में-  लवङ्ग, देवकुसुम, श्रीप्रसून, श्रीसंज्ञ, श्रीप्रसूनक, वारिज
  • उर्दू में-  लौंग (Laung), लवंग (Lavang)
  • कन्नड़ में-  लवंग (Lavanga), रूंग (Rung)
  • गुजराती में- लवींग (Laving)
  • तेलगु में-  करवप्पु (Karvappu), लवंगमु (Lavangamu)
  • तमिल में-  किरांबु (Kirambu), किराम्पु (Kirampu)
  • बंगाली में-  लवंग (Lavang)
  • नेपाली में- लवांग (Lwang)
  • मराठी में-  लवंग (Lavang)
  • मलयालम में-  लौंग (Laung), ग्रामपु (Grampu), करयाम्पु (Karayampu)
  • अरबी में-  करनफल (Qaranphal), करनफूल (Qaranphul)
  • फारसी में-  मेखत (Mekhat), मेखक (Mekhak)

लौंग के औषधीय गुण (Medicinal Values of Clove in Hindi)

लौग में निम्नलिखित औषधीय गुण पाए जाते हैं:

  • लौंग (Clove Laung in Hindi) का प्रयोग सिर दर्द और माइग्रेन की परेशानी से निजात पाने के लिए किया जाता है. अगर आप इस समस्या से परेशान है इसके लिए 6 ग्राम लौंग को पानी में पीसकर सुखा लें। इसे थोड़ा गर्म कर लें। इसका कान के आस-पास गाढ़ा लेप करने से सिर दर्द या आधासीसी की समस्या में लाभ होता है।
  • लौंग आंखों की बीमारियों में भी फायदेमंद होता है.
  • लौंग दांतों के रोग में काफी फायदेमंद होता है। लौंग के तेल को रूई के फाहे में लगाकर दांतों लगाने से दांतों के दर्द से आराम मिलता है। इससे दांत में लगे कीड़े भी खत्म हो जाते हैं।
  • लौंग बलगम की समस्या में भी लाभदायक होता है. लौंग के 2 ग्राम कूटे हुए चूर्ण को 125 मिली पानी में उबालें। जब यह एक चौथाई रह जाए तो छानकर थोड़ा गर्म कर पी लें। यह कफ को बाहर निकालने में मदद करता है।
  • लौंग के सेवन से मुंह और सांसों की बदबू/दुर्गन्ध मिटती है।
  • लौंग का सेवन दमा रोग में भी फायदेमंद होता है.
  • लौंग के सेवन से कुक्कुर खांसी से राहत मिलती है.
  • हैजा होने पर बहतु अधिक प्यास लगने की समस्या भी हो जाती है। इस समस्या में लौंग खाने से बहुत फायदा मिलता है।
  • लौंग का सेवन अपज की समस्या में लाभ पहुँचाता है.
  • लौंग का सेवन जी मिचलाने पर भी प्रयोग किया जा सकता है. अगर आपका जी मिचला रहा हो तो आप लौंग को पानी के साथ पीसकर थोड़ा गर्म कर लें। इसे थोड़ा-थोड़ा पिलाने से जी मिचलाने और अत्यधित प्यास लगने की समस्या ठीक होती है।
  • लौंग बुखार एवं शारीरिक कमजोरी में भी लाभदायक होता है.
  • लौंग का इस्तेमाल सेक्सुअल स्टेमना बढाने के लिए भी किया जाता है. लौंग व जायफल को घिसकर नाभि पर लेप करने से पुरुष की स्तम्भन शक्ति (संभोग करने की क्षमता) बढ़ जाती है।
  • लौंग का तेल गठिया वाले स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।
  • नासूर या पुराना घाव पर 5-6 लौंग और 10 ग्राम हल्दी को पीसकर लगाने से नासूर (पुराना घाव) ठीक हो जाता है।
  • लौंग का उपयोग छाती की जलन को ठीक करने में भी किया जाता है. 2-4 नग लौंग को शीतल जल में पीसकर तथा इसमें मिश्री मिलाकर पीने से हृदय की जलन मिटती है।
  • दस्त रोकने में भी लौंग उपयोगी होता है. 1 ग्राम लौंग और 3 ग्राम हरड़ को मिलाकर काढ़ा बना लें। इसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर पिलाने से दस्त में आराम मिलता है।
  • जायफल, लौंग तथा जीरा को समान मात्रा में लें। इनका चूर्ण बना लें। इसे 2-3 ग्राम की मात्रा में लेकर शहद और शक्कर के साथ सेवन करें। इससे दस्त ठीक होता है।
  • लौंग का सेवन मधुमेह में भी फायदेमेंद होता है क्योंकि यह रक्त में शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है।

लौंग खाने के लाभ (Laung khane ke fayde) (Benefits of Clove in Hindi)

लौंग खाने के निम्नलिखित लाभ हैं:

सूजन कम करने में फायदेमंद (Clove Beneficial to Get Relief from Inflammation in Hindi)

लौंग का तेल (Clove Laung in Hindi) सूजन कम करने में सहायक होता है क्योंकि इसमें एंटी- इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है जो कि सूजन को कम करने में मदद करता है।

पाचन तंत्र को मजबूत बनता है लौंग (Benefit of Clove to Improve Digestive System in Hindi)

आयुर्वेद के अनुसार लौंग में दीपन और पाचन के गुण पाये जाते है। अतः जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर है उनके लिए लौंग का सेवन फायदेमंद हो सकता है.

कैंसर के इलाज में फ़ायदेमंद है लौंग (Clove Beneficial to Treat Cancer in Hindi)

लौंग में कैंसर रोधी गुण पाया जाता है अतः इसका उपयोग कैंसर के लक्षणों को कम करने में फ़ायदेमंद होता है.

तनाव कम करता है लौंग (Clove Beneficial to Get Relief from Stress in Hindi)

लौंग का तेल तनाव को कम करने में मदद करता है क्योंकि ये सर्कुलेटरी सिस्टम को उत्तेजित कर शारीरिक थकान को कम कर तनाव से मुक्ति देता है। 

सिरदर्द से राहत दिलाता है लौंग (Benefit of Clove to Treat Headache in Hindi)

सिर दर्द में लौंग का तेल (Clove Laung in Hindi) बहुत लाभदायक है. थोडा सा लौंग का तेल हलके हाथों से माथे पर लगाने से यह सिर दर्द को कम करने में मदद करता है।

अस्थमा के इलाज में लौंग के फायदे (Clove Beneficial to Treat Asthma in Hindi)

अस्थमा या कफ संबंधी समस्या में फ़ायदे के लिए लौंग का सेवन कर कर सकते है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार लौंग में कफ से राहत दिलाने का गुण होता है।  

जी-मिचलाना कम करने में लौंग के फायदे (Clove Beneficial in Nausea in Hindi)

यात्रा के दौरान या किसी अन्य कारण से अगर जी मिचलाने या उल्टी होने की समस्या होती है तो आप लौंग का प्रयोग कर सकते है.

जोड़ों का दर्द कम करने में फायदेमंद है लौंग (Benefit of Clove to Get Relief from Arthritis in Hindi)

जोड़ों के दर्द की समस्या में भी लौंग फ़ायदेमंद होता है क्योंकि आयुर्वेद में लौंग को दर्दनिवारक माना जाता है जिसके कारण लौंग का तेल जोड़ों के दर्द के लिए फ़ायदेमंद होता है।

साइनस से राहत दिलाता है लौंग

नाक में जलन से राहत दिलाने में लौंग बहुत फायदेमंद होता है. अगर लौंग को लंबे समय तक डाइट में शामिल किया जाए तो यह साइनस से काफी हद तक छुटकारा दिला सकता है. आप साबुत लौंग को सूंघकर भी इसका फायदा ले सकते हैं. गर्म पानी में रोजाना तीन-चार चम्‍मच लौंग का तेल मिलाकर पीने से इंफेक्‍शन नहीं होता है और सांस लेना भी आसान हो जाता है.

मॉर्निंग सिकनेस में उपयोगी है लौंग

लौंग एंटीसेप्टिक है. यह अपच को ठीक करने के साथ ही आपको उल्‍टी और मिचली से भी राहत दिलाता है. यह प्रेग्‍नेंट महिलाओं के लिए तो बहुत ही गुणकारी है. प्रेग्‍नेंसी के शुरुआती महीनों में ज्‍यादातर महिलाओं को सुबह के वक्‍त उल्‍टी की श‍िकायत रहती है. ऐसे में उन्‍हें लौंग चूसने की सलाह दी जाती है.

कील मुंहासे से दिलाये छुटकारा

लौंग के तेल (Clove Laung in Hindi) में एंटी-माइक्रोबियल प्रॉपर्टीज़ होती हैं. इस वजह से ये कील-मुंहासों को भगाने में काफी असरदार है. साथ ही यह इन मुंहासों को आपके चेहरे पर फैलने से भी रोकता है. लौंग में शरीर की सफाई करने वाले तत्‍व भी पाए जाते हैं जो आपको मुंहासों की जलन से राहत दिलाने में भी मदद करते हैं. आप चाहें तो लौंग का फेस पैक बना सकते हैं या अपनी क्रीम में मिलाकर भी इसका इस्‍तेमाल कर सकते हैं.

इम्‍यूनिटी बढ़ाती है लौंग

लौंग आपकी इम्‍यूनिटी बढ़ाकर इंफेक्‍शन और सर्दी-जुकाम से आपकी रक्षा करता है. यह एंटी-ऑक्‍सीडेंट गुणों से भरपूर होता है जो आपकी स्‍किन और मजबूत इम्‍यूनिटी सिस्‍टम के लिए बेहद जरूरी है.

डाइजेशन सुधारता है लौंग

लौंग गैस्ट्रिक रस के स्राव में सुधार लाकर पाचन की प्रक्रिया को सुधारता है. लौंग पेट की कई परेशानियों में फायदा करता है जैसे गैस, जलन, अपच और उल्‍टी.

दांत दर्द में राहत दिलाता है लौंग

ज्‍यादातर टूथपेस्‍ट में लौंग एक प्रमुख इंग्रिडेंट होता है क्योंकि लौंग दांत दर्द में राहत देता है. लौंग में कुछ समय के लिए दर्द को दबाने की ताकत होती है. अगर आपके दांत में तेज दर्द हो तो रूई के फाये में थोड़ा सा लौंग का तेल लगाकर जिस दांत में दर्द हो रहा है वहां पर इसे लगाएं. आपको तुरंत राहत मिलेगी.

डायबिटीज के इलाज में उपयोगी

आयुर्वेद में डायबिटीज के इलाज में लौंग का इस्‍तेमाल किया जाता है. यह ब्‍लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर डायबिटीज के रोगियों को सेहतमंद बनाए रखता है.

लौंग कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Cloves Found or Grown?)

लौंग (lavang) के पैदा होने का स्थान मलक्का द्वीप है, लेकिन भारत के दक्षिण में केरल और तमिलनाडू में इसकी खेती की जाती है। भारतवर्ष में लौंग का अधिकांश आयात सिंगापुर से किया जाता है.

लौंग खाने के नुकसान (Laung khane ke Nuksan) (Side Effects of Clove in Hindi)

लौंग (Clove Laung in Hindi) को कम मात्रा में खाने से कई फायदे होते हैं। लेकिन कई लोग दांत दर्द या खांसी होने पर दिन में कई बार लौंग खाते हैं। ज्यादा मात्रा में लौंग का सेवन नुकसानदायक हो सकता है और इससे कई बीमारियां बढ़ सकती हैं।

  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के अनुसार एक दिन में तीन से ज्यादा लौंग का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • लौंग की प्रवृत्ति बेहद गर्म होती है, इसलिए अधिक मात्रा में इसका सेवन करना नुकसानदेय हो सकता है।
  • लौंग के तेल का इस्तेमाल स्वाद बढाने के लिए, मसूड़ों के इलाज और तम्बाकू में थोड़ी मात्रा में किया जाता है। इसमें एंटी इफ्लेमेंटरी, दर्द से राहत और एंटीबैकटीरियल गुण रपाए जाते हैं लेकिन जब आप लौंग के तेल को आंतरिक या सिगरेट में लेकर धूम्रपान करते हैं, तो इसके दुष्प्रभाव, कुछ गंभीर हो सकते है।

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  • लौंग में स्तब्ध (नमिंग) प्रभाव के कारण, त्वचा या मुंह के अंदर लगाने से यह दर्द को कम करता है लेकिन इससे होनी वाली उत्तेजना, ऊतकों के नुकसान और होंठों के सूखने का कारण बनती है। इसके अलावा यह दांतों को नुकसान पहुँचाता है और कैविटी के खतरे को बढ़ा सकता है।
  • इंटेलीहेल्थ के अनुसार, आंखों पर लौंग को लगाने से अंधापन हो सकता है। एनआईएच के अनुसार, लौंग से युक्त हर्बल क्रीम को लिंग पर लगाने से कभी-कभी स्तम्भन दोष या स्खलित होने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
  • लौंग के तेल से असामान्य रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है। ब्लीडिंग डिसऑर्डर जैसे हीमोफिलिया से ग्रस्त लोग, जो दवाओं या जड़ी बूटी के रूप में आंतरिक रूप से लौंग के तेल लेने से पहले सतर्क होना चाहिए क्योंकि इसमें खून को पतला करने के गुण होते हैं। इसमें एंटी-कोगुलेंट्स जैसे वारफारिन और हेपरिन और नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स जैसे एस्पिरिन और नेपरोक्सन मौजूद होता हे। इसलिये मरीजों को सर्जरी या दंत प्रक्रिया से पहले लौंग का तेल कई दिनों तक लेना बंद कर देना चाहिए।
  • लौंग के तेल के आंतरिक इस्तेमाल से रक्त शर्करा की मात्रा कम हो जाती है। निम्न रक्त शर्करा (हाइपोग्लाइसीमिया) से ग्रस्त लोगों को लौंग के तेल का उपयोग के बारे में सावधान रहना चाहिए। साथ ही, रक्त शर्करा के स्तर को विनियमित करने के लिए मेटफार्मिन या इंसुलिन के रूप में दवा लेने वाले व्यक्तियों को भी लौंग का तेल लेने के दौरान और अधिक बारीकी से उनके रक्त में ग्लूकोज की निगरानी करनी चाहिए।
  • कुछ लोगों को लौंग या लौंग के तेल से एलर्जी होती है. इसके लक्षणों में दाने, खुजली और सांस की तकलीफ शामिल हैं। हालांकि ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है. कुछ लोगों को लौंग का सिगरेट में इस्तेमाल से पित्ती और सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। लौंग के तेल से एलर्जी की प्रतिक्रिया के रूप में एक आपातकालीन चिकित्सा पर विचार किया जाना चाहिए।
  • विशुद्ध लौंग के तेल की अधिक खुराक विषाक्त प्रभाव पैदा कर सकती है। एनआईएच द्वारा सूचीबद्ध दुष्प्रभावों में मतली, उल्टी, गले में खराश, बेहोशी, सांस लेने में कठिनाई, फेफड़ों में तरल पदार्थ शामिल हैं।
  • गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को औषधीय खुराक में लौंग (Clove Laung in Hindi) नहीं लेना चाहिए। कभी-कभी, लौंग से गंभीर एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है। एलर्जी की प्रतिक्रिया के रूप में गर्भवती महिलाओं में चेहरे की सूजन, निगलने में कठिनाई, सांस की तकलीफ या तीव्रता से त्वचा में खुजली जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। ऐसी प्रतिक्रियाओं एक गर्भवती महिला या उसके बच्चे के लिए घातक हो सकती है, ऐसे परिस्थिति आने पर तुरंत आपातकालीन चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।

नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको लौंग से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है। लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें। 

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