Bhumadhya Rekha Equator Hindi / भूमध्य रेखा या विषुवतीय वृत्त रेखा / Bhumadhya Rekha in Hindi
Bhumadhya Rekha Equator Hindi, भूमध्य रेखा Bhumadhya rekha ( Equator in Hindi ) पृथ्वी की सतह पर उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव से समान दूरी पर स्थित एक काल्पनिक रेखा है जो पृथ्वी को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में विभाजित करती है.
अगर दूसरे शब्दों में कहें तो पृथ्वी के केंद्र से सर्वाधिक दूरस्थ भूमध्यरेखीय उभार पर स्थित बिन्दुओं को मिलाते हुए ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई कल्पनिक रेखा को भूमध्य रेखा या विषुवतीय वृत्त रेखा कहते हैं। इस रेखा पर वर्ष भर दिन-रात बराबर होतें हैं, इसलिए इसे विषुवत रेखा भी कहते हैं।
Bhumadhya Rekha Equator Hindi
इस प्रकार हम देखते हैं कि-
- भूमध्य रेखा एक ऐसी काल्पनिक रेखा है जो पूरे पृथ्वी को क्षैतिज रूप से दो बराबर भागों में बाँट देती है।
- भूमध्य रेखा के उपरी भाग को उतरी गोलार्द्ध तथा भूमध्य रेखा के दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्द्ध कहते है ।
- भूमध्य रेखा या विषुवत रेखा के उत्तरी ओर २३½° में कर्क रेखा तथा दक्षिणी ओर २३½° में मकर रेखा स्थित है।
- भूमध्य रेखा एक वृताकार काल्पनिक रेखा है जो पृथ्वी के चारो ओर घुमती हुई वृताकार पथ बनाती है।
- भूमध्य रेखा या विषुवत वृत्त को 0° माना गया है क्योंकि यह पृथ्वी के मध्य में है।
- पृथ्वी के सबसे उत्तरी बिंदु को उतरी ध्रुव (North Pole) तथा सबसे दक्षिणी बिंदु को दक्षिणी ध्रुव (South Pole) कहते हैं.
- उतरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा को पृथ्वी का अक्ष कहते हैं, जो पृथ्वी के केंद्र से होकर गुजरती है। पृथ्वी इसी अक्ष को केंद्र बनाकर घूमती रहती है. Bhumadhya Rekha Equator Hindi
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भूमध्य रेखा का भूगोल (Geography of Equator)
- परिभाषा के अनुसार, भूमध्य रेखा का अक्षांश शून्य (0) होता है।
- पृथ्वी की भूमध्य रेखा की लम्बाई लगभग 40075 कि.मी. या (24901.5 मील) है. हालांकि अगर शुद्ध लम्बाई की बात की जाए तो ये (शुद्ध लम्बाई 40075016.6856 मीटर) है।
- पृथ्वी के घूर्णन की धुरी और सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की परिक्रमा की कक्षा से प्राप्त सतह के बीच अक्षांश के पांच घेरे मिलते हैं जिनमे से विषुवत रेखा एक है.
- भूमध्य रेखा पृथ्वी की सतह पर खींचा गया महानतम घेरा (चक्र) है।
- सूर्य अपनी सामयिक चाल में आकाश से, वर्ष में दो बार, 21 मार्च और 23 सितंबर को भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर से गुजरता है। इन दिनों भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें पृथ्वी की सतह के एकदम लम्बवत पड़ती हैं।
- भूमध्य रेखा पर स्थित प्रदेशों में सूर्योदय और सूर्यास्त अपेक्षाकृत अधिक देर से होता है। ऐसे स्थानों पर वर्ष भर, सैद्धांतिक रूप से, 12 घंटे के दिन और 12 घंटे की रात होती है, जबकि भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में दिन का समय मौसम के अनुसार बदलता रहता है।
- जब भूमध्य रेखा के उत्तर में शीतकाल में दिन छोटे और रात लंबी होती हैं, तब इसके दक्षिण में ग्रीष्मकाल में दिन लंबे व रातें छोटी होती हैं।
- वर्ष के दूसरे छोर पर मौसम दोनों गोलार्धों में एकदम विपरीत होते हैं। लेकिन भूमध्य रेखा पर दिनमान के साथ साथ मौसम भी समान ही रहता है।
- पृथ्वी भूमध्य रेखा पर थोड़ी सी उभरी हुई है। इस रेखा पर पृथ्वी का व्यास 12759.28 कि.मी. या (7927 मील) है, जो ध्रुवों के बीच के व्यास (12713.56 कि.मी. या 7900 मील) से 42.72 कि॰मी॰ या 27 मील अधिक है। Bhumadhya Rekha Equator Hindi
- भूमध्य रेखा के आस-पास के स्थान अंतरिक्ष केंद्र के लिए अच्छे माने जाते हैं (जैसे गुयाना अंतरिक्ष केंद्र, कौरोऊ, फ्रेंच गुयाना), क्योंकि ये स्थान पृथ्वी के घूर्णन के कारण पहले से ही पृथ्वी पर किसी भी अन्य स्थान से अधिक गतिमान (कोणीय गति) होते हैं और यह बढ़ी हुई गति अन्तरिक्ष यान के लिए बहुत सहायक होती है और उसके प्रक्षेपण के लिए आवश्यक ईंधन की मात्रा को कम कर देती है। इस प्रभाव का उपयोग करने के लिए अंतरिक्ष यान को पूर्व दिशा में प्रक्षेपित किया जाता है.
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भूमध्य रेखीय जलवायु (Climate of Equator)
- अगर भूमध्य रेखीय जलवायु की बात की जाए तो वर्षा ऋतु और अधिक ऊंचाई वाले भागों को छोड़कर, भूमध्य रेखा के निकट वर्ष भर उच्च तापमान बना रहता है।
- उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में मौसम लगभग दो प्रकार का होता है: आर्द्र और शुष्क। लेकिन भूमध्य रेखा के निकट अधिकतर स्थान वर्ष भर गीले ही रहते हैं और मौसम समुद्र तल से ऊंचाई और समुद्र से दूरी जैसे अनेक कारणों के अनुसार बदलता रहता है।
- हालांकि वर्ष भर उच्च तापमान बने रहने के बावजूद भी बारिश और आर्द्र परिस्थितियों के कारण भूमध्य रेखीय क्षेत्र विश्व की सर्वाधिक गर्म क्षेत्र नहीं हैं।
- पृथ्वी की सतह पर अधिकतर भूमध्य रेखीय क्षेत्र समुद्र का भाग है।
- भूमध्य रेखा का उच्चतम बिंदु 4690 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कायाम्बे ज्वालामुखी है जो इक्वाडोर के दक्षिणी ढाल पर है।
भूमध्य रेखीय देश (Countries on Equator)
भूमध्य रेखीय देश या भूमध्य रेखा पर स्थित देश, भूमध्य रेखा 14 देशों के स्थल या जल से होकर जाती है, जो निम्नलिखित हैं:
यह मध्याह्न रेखा से प्रारंभ होकर पूर्व की ओर जाती है।
देशांतर | देश, क्षेत्र या सागर | टिप्पणी |
0° | अटलांटिक महासागर | गिनी खाड़ी |
7° | पू. साओ तोमे और प्रिन्सिपी | इल्हेयु दास रोलास |
8° | अटलांटिक महासागर | गिनी खाड़ी |
10° | गबोन | |
15° | कांगो गणराज्य | |
20° | कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य | |
30° | युगांडा | |
33° | विक्टोरिया झील | |
35° 40° | केन्या | |
41° | सोमालिया | |
43° 50° 60° 70° 80° 90° | हिन्द महासागर | |
73° | मालदीव | गाफु ढालु अटॉल एवं नावियानी अटॉल के बीच से गुजरती हुई |
100° | इंडोनेशिया | बातु द्वीप, सुमात्रा एवं लिंगा द्वीप |
105° | हिन्द महासागर | करिमाता जलडमरु मध्य |
110° | इंडोनेशिया | बोर्नेयो |
118° | हिन्द महासागर | मकस्सर जलडमरु मध्य |
120° | इंडोनेशिया | सुलावेसी |
121° | हिन्द महासागर | तोमिनी की खाड़ी |
125° | हिन्द महासागर | मलक्का जलडमरु मध्य |
127° | इंडोनेशिया | कायोआ एवं हल्माहेरा द्वीप |
128° | प्रशांत महासागर | हल्माहेरा सागर |
130° | इंडोनेशिया | जीब द्वीप |
88° 100° 110°, 120° 130°, 140° 150° 160° 170° 180° | प्रशांत महासागर | |
173° | किरिबाती | हर द्वीप से बचती हुई, अरानुका और नोनोउती के बीच अटॉल से गुजरती है |
173° | संयुक्त राज्य माइनर आउटलेइंग आइलैंड्स | बेकर द्वीप – प्रादेशिक जल से गुजरतीभूमध्य रेखा होवलैण्ड द्वीप और जार्विस द्वीप के आसपास के विशेष आर्थिक क्षेत्र से होकर गुजरती है, लेकिन अपने क्षेत्रीय जल माध्यम से नहीं गुजरती। |
90° | ईक्वाडोर | इसाबेला द्वीप के गैलापागोस द्वीप समूह में |
80° | ईक्वाडोर | |
70° | कोलोंबिया | |
60° 50° | ब्राज़ील | अमेज़न नदी में स्थित कुछ द्वीप भी शामिल |
40°, 30°, 20°, 10° | अटलांटिक महासागर |
नोट:
- इक्वेटोरियल गिनी जैसा कि नाम से प्रतीत होता है कि ये क्षेत्र इक्वेटर यानि विषुवत रेखा पर स्थित होगा लेकिन इस क्षेत्र का कोई भी भाग भूमध्य रेखा पर स्थित नहीं है. इसका एक द्वीप ऐनोबॉन भूमध्य रेखा से 155 कि.मी. (लगभग 100 मील) दक्षिण में है और देश का बाकी हिस्सा उत्तर में निहित है।
- भूमध्य रेखा को वास्तव में ना छूने वाला सबसे निकटतम देश पेरू है।
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