Chalte samay Kavita, चलते समय सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है.
तुम मुझे पूछते हो ‘जाऊँ’?
मैं क्या जवाब दूँ, तुम्हीं कहो!
जा… कहते रुकती है जबान
किस मुँह से तुमसे कहूँ रहो!!
Chalte samay Kavita
सेवा करना था जहाँ मुझे
कुछ भक्ति-भाव दरसाना था।
उन कृपा-कटाक्षों का बदला
बलि होकर जहाँ चुकाना था॥
मैं सदा रूठती ही आई,
प्रिय! तुम्हें न मैंने पहचाना।
वह मान बाण-सा चुभता है,
अब देख तुम्हारा यह जाना॥
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