Sujan Raskhan Part-5 (सुजान-रसखान भाग-5)
Sujan Raskhan Part-5 / कृष्ण भक्तिकाल के प्रमुख कवि रसखान की प्रमुख रचना सुजान-रसखान के पद, सवैया, कवित्त, और दोहे (भाग-5) 201. सवैया बाँकी मरोर […]
Sujan Raskhan Part-5 / कृष्ण भक्तिकाल के प्रमुख कवि रसखान की प्रमुख रचना सुजान-रसखान के पद, सवैया, कवित्त, और दोहे (भाग-5) 201. सवैया बाँकी मरोर […]
Sujan Raskhan Part-4 / कृष्ण भक्तिकाल के प्रमुख कवि रसखान की प्रमुख रचना सुजान-रसखान के पद, सवैया, कवित्त, और दोहे (भाग-4) 151. दोहा स्याम सघन […]
Sujan Raskhan Part-3 / कृष्ण भक्तिकाल के प्रमुख कवि रसखान की प्रमुख रचना सुजान-रसखान के पद, सवैया, कवित्त, और दोहे (भाग-3) 101. सवैया आज महूं […]
Sujan Raskhan Part-2 / कृष्ण भक्तिकाल के प्रमुख कवि रसखान की प्रमुख रचना सुजान-रसखान के पद, सवैया, कवित्त, और दोहे (भाग-2) 51. दोहा मोहन छबि […]
Sujan Raskhan Part-1 / कृष्ण भक्तिकाल के प्रमुख कवि रसखान की प्रमुख रचना सुजान-रसखान के पद, सवैया, कवित्त, और दोहे (भाग-1) 1. सवैया मानुस हौं […]
Raskhan ke Savaiye/ रसखान के सवैयों का भावार्थ मानुस हौं तो वही रसखान, बसौं मिलि गोकुल गाँव के ग्वारन।जो पसु हौं तो कहा बस मेरो, […]
Yauvan ka Pagalpan Kavita, यौवन का पागलपन, माखनलाल चतुर्वेदी (Makhanlal Chaturvedi) द्वारा लिखित कविता है. हम कहते हैं बुरा न मानो, यौवन मधुर सुनहली छाया। […]
Makhanlal Chaturvedi Kavita Sangrah माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म सन 1889 ईसवी में मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के बाबई नामक ग्राम में हुआ था. इनके पिता […]
Ye anaj ki pule, ये अनाज की पूलें तेरे काँधें झूलें, माखनलाल चतुर्वेदी (Makhanlal Chaturvedi) द्वारा लिखित कविता है. ये अनाज की पूलें तेरे काँधें […]
Bol to kiske liye, बोल तो किसके लिए मैं, माखनलाल चतुर्वेदी (Makhanlal Chaturvedi) द्वारा लिखित कविता है. बोल तो किसके लिए मैं गीत लिक्खूँ, बोल […]
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