Akshansh Deshantar Latitude Longitude/ (Latitude and Longitude in Hindi)
भूगोल में किसी स्थान की स्थिति बताने के लिए अक्षांश एवं देशांतर रेखाओं का उपयोग किया जाता है। अक्षांश और देशांतर काल्पनिक रेखाएं हैं जिससे पृथ्वी पर किसी जगह की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। पृथ्वी का आकार Geoid रूप में है। उदाहरणस्वरूप नई दिल्ली की स्थिति 28° N एवं 77° E है।
Akshansh Deshantar Latitude Longitude
अक्षांश और देशांतर रेखाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने से पहले हमें भूमध्य रेखा या विषुवतीय वृत्त रेखा के बारे में जानना बहुत जरूरी है।
भूमध्य रेखा या विषुवतीय वृत्त रेखा (Equtor)
भूमध्य रेखा पृथ्वी की सतह पर उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव से समान दूरी पर स्थित एक काल्पनिक रेखा है जो पृथ्वी को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में विभाजित करती है।
अगर दूसरे शब्दों में कहें तो पृथ्वी के केंद्र से सर्वाधिक दूरस्थ भूमध्यरेखीय उभार पर स्थित बिन्दुओं को मिलाते हुए ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई कल्पनिक रेखा को भूमध्य रेखा या विषुवतीय वृत्त रेखा कहते हैं। इस रेखा पर वर्ष भर दिन-रात बराबर होतें हैं, इसलिए इसे विषुवत रेखा भी कहते हैं।
इस प्रकार हम देखते हैं कि भूमध्य रेखा एक ऐसी काल्पनिक रेखा है जो पूरे पृथ्वी को क्षैतिज रूप से दो बराबर भागों में बाँट देती है।
भूमध्य रेखा या विषुवत रेखा के बारे में विस्तृत जानकारी
अक्षांश रेखाएं (Latitude in Hindi)
- विषुवत रेखा के समानांतर ग्लोब पर पूर्व से पश्चिम की तरफ खीची गयी काल्पनिक रेखा को अक्षांस रेखा कहते है।
- किसी स्थान का अक्षांश (Latitude), धरातल पर उस स्थान की ‘उत्तर-दक्षिण स्थिति’ को प्रदर्शित करता है।
- उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों का अक्षांश क्रमशः 90 डिग्री उत्तर तथा 90 डिग्री दक्षिण होता है।
- अगर विषुवत रेखा से उत्तर की ओर एक एक डिग्री पर अक्षांश रेखा खिंची जाय तो हमें 90 अक्षांश रेखा प्राप्त होंगी, इनको उत्तरी अक्षांश रेखा कहते हैं।
- इसी प्रकार विषवत रेखा के दक्षिण में एक एक डिग्री पर अक्षांश रेखा खींचने पर हमें 90 अक्षांश रेखा प्राप्त होंगी जिन्हें दक्षिणी अक्षांश रेखा कहते हैं।
- इस प्रकार कुल आक्षांश रेखा की संख्या 180 होती है लेकिन विषुवत वृत्त/रेखा या भूमध्य रेखा भी एक अक्षांश रेखा ही है तो इस प्रकार कुल अक्षांश रेखाओं की संख्या 181 हो जाती है। Akshansh Deshantar Latitude Longitude
- सभी अक्षांश रेखाएं एक दुसरे के समानांतर होती हैं तथा इनको अंश (°) में प्रदर्शित किया जाता है।
- दो अक्षांशों के मध्य की दूरी 111 किमी। होती है।
- विषुवत वृत्त/रेखा 0 डिग्री अक्षांश को प्रदर्शित करता है।
- विषुवत वृत्त/रेखा के उत्तर के सभी अक्षांश उत्तरी अक्षांश, तथा दक्षिण के सभी अक्षांश दक्षिणी अक्षांश कहलाते हैं।
- पृथ्वी पर खींचे गए अक्षांश वृत्तों में विषुवत वृत्त/रेखा सबसे बड़ा है। इसकी लम्बाई 40069 किमी। है।
- कर्क वृत्त/रेखा या कर्क रेखा (अक्षांश रेखा) धरातल पर उत्तरी गोलार्द्ध में विषुवत वृत्त/रेखा से 23½°की कोणीय दूरी पर खींचा गया काल्पनिक वृत्त/रेखा है।
- मकर वृत्त/रेखा या मकर रेखा धरातल पर दक्षिणी गोलार्द्ध में विषुवत रेखा से 23½° की कोणीय दूरी पर खींचा गया काल्पनिक वृत्त/रेखा है।
- आर्कटिक वृत्त/रेखा धरातल पर उत्तरी गोलार्द्ध में विषुवत रेखा से 66½° की कोणीय दूरी पर खींचा गया काल्पनिक वृत्त/रेखा है।
- अंटार्कटिक वृत्त/रेखा धरातल पर दक्षिणी गोलार्द्ध में विषुवत वृत्त/रेखा से 66½° की कोणीय दूरी पर खींचा गया काल्पनिक वृत्त/रेखा है।
अक्षांश के अन्य महत्वपूर्ण भाग
- विषुवत वृत्त या इक्वेटर (0°)
- उत्तरी ध्रुव (90° N)
- दक्षिणी ध्रुव (90° S)
- कर्क रेखा (Tropic of Cancer) – यह उत्तरी गोलार्ध में 23½° N में स्थित है।
- मकर रेखा (Tropic of Capricorn) – यह दक्षिणी गोलार्द्ध 23½° S में स्थित है।
- आर्कटिक वृत्त/रेखा/गोला – यह विषुवत वृत्त के उत्तर में 66½° N अक्षांश पर स्थित है।
- अंटार्कटिक वृत्त/रेखा/गोला – यह विषुवत वृत्त के दक्षिणी भाग में 66½° S अक्षांश पर स्थित है।
पृथ्वी के अक्षांशीय ऊष्मा जोन (Earth’s Latitudinal Heat Zones in Hindi)
उष्ण कटिबंध (Tropics zone in Hindi)
कर्क तथा मकर वृत्त/रेखा के बीच सभी अक्षांशों पर मध्याह्न का सूर्य दिन में कम से कम एक बार ठीक सिर के ऊपर होता है। अतः इस क्षेत्र में सबसे अधिक गर्मी रहती है, इसलिए इस क्षेत्र को ‘उष्ण कटिबंध’ कहते हैं। पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा सूर्य की रौशनी पृथ्वी के इसी भाग को मिलती है
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शीतोष्ण कटिबंध (Temperate zone in Hindi)
कर्क वृत्त/रेखा के उत्तर में तथा मकर वृत्त/रेखा के दक्षिण में मध्याह्न का सूर्य कभी भी ठीक सिर के ऊपर नहीं चमकता। सूर्य की किरणों का कोण ध्रुवों की ओर घटता जाता है जिसके फलस्वरूप उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क वृत्त/रेखा तथा आर्कटिक वृत्त/रेखा के बीच एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में मकर वृत्त/रेखा तथा अंटार्कटिक वृत्त/रेखा के बीच साधारण तापमान रहता है। अतः यहाँ न तो अधिक सर्दी पड़ती है और न ही अधिक गर्मी । इसी कारण इसे ‘शीतोष्ण कटिबंध’ कहते हैं ।
शीत कटिबंध (Cold zone in Hindi)
उत्तरी गोलार्द्ध में आर्कटिक वृत्त/रेखा तथा उत्तरी ध्रुव के बीच एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में अंटार्कटिक वृत्त/रेखा और दक्षिणी ध्रुव के बीच के क्षेत्रों में काफी ठण्ड पड़ती है। इसका कारण यह है कि यहां सूर्य क्षितिज के ऊपर नहीं जाता। सूर्य की किरणें यहाँ काफी तिरछी पड़ती है। इसी कारण इन्हें’ ‘शीत कटिबंध’ कहते हैं।
किसी स्थान के अक्षांश का मान कैसे निकालते हैं?
किसी स्थान के अक्षांश का मान निकालने के लिए उस स्थान को धरती के केंद्र से मिलाने वाली रेखा तथा उसके देशांतर की रेखा विषुवत वृत्त/रेखा को जहां मिलती है, उस बिंदु से धरती के केंद्र से मिलाने वाली रेखा के बीच बने कोण को 90 डिग्री में से घटाने से प्राप्त होता है।
मतलब,
किसी स्थान के अक्षांश का मान = 90 – (उस स्थान को धरती के केन्द्र से मिलाने वाली रेखा तथा उसके रेखांश की रेखा विषुवत वृत्त/रेखा को जहा मिलती है उस बिंदु से धरती के केन्द्र से मिलाने वाली रेखा के बीच बना कोण)
देशांतर रेखाएं (Longitude Lines in Hindi)
- अक्षांश रेखा के लंबवत उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली अर्धवृत्ताकार रेखाओं को देशांतर रेखा कहते हैं।
- देशांतर रेखायें भी काल्पनिक रेखाएं हैं जो उत्तर से दक्षिण की ओर खींची जाती हैं।
- चूँकि एक बिंदु पर 360 डिग्री का कोण होता है तो इस प्रकार अगर एक-एक डिग्री पर रेखाएं खींची जाए तो हमें 360 देशांतर रेखायें प्राप्त होती हैं। तो इस प्रकार कुल देशांतर रेखाओं की संख्या 360 है।
- देशांतर रेखाएं उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर मिलती हैं, अत: ये अक्षांश रेखाओं की तरह एक दुसरे के समानांतर नहीं होती।
- भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी घटती जाती है।
- दो देशांतर रेखाओं के बीच अधिकतम दूरी भूमध्य रेखा के पास 111.32 किलोमीटर होती है।
- लंदन के एक शहर ग्रीनविच से गुजरती हुई एक देशांतर रेखा को 0 डिग्री देशांतर रेखा माना गया है जिसे “प्रधान मध्यान्ह देशांतर रेखा” (Prime Meridian) भी कहते हैं।
- ग्रीनविच रेखा ग्रीनविच नामक शहर से गुजरती है, इसी कारण इस रेखा को ग्रीनविच रेखा भी कहा जाता है।
- दुनिया का मानक समय ग्रीनविच रेखा से ही ज्ञात किया जाता है।
- ग्रीनविच रेखा पृथ्वी को लंवबत दो भागों में बांटती है, पूर्वी भाग तथा पश्चिमी भाग।
- ग्रीनविच रेखा से पूर्व दिशा में स्थित 180 देशांतर रेखाओं को पूर्वी देशांतर रेखा कहते हैं तथा ग्रीनविच रेखा से पश्चिम की ओर 180 देशांतर रेखाओं को पश्चिमी देशांतर रेखाएं कहते हैं ।
देशांतर और समय (Longitude & Time in Hindi)
- पृथ्वी अपनी धुरी पर 24 घंटो में एक चक्कर लगाती है अर्थात पृथ्वी 24 घंटो में 360° घूम जाती है तो पृथ्वी को 1° घूमने में 4 मिनट का समय लगता है अर्थात पृथ्वी को 1° देशांतर तय करने में 4 मिनट का समय लगता है।
- पृथ्वी अपने काल्पनिक अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है अतः ग्रीनविच से पूर्व के स्थानों का समय ग्रीनविच समय से आगे तथा पश्चिम के स्थानों का समय पीछे होता है।
- उदाहरण के लिए जब ग्रीनविच पर दोपहर के 12 बजते हैं, उस समय ग्रीनविच के पूर्व में 15° देशान्तर पर 15 × 4 = 60 मिनट यानी 1 घंटा समय आगे रहेगा किंतु ग्रीनविच के पश्चिम में 15° देशान्तर पर समय ग्रीनविच समय से एक घंटा पीछे रहेगा।
मानक समय एवं समय जोन (Time Zone in Hindi)
हर देश के लिए मानक समय और समय जोन बनाए गए हैं. अगर हर शहर अपने मध्याह्न के हिसाब से समय को मान कर रखने लगे तो उस शहर और दूसरे शहर के स्थानीय समय में काफी अंतर आ जायगा। किसी देश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते समय लोगों को हमेशा अपने घड़ी का समय बदलते रहना होगा, जोकि असुविधाजनक है। इस प्रकार की परेशानियों से बचने के लिए सभी देशों द्वारा एक मानक समय का पालन किया जाता है।
Akshansh Deshantar Latitude Longitude
ज्यादातर देश अपने यहाँ के मानक मध्याह्न के हिसाब से समय निश्चित करते हैं।
- किसी स्थान पर जब सूर्य आकाश में सबसे अधिक ऊँचाई पर होता है, उस समय दिन के 12 बजे होते हैं। इस समय को वहां का स्थानीय समय कहते हैं। एक देशान्तर रेखा पर स्थित सभी स्थानों का स्थानीय समय एक ही होता है।
- प्रत्येक देश की एक केन्द्रीय देशांतर रेखा (मानक मध्याह्न रेखा) के स्थानीय समय को ही संपूर्ण देश का मानक समय माना जाता है।
- भारत में 82.5° पूर्वी देशान्तर रेखा को यहां की मानक मध्याह्न रेखा माना जाता है। इस देशान्तर रेखा के स्थानीय समय को सारे देश का मानक समय माना जाता है।
- 82.5° पूर्वी देशांतर रेखा भारत में इलाहबाद के नैनी से होकर गुजरती है।
- कुछ बड़े देश जिनका क्षेत्रफल बड़ा है, जिनका देशान्तरीय विस्तार अधिक है, जैसे कि USA, कनाडा, रूस, चीन आदि यहाँ एक मानक समय जोन होना मुश्किल है, इसलिए वहां सुविधा के लिए एक से अधिक मानक समय मान लिए गए हैं। जैसे- रूस में 11 मानक समय हैं। USA एवं कनाडा में पांच समय जोन हैं – अटलांटिक, पूर्वी, मध्य, पहाड़ी एवं पैसिफिक समय जोन। अटलांटिक एवं पैसिफिक समय जोन के बीच का अंतर पांच घंटा है
- भारत का मानक समय ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) से 5 घण्टे 30 मिनट आगे है।
नोट: किसी भी देश या स्थान के मौसम के लिए अक्षांश और वहाँ के स्थानीय समय के लिए देशांतर रेखाएं जिम्मेदार होती हैं। देशांतर रेखाओं का सबसे महत्वपूर्ण काम यह है कि ये GMT या ग्रीनविच मीन टाइम के आधार पर किसी भी क्षेत्र का समय निकालने के काम आती हैं। GMT को World Time भी कहा गया है।
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अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा (International Date Line in Hindi)
अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा (International Date Line प्रशांत महासागर पे स्थित 180° देशांतर रेखा है, यह रेखा अल्यूशियन द्वीप समूह, फिजी, सामोआ और गिल्बर्ट आइलैंड्स में अपने सीधे मार्ग से विचलित हो जाती है। यह एक टेढ़ी/ वक्र (zig-zag) ज़िग-ज़ैग रेखा है। इस रेखा का निर्धारण 1884 में वाशिंगटन में संपन्न एक सम्मेलन में किया गया था।
जब कोई जलयान पश्चिम दिशा में यात्रा करता है, तो उसकी तिथि में एक दिन जोड़ दिया जाता हैं और यदि वह पूर्व की ओर यात्रा करता हैं तो एक दिन घटा दिया जाता हैं।
अर्थात पश्चिम की ओर तिथि रेखा को पार करने वाले यात्री (अर्थात जापान से यूएसए की ओर जाने वाले यात्री) एक दिन दोहराते हैं, अर्थात एक दिन का फायदा होता है और इसे पूर्व की ओर (अर्थात संयुक्त राज्य अमेरिका से जापान तक) पार करने वाले वाले यात्री एक दिन खो देता है।
Good lesson to increase knowledge.