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Balak vikas ki awasthaye (बालक विकास की अवस्थाएं)

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Balak vikas ki awasthaye

Balak vikas ki awasthaye/ बाल विकास की प्रमुख अवस्थाएं

बालक के विकास को समय समय पर विभिन्न विद्वानों ने भिन्न-भिन्न भागों में बांटा है। इनमें समानता सिर्फ गर्भाधान से लेकर परिपक्वावस्था या प्रौढ़ावस्था की अवधि की है जबकि अन्य रूपों में सभी भिन्नता रखते हैं। Balak vikas ki awasthaye

कोल, जॉन्स, सैले, कालसनिक, आदि विद्वानों के वर्गीकरण के आधार पर हम बाल विकास के अवस्थाओं को मुख्य रूप से 3 अवस्थाओं में बांटा जा सकता है:

इसके अलावा भी बाल विकास की 2 और अवस्थाएं होती हैं:

शैशवावस्था (Shaishwawastha, childhood in Hindi)

फ्रॉयड ने लिखा है कि ” बालक जो कुछ भी बनता है वह जीवन के प्रारंभिक चार-पांच वर्ष में ही बन जाता है. “The little human being is frequently a finished product in his four or fifth year.”
इस बात से यह स्पष्ट हो जाता है कि बालक की शैशवावस्था या शैशव काल ही उसके जीवन का क्रम निश्चित करने वाला समय होता है।

शैशवावस्था की प्रमुख विशेषताएं (Shaishwawastha ki pramukh visheshtaye) Important features of childhood in hindi

इस अवस्था की मुख्य विशेषताएं निम्न हैं:

शैशवावस्था के बारे में विभिन्न मनोवैज्ञानिकों के महत्वपूर्ण कथन

गुड एन ऍफ़ के अनुसार- “एक व्यक्ति का जितना भी मानसिक विकास होता है उसका आधा 3 वर्ष तक की आयु तक हो जाता है”

“बालक प्रथम 6 वर्षों में बाद के 12 वर्षों से ज्यादा सीख लेता है”

गेसेल के अनुसार

“बीसवीं शताब्दी बालक की शताब्दी है”

क्रो एंड क्रो के अनुसार

“5 वर्ष तक की अवस्था शरीर के लिए बहुत ही ग्रहणशील अवस्था है”

न्यूमैन के अनुसार

“मनुष्य को जो बनना होता है प्रथम के 4 से 5 वर्षों में बन जाता है”

फ्रायड के अनुसार

“मुझे एक बालक दो, मैं उसे जो चाहे वो बना दूंगा”

“शैशवावस्था में सीखने की क्षमता, गति और विकास की सीमा अन्य अवस्था की तुलना में अधिक होती है”

वाटसन के अनुसार

“3-6 वर्ष की आयु का बालक प्रायः अर्धस्वप्न की अवस्था में रहता है.

थार्नडाईक के अनुसार

बाल्यावस्था (Balyavastha Childhood in Hindi)

बालक के विकास की सभी अवस्थाएं अपने में अलग-अलग विशेषताएं लिए हुए हैं। बाल्यावस्था, शैशवावस्था के बाद की अवस्था है जिसका समय विद्वानों ने 6 वर्ष से 12 वर्ष तक माना है। यह बालक के जीवन का अनोखा काल माना जाता है। Balak vikas ki awasthaye

बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषताएं

इस अवस्था की मुख्य विशेषताएं निम्न हैं:

बाल्यावस्था के बारे में विभिन्न मनोवैज्ञानिकों के महत्वपूर्ण कथन

बाल्यावस्था मिथ्या परिपक्वता है- रॉस

ऐसा शायद ही कोई खेल हो जिसे 10 वर्ष का बालक ना खेलता हो – स्ट्रेंग

उसका जीवन का अनोखा काल है- कोल और ब्रूस

बाल्यावस्था एक ऐसी अवस्था है जिसे माता-पिता को समझना बहुत कठिन है –कोल और ब्रूस

नोट: बालक के विकास में शैक्षिक दृष्टिकोण से बाल्यावस्था संपूर्ण जीवन चक्र की सबसे महत्वपूर्ण अवस्था है

किशोरावस्था Kishoravastha

मानव विकास की सबसे विचित्र एवं जटिल अवस्था का नाम किशोरावस्था है। विद्वानों के अनुसार इसका काल 12 वर्ष से 18 वर्ष तक का है। इस काल में होने वाले परिवर्तन बालक के व्यक्तित्व के गठन में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते हैं। अतः शिक्षा के क्षेत्र में इस अवस्था का विशेष महत्व है। Balak vikas ki awasthaye

किशोरावस्था की प्रमुख विशेषताएं

इस अवस्था की मुख्य विशेषताएं निम्न हैं:

(बिग्गी एवं हंट ने किशोरावस्था के लिए एक शब्द दिया है ‘ परिवर्तन’. यह बालक के जीवन का सबसे बड़ा परिवर्तन का काल है)

किशोरावस्था के बारे में विभिन्न मनोवैज्ञानिकों के महत्वपूर्ण कथन

किशोरावस्था शैशवावस्था की पुनरावृति काल है- रॉस

किशोरावस्था बड़े संघर्ष तनाव तूफान और विरोध की अवस्था है- स्टैनले हॉल

किशोरावस्था बड़े गंभीर उथल-पुथल की अवस्था है- स्टैनले हॉल

किशोरावस्था नया जन्म है क्योंकि इसमें उच्चतर मानवीय विशेषताओं के दर्शन होते हैं- स्टैनले हॉल

किशोरावस्था ही वर्तमान और भविष्य की भावी शक्ति है – क्रो एंड क्रो

वयस्कावस्था (18 वर्ष के उपरांत)

वयस्कावस्था या प्रौढ़ावस्था मानव जीवन काल कि वह अवस्था है जिसमें मनुष्य को पूर्ण रूप से  शारीरिक और बौद्धिक परिपक्वता प्राप्त हो जाती है। वयस्कावस्था आमतौर पर 18 से 21 वर्ष की उम्र में शुरू होती है। लगभग 40 वर्ष शुरू होने वाली अवस्था को प्रौढ़ावस्था कहते हैं। लगभग 60 वर्ष की आयु के बाद वृद्धावस्था होती है। Balak vikas ki awasthaye

वृद्धावस्था (60 वर्ष से ऊपर)

वृद्धावस्था का तात्पर्य मानव जीवन की उस अवस्था से हैं जब वह अपनी जीवन प्रत्याशा के निकट होता है। यह मानव जीवन के चक्र का अंतिम समय है। लगभग 50 वर्ष से 60 वर्ष या उसके बाद की उम्र को वृद्धावस्था कहा जाता है। इस अवस्था के लोगों को वृद्ध लोग, बुजुर्ग, वरिष्ठ, वरिष्ठ नागरिक, वृद्ध वयस्क,और बुजुर्ग लोग कहते हैं। Balak vikas ki awasthaye

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