Bharat Krishi Agriculture India / भारत की कृषि / Agriculture in India in Hindi
भारत की कृषि की बात करें तो भारत के कुल क्षेत्रफल के लगभग 51% भाग पर कृषि, 4% भूभाग पर चारागाह, लगभग 21% भाग पर जंगल और 24% भूमि बंजर और बिना उपयोग की है.
देश की कुल श्रम शक्ति का 52% भाग कृषि एवं इससे सम्बंधित उद्योग धंधों से अपनी आजीविका चला रहा है. Bharat Krishi Agriculture India
विश्व में चावल उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है. भारत में खाद्यानों के अंतर्गत आने वाले कुल क्षेत्र के 47% भाग पर चावल की खेती की जाती है.
विश्व में गेहू उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है. देश के कुल कृषि योग्य भूमि के 15% भाग पर गेहू की खेती की जाती है.
देश में गेहू के उत्पादन में उत्तरप्रदेश का प्रथम स्थान है, जबकि प्रति हेक्टेयर उत्पादन में पंजाब का स्थान प्रथम है.
हरित क्रांति का सबसे अधिक प्रभाव गेहू और चावल की खेती पर पड़ा है, परन्तु चावल की तुलना में गेहू के उत्पादन में अधिक वृद्धि हुयी.
भारत में हरित क्रांति (Green Revolution) लाने का श्रेय डॉ. एम.एस. स्वामीनाथ को जाता है. भारत में हरित क्रांति की शुरुवात 1967-68 ईस्वी में हुई.
प्रथम हरित क्रांति के बाद 1983-84 ईस्वी में द्वितीय हरित क्रांति की शुरुवात हुई, जिसमे अधिक अनाज उत्पादन, निवेश एवं कृषकों को दी जाने वाली सेवाओं का विस्तार हुआ.
इसे भी पढ़ें: भारत की मिट्टी और उसके विभिन्न प्रकार
तिलहन प्राद्योगिकी मिशन की स्थापना 1986 ईस्वी में हुई.
भारत विश्व में उर्वरकों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश है.
पोटेशियम उर्वरक का पूरी तरह से आयात किया जाता है. Bharat Krishi Agriculture India
आम, केला, चीकू, खट्टे नींबू, काजू, नारियल, काली मिर्च, अदरक, हल्दी के उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में पहला है
फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में दूसरा है जबकि पहले स्थान पर चीन है.
फसल | प्रमुख उत्पादक राज्य |
चावल | पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, आँध्रप्रदेश, बिहार और पंजाब |
गेंहू | उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार, मध्यप्रदेश, और राजस्थान |
ज्वार | महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और आँध्रप्रदेश |
बाजरा | गुजरात, राजस्थान और उत्तरप्रदेश |
दलहन | मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल, और आँध्रप्रदेश |
तिलहन | गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा |
जौ | उत्तरप्रदेश, राजस्थान, बिहार और पंजाब |
गन्ना | उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा और पंजाब |
मूंगफली | गुजरात, आँध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश |
चाय | असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, त्रिपुरा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश |
कहवा | कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आँध्रप्रदेश और महाराष्ट्र |
कपास | महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु और आँध्रप्रदेश |
रबर | केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम और अंडमान निकोबार द्वीप समूह |
पटसन | पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, उड़ीसा और उत्तरप्रदेश |
तम्बाकू | आँध्रप्रदेश, गुजरात, बिहार, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु |
काली मिर्च | केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और पुडूच्चेरी |
हल्दी | आँध्रप्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और बिहार |
काजू | केरल, महाराष्ट्र और आँध्रप्रदेश |
ऋतुओं के आधार पर फसलों का वर्गीकरण
रबी की फसल: यह अक्तूबर नवम्बर में बोई जाती है और मार्च अप्रैल में काट ली जाती है. इसकी मुख्य फसलें हैं: गेंहू, जौ, चना, मटर, सरसों आलू, राई इत्यादि
खरीफ की फसल: यह जून जुलाई में बोई जाती है और नवम्बर दिसम्बर में काट ली जाती है. इसकी मुख्य फसलें हैं: धान, गन्ना, तिलहन, ज्वार, बाजरा, मक्का, अरहर आदि
गरमा फसल: यह मई जून में बोई जाती है और जुलाई अगस्त में काट ली जाती है. इसकी मुख्य फसलें हैं: राई, मक्का, ज्वार, जूट और मडुवा आदि
Leave a Reply