Sujan Raskhan Part-5 (सुजान-रसखान भाग-5)
Sujan Raskhan Part-5 / कृष्ण भक्तिकाल के प्रमुख कवि रसखान की प्रमुख रचना सुजान-रसखान के पद, सवैया, कवित्त, और दोहे (भाग-5) 201. सवैया बाँकी मरोर गटी भृकुटीन लगीं अँखियाँ तिरछानि तिया की।क सी लाँक भई रसखानि सुदामिनी तें दुति दूनी हिमा की।सोहैं तरंग अनंग को अंगनि ओप उरोज उठी छलिया की।जोबनि जोति सु यौं दमकै … Read more